राजपथ - जनपथ
मृत्युंजय और अनिल दुबे
बहुत कम समय होने के बावजूद भाजपा के मेयर प्रत्याशी मृत्युंजय दुबे ने निर्दलीय पार्षदों और कांग्रेस में सेंधमारी की भरपूर कोशिश की। निर्दलीय पार्षदों ने यह कहकर हाथ जोड़ लिए कि अब बहुत देर हो चुकी है। वे कांग्रेस के पक्ष में मतदान के लिए वचनबद्ध हैं। अलबत्ता, कांग्रेस का एक पार्षद जरूर पुराने संबंधों को देखते हुए भाजपा के साथ आने के लिए तैयार हो गया था।
सुनते हैं कि मृत्युंजय के बड़े भाई अनिल दुबे ने भी कांग्रेस में कोशिश की। यह खबर उड़ी कि कांग्रेस के कई पार्षद एजाज की उम्मीदवारी से खुश नहीं हैं। इसके बाद मतदान के घंटेभर पहले भाजपा के पक्ष में लाबिंग तेज हो गई। अनिल दुबे को एक महिला पार्षद के पति ने भरोसा दिलाया था कि उनकी पत्नी मृत्युंजय दुबे के पक्ष में मतदान करेंगी। इसके लिए उन्होंने किसी तरह की डिमांड भी नहीं की थी। अलबत्ता, पार्षद पति को आशंका थी कि कांग्रेस के लोग उन पर शक कर सकते हैं। उन्होंने अपनी दुविधा अनिल दुबे को बताई, तो अनिल दुबे ने उन्हें अपने दल का साथ न छोडऩे की नसीहत देकर दुविधा से बचा लिया।