राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मंथन जारी
09-Mar-2020
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष  मंथन जारी

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मंथन जारी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है। सुनते हैं कि पूर्व सीएम रमन सिंह, धरमलाल कौशिक और सौदान सिंह के बीच  गंभीर चर्चा भी हुई है। यह चर्चा सौदान सिंह के दिल्ली के भाजपा के पुराने दफ्तर स्थित कक्ष में हुई। रमन सिंह और धरमलाल कौशिक, पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को ही अध्यक्ष बनाने के पक्ष में बताए जाते हैं। मगर प्रदेश के सांसद इससे संतुष्ट नहीं हैं। यह भी चर्चा है कि रमन, धरम और सौदान मिलकर शिवरतन शर्मा का नाम आगे बढ़ा सकते हैं, लेकिन ये नेता आदिवासी वोटबैंक को लेकर भी चिंतित हंै। ऐसे में  राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम के नाम पर भी चर्चा हुई है। हल्ला है कि रामविचार के लिए सौदान तो तैयार हैं, लेकिन रमन-धरम की जोड़ी सहमत नहीं है। ऐसे में सभी धड़ों के बीच तालमेल रखने वाले नेता के नाम को आगे किया जा सकता है। ऐसे में कोई नया नाम आ जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। भाजपा के एक बड़े नेता ने पार्टी के भीतर चल रही इस मशक्कत पर कहा- समुंद्र मंथन तो कई दिनों से चल रहा है, देखें छत्तीसगढ़ के हाथ अमृत लगता है, या विष...

सरकारी अस्पताल को चुनौती
छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास के खिलाफ अकेले अभियान चलाते हुए डॉ. दिनेश मिश्रा ने देश-विदेश में सब जगह नाम कमाया है, और नीयत नाम कमाने की नहीं थी लोगों को जागरूक करने की थी। अब समाज में जागरूकता को नापने-तौलने की कोई मशीन तो होती नहीं, इसलिए यह अंदाज लगाना मुश्किल है कि उनकी मेहनत के बाद अंधविश्वास कितना घटा, और जागरूकता कितनी बढ़ी।

बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ के ग्राम नरधा में सरकारी उपस्वास्थ्य केंद्र के सामने ही एक बाबा का घर है, और लोग बीमारियों के साथ ही अन्य तकलीफों से मुक्ति पाने झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र वाले बाबा का सहारा ले रहे हैं। इलाज कराने आए लोगों का कहना है बाबा के पास आस्था लेकर लोग काफी दूर-दूर से आते हैं और इलाज कराते हैं। बाबा मां दुर्गारानी के समक्ष मंत्रोच्चार कर हर व्यक्ति का इलाज करते हैं और इसके एवज में पैसा नहीं केवल नारियल और अगरबत्ती लेते हैं। 

दिक्कत यह है कि अनपढ़ समझे या कहे जाने वाले लोग ही ऐसे बाबा के शिकार नहीं होते, पढ़े-लिखे कहे जाने वाले लोग भी अंधविश्वास में कहीं कम नहीं हैं। ऐसे बाबा बीमारियों के साथ-साथ बुरे सायों को हटाने का दावा भी करते हैं, और सरकारी अस्पताल के ठीक सामने सरकार और विज्ञान दोनों को चुनौती दे रहे हंै। अब लोकप्रियता की एक वजह यह भी हो सकती है कि बाबा इलाज के एवज में पैसा नहीं केवल नारियल और अगरबत्ती लेते हैं। दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में क्या लिया जाता है, इस तकलीफ को पूरी जनता जानती है। 

वहां इलाज कराने आए मरीज रजिस्टर में एंट्री कराकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। बाबा बहादुर सिंह प्रधान उर्फ ननकी प्रधान का कहना है कि इनके इलाज से लोग ठीक हो रहे हैं तभी यहां इलाज कराने आ रहे हैं। बाबा ने आगे बताया कि जब वह 7 साल का था तब उनको दुर्गा देवी ने आशीर्वाद के रूप में उन्हें ये प्रदान किया है। तब से लेकर आज तक इलाज करते आ रहे हैं। 

छत्तीसगढ़ में सरकारी डॉक्टरों की बड़ी कमी है, और ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ऐसे बाबा लोगों की सेवाएं ले सकता है, डॉ. दिनेश मिश्रा का क्या है, वे तो वैज्ञानिक सोच की बात करते हैं, जो कि आज एक अवांछित चीज है।

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