राजपथ - जनपथ
लॉकडाउन के बीच एसपी बदले !
लॉकडाउन के बीच पुलिस अफसरों के तबादले की जमकर चर्चा है। कुछ जिलों में एसपी की पदस्थापना को छह माह नहीं हुए हैं, उनका तबादला हो गया। मसलन, राजनांदगांव एसपी बीएस ध्रुव, कांकेर एसपी भोजराज पटेल और महासमुंद एसपी जितेन्द्र शुक्ला की छह माह के भीतर दूसरे जिले में पोस्टिंग हो गई। जितेन्द्र शुक्ला पहले आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहे। उन्हें हटाकर पीएचक्यू में लाया गया और फिर कुछ समय बाद महासमुंद पोस्टिंग की गई। इसके बाद वे महासमुंद एसपी बनाए गए और फिर अब उनकी पदस्थापना राजनांदगांव में की गई। इसी तरह राजनांदगांव जैसे बड़े जिले के एसपी रहे कमललोचन कश्यप को बीजापुर का एसपी बनाया गया है। कमललोचन की पोस्टिंग को नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने की कोशिशों के रूप में भी देखा जा रहा है।
कमललोचन नक्सल क्षेत्रों में अच्छा काम कर चुके हैं। तबादला सूची में कबीरधाम एसपी डॉ. लालउम्मेद सिंह का नाम होने से किसी को हैरानी नहीं हुई। वे अकेले एसपी थे जिसकी पोस्टिंग पिछली सरकार ने की थी और मौजूदा सरकार ने उन्हें अब तक नहीं बदला। इन सबके बीच रायपुर एएसपी प्रफुल्ल ठाकुर की महासमुंद एसपी के पद पर पदस्थापना की भी जमकर चर्चा हो रही है। प्रफुल्ल पिछले कुछ समय से रायपुर में अच्छा काम कर रहे थे और उन्हें ईनाम स्वरूप महासमुंद जिले का एसपी बनाया गया। वे प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेश ठाकुर के छोटे भाई हैं। फिर भी कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि लॉकडाउन खत्म होने तक का इंतजार नहीं किया गया?
लेकिन कुछ जानकार लोगों का यह कहना है कि बस्तर के ताजा नक्सल हमले में 17 शहादतों के बाद सरकार कुछ जिलों के एसपी तो बदलना चाहती ही थी, कुछ और ने तरह-तरह की वजहें भी दे रखी थीं, कुछ और ने अच्छा काम करके एक हक हासिल किया हुआ था जिसका सम्मान करना था।
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