राजपथ - जनपथ
लालबत्ती पर कोरोना की छाया
छत्तीसगढ़ में लंबे समय से लालबत्ती का इंतजार कर रहे लोगों को कोरोना ने निराश कर दिया है। उम्मीद थी कि राज्यसभा चुनाव निपटने यानि 26 मार्च के बाद निगम मंडल की लिस्ट आ जाएगी, लेकिन दावेदारों के अरमानों पर पानी फिर गया। हालांकि राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस खेमे में पहले ही निराशा थी, क्योंकि दोनों नाम दिल्ली से तय हो गए और राज्यसभा जाने का सपना संजोए नेताओं को झटका लगा। इस पूरे घटनाक्रम से एक बात यह भी साफ हुई है कि राज्यसभा में प्रदेश के बड़े नेताओं की नहीं चली है। ऐसे में लालबत्ती बांटने में एकतरफ चलने की उम्मीद कम ही दिखाई पड़ रही है। लिहाजा उन नेताओं के लिए यह दुब्बर बर दू आषाढ़ वाली स्थिति बन गई है। मतलब पहले से ही लालबत्ती किसी ने किसी कारण से अटक रही थी अब नए समीकरण से विपत्ति और बढ़ गई है।
थोड़ी ढिलाई भारी पड़ सकती थी
छत्तीसगढ़ में कोरोना प्रकोप अब तक नियंत्रण में है। अगर थोड़ी भी ढिलाई बरती गई होती, तो केरल-महाराष्ट्र जैसी बुरी स्थिति छत्तीसगढ़ में बन जाती। वजह यह है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई अतिरिक्त संसाधन मुहैया नहीं कराए थे। दो दिन पहले कोरोना टेस्ट की किट भी खत्म हो गई थी। और कोरोना जांच भी तकरीबन बंद होने की स्थिति बन गई थी। ऐसे में एम्स प्रबंधन और राज्य सरकार ने केन्द्र पर दबाव बनाया, तब कहीं जाकर विशेष विमान से किट और मास्क भेजे गए।
कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए चिकित्सकों से लेकर वार्डब्वॉय तक के लिए विशेष पोशाक की जरूरत होती है, लेकिन यह सिर्फ एम्स और दो-तीन अस्पतालों में ही चिकित्सकों को उपलब्ध कराए गए हैं। महासमुंद और एक-दो जगहों में तो चिकित्सक संदिग्धों की जांच रेनकोट पहनकर कर रहे हैं। इसी तरह विशेष मास्क भी खत्म हो गए हैं, ऐसे में हल्के स्तर का मास्क पहनकर काम चलाया जा रहा है।
शहरों के मुकाबले ग्रामीणों में कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूकता ज्यादा देखने को मिल रही है। हाल यह है कि रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बेमेतरा सहित अन्य जिलों में बाहर से आए मजदूरों की जानकारी खुद होकर ग्रामीण, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को दे रहे हैं। गांव के स्कूलों और पंचायत भवनों में मजदूरों को क्वारंटाइन में रखकर जांच भी हो रही है। कुल मिलाकर अब तक का हाल यह है कि कोरोना छत्तीसगढ़ में पांव नहीं पसार सका है, जो भी मरीज संक्रमित हुए हैं उनमें से 8 में से 7 विदेश से लौटे हुए यात्री हैं। सिर्फ एक व्यक्ति शायद संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से कोरोना पीडि़त हुआ है। कुल मिलाकर स्थिति अभी काबू में हैं। ([email protected])