राजपथ - जनपथ
उस वक्त तो सिंंहदेव ने...
वैसे तो राज्यसभा चुनाव के वक्त ही राजस्थान में सचिन पायलट समर्थक विधायकों के तेवर गरम थे तब उस समय डैमेज कंट्रोल के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला और टीएस सिंहदेव को लगाया गया था। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को हाईकमान ने चुनाव पर्यवेक्षक बनाया था। सुनते हैं कि कुछ विधायक तो क्रास वोटिंग कर सीएम अशोक गहलोत को सबक सिखाना चाहते थे।
भाजपा के रणनीतिकार तो कांग्रेस की अंदरूनी लडाई का फायदा उठाने के पहले से ही तैयार बैठे थे। भाजपा से जुड़े थैलीशाह जयपुर में डेरा डाले हुए थे। तब सिंहदेव ने नाराज चल रहे पायलट समर्थक विधायकों से व्यक्तिगत चर्चा की और उन्हें मनाने में कामयाब रहे। विधायकों की नाराजग़ी यह थी कि पायलट खेमे से जुड़े होने के कारण सीएम उन्हें महत्व नहीं देते, उनके क्षेत्रों में काम नहीं हो पा रहे हैं। सुरजेवाला और सिंहदेव ने विधायकों को भविष्य में ऐसा नहीं होने भरोसा दिलाकर पार्टी के खिलाफ जाने से रोक दिया था।
राष्ट्रीय महासचिव के वेणुगोपाल ने, जो कि राज्यसभा प्रत्याशी भी थे उन्होंने सुरजेवाला और सिंहदेव के प्रयासों की सराहना की थी। मगर चुनाव होते ही पायलट समर्थक विधायकों के प्रति सीएम का रूख नहीं बदला और फिर अब जो हो रहा है वह सबके सामने है।
कुछ जिलों का रहस्य..
छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। रायपुर में तो कोरोना की रफ्तार अब बेकाबू हो रही है। मगर आश्चर्यजनक तरीके से कुछ जिले, जहां पहले कोरोना तेजी से फैल रहा था वहां एक-दो ही पाजिटिव केस आ रहे हैं।
अंदर की खबर यह है कि यहां के कलेक्टर और अन्य आला अफसरों की कोशिश रहती है कि टेस्ट कम से कम हों । अब टेस्ट कम होंगे तो पाजिटिव केस भी कम आएंगे। वैसे भी दो तीन महीनों में कोराना की दवा आने की संभावना है। ऐसे में किसी तरह समय काटने से वाहवाही मिल रही है, तो हर्ज क्या है।