राजपथ - जनपथ
सूखी जगह की तलाश में...
बारिश का वक्त जानवरों के लिए खासी मुश्किल का होता है। वे गीली जगह पर बैठ नहीं पाते, और सूखी जगह बचती नहीं है। इसी के चलते गाय, सांड सडक़ों पर बैठे दिखते हैं जहां से पानी सूख चुका रहता है। दूसरी तरफ बिलासपुर के फोटोग्राफर सत्यप्रकाश पांडेय को एक ऑटोरिक्शा में बैठे ये कुत्ते दिखे, जब तक ऑटो मालिक आ जाए, तब तक तो एक सूखी जगह हासिल है ही।
गालियां नोट कर लेना...
विधानसभा सत्र के पहले दिन दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी को श्रद्धांजलि दी गई। और सत्ता व विपक्ष के कई सदस्यों ने उनसे जुड़े संस्मरण भी सुनाए। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने उनके मुख्यमंत्रित्वकाल की कुछ घटनाओं को याद किया। चौबे ने कहा कि वे उस समय संसदीय कार्यमंत्री थे। तब विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया। उस समय विपक्ष आज से थोड़ा ज्यादा ताकतवर था।
जोगीजी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया, तो उन्होंने कहा कि हम खुद सदन की कार्रवाई का बहिष्कार करेंगे। मैंने कहा आप कैसे बहिष्कार कर देंगे? अविश्वास प्रस्ताव का सामना तो करना पड़ता है। जोगीजी ने कहा सामना करना पड़ता है ये सामूहिक जिम्मेदारी है। आप संसदीय कार्यमंत्री हो, आप अपनी जगह बैठना। मैंने कहा कि मैं अकेले कैसे बैठूंगा, मुझे पानी पीने भी जाना पड़ सकता है। उस समय रामलाल भारद्वाज कांग्रेस विधायक दल के सचेतक हुआ करते थे। जोगी ने कहा कि भारद्वाज को भी साथ रख लिए रहना। सारे सदन में उस समय सीएम जोगी सहित पूरी सरकार सदन से बाहर थी।
चौबे ने बताया कि विपक्षी सदस्य पता नहीं कितना पढक़र आए थे। पूरे छत्तीसगढ़ी के शब्दों में, मुहावरों में गालियां हुआ करती थीं। मैंने अपने जीवन में पहली बार इतना सुना था। सारे विपक्ष के लोगों ने सुबह साढ़े 10 बजे विधानसभा शुरू हुई थी और रात्रि ढाई-पौने 3 बजे तक नंदकुमार साय से लेकर आखिरी मोर्चे तक हर कोई गाली देते रहा। मैं यहां बैठा सुनता रहा। मैंने जोगीजी से पूछा कि इनकी खाली गाली सुनना भर है? तो वह बोले की उसको नोट भी कर लेना। चौबे ने कहा कि अब गाली को मैं कैसे नोट करता। मगर जोगीजी में क्षमता थी।