राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : नेता, अफसर सब उड़ा रहे कोरोना का मखौल
11-Sep-2020 6:04 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : नेता, अफसर सब उड़ा रहे कोरोना का मखौल

नेता, अफसर सब उड़ा रहे कोरोना का मखौल

प्रदेश में कोरोना का संक्रमण जिस तेजी से हो रहा है उससे कहीं अधिक रफ्तार इससे होने वाली मौतों की है। 55 हजार से कुछ ज्यादा संक्रमित मरीजों में से करीब 26 हजार ठीक हो चुके, पर मौतों का आंकड़ा 500 पहुंच गया। शुरूआती दिनों में लोगों में जिस तरह सावधानी बरती, वह अब धीरे-धीरे गायब होती जा रही है। नेता अपने जन्मदिन पर केक काट रहे हैं, उद्घाटन और भूमिपूजन कर रहे हैं। दूसरी ओर अधिकारी ग्रुप फोटो पोस्ट कर बता रहे हैं कि वे भी कोरोना से लडऩे के मामले में बिल्कुल संजीदा नहीं। इनमें पुलिस विभाग के भी अधिकारी भी हैं जिनकी जवाबदारी ही लोगों से कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन कराने की है। सोशल मीडिया पर इन दिनों राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष की समर्थकों के साथ फोटो दिखाई दे रही है जिसमें किस तरह भीड़ के बीच उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया। एक थाने के टीआई ने भी अपने करीबियों के साथ ग्रुप फोटो डाली। ऐसी स्थिति में आखिर क्या हो सकता है?  लॉकडाउन के चार चरणों के बाद यह निष्कर्ष निकाला जा चुका है कि पूर्णबंदी कोरोना के प्रसार को कुछ दिनों के लिये रोक तो सकता है पर स्थायी समाधान तो अनलॉक में रहते हुए अनुशासित रहने से ही निकलेगा। कम से कम उन लोगों से तो एसओपी का पालन करना ही चाहिये, जिनकी गतिविधि से आम लोग सबक लेते हैं।

टैक्स में छूट का दायरा और बढ़ेगा?

लॉकडाउन उठा लिये जाने के बाद भी कई व्यवसाय ऐसे हैं जहां गतिविधियां अब सामान्य नहीं हो सकी हैं। रेस्टारेंट और बार काफी दिनों बाद बड़ी सावधानियों के बाद खोले जा चुके हैं। खुलने के बाद भी इनमें लोग जाने से कतरा रहे हैं। बसों को शुरू किया गया है पर लम्बी दूरी की कुछ बसों को छोड़ दें तो बाकी में सवारी नहीं मिल रही हैं। ऐसे में सरकार ने उन्हें टैक्स में बड़ी रियायत दी। अब सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स ओनर्स भी मांग कर रहे हैं कि उन्हें प्रापर्टी टैक्स और बिजली बिल में छूट मिले। ये दोनों अब तक शुरू नहीं हो पाये हैं। शुरू करने की अनुमति मिल भी गई तो छह-छह फीट की दूरी बनाकर फिल्म देखना एक अलग अनुभव होगा। देखना होगा कि सरकार इनकी मांग पर क्या रुख अपनाती है। एक दिक्कत सामाजिक भी है. लोग अकेले बैठकर फिल्म देखने तो जाते नहीं, और साथ जाकर अकेले बैठना बड़ा अजीब होगा. क्या कमाऊ कारोबार से उम्मीद की जा सकेगी कि वह नियम लागू करने की कोशिश करे और ग्राहक खोये? और क्या प्रेमी जोड़े से उम्मीद की जा सकेगी कि वह अलग-अलग बैठे?

इधर विवाह भवन, मैरिज पैलेस, मैरिज गार्डन भी इंतजार में हैं कि सरकार अतिथियों की संख्या बढ़ाने की मांग माने। इसमें फोटोग्राफर, टेंट, बिजली डेकोरेटर, केटरिंग सर्विस वाले भी शामिल होते हैं उनका भी धंधा चौपट पड़ा हुआ है। अगले दो महीनों में विवाह के बहुत से मुहूर्त भी हैं जिसके लिये वे बुकिंग करना चाहते हैं। उन्हें भी सरकार के नये सर्कुलर का इंतजार है।

हेल्थ अफसरों के स्कैंडल

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में पिछले कुछ दिनों से एक के एक बाद दैहिक शोषण की शिकायतें सामने आ रही हैं। विभाग के दो बड़े अधिकारियों के खिलाफ स्वास्थ्य कर्मी और स्टूडेंट्स ने शिकायत दर्ज कराई है। चर्चा है कि ऐसे आरोपों में दो-तीन बड़े अधिकारी और निपटेंगे। उनके खिलाफ भी पुलिस व महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। जांच के बाद इन मामलों में सच्चाई सामने आ पाएगी, लेकिन ऐसे संगीन मामलों में भी कार्रवाई सुस्त रफ्तार से चल रही है। शिकायत सामने आने के कई दिन बाद अधिकारियों के खिलाफ निलंबन जैसी कार्रवाई हो रही है, जबकि तमाम मामलों में पीडि़ता की ओर से शिकायत के बाद बयान की कार्रवाई भी चुकी है। कार्रवाई में देरी के कारण आरोपी अधिकारी अंडरग्राउंड हो रहे हैं और देर सबेर उन्हें जमानत मिल जाती है। अब जब स्वास्थ्य विभाग के एक-दो और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ शिकायत की चर्चा है, तो स्वाभाविक है कि उन्हें भी इसकी जानकारी लग गई होगी और अपने बचाव में कानूनी तैयारी कर रहे होंगे। ऐसा नहीं है कि शिकायत करने वालों को सहयोग नहीं मिल रहा है, उन्हें बकायदा कार्रवाई का भरोसा दिलाकर सामने लाया जा रहा है, उसके बाद भी शिकायत मिलते ही कार्रवाई नहीं होना संदेह को जन्म दे रहा है।

स्वास्थ्य विभाग में बाकी दवाएं भले नकली या घटिया खरीदी जा रही हों, कम से कम सेक्स-वर्धक दवाएं अच्छी क्वालिटी की दिख रही हैं। 

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