राजपथ - जनपथ
कॉलेज तो खुलेंगे, आयेंगे बच्चे ?
कोरोना के नये मामलों में आई गिरावट स्थायी है या नहीं, यह साफ तौर पर कोई नहीं बता पा रहा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि इसकी दूसरी लहर ठंड के मौसम में आ सकती है। दूसरी तरफ धीरे-धीरे स्थिति सामान्य करने की कोशिश भी चल रही है। शिक्षा को कोरोना महामारी के कारण बड़ा नुकसान हुआ। अब हाईस्कूल से लेकर कॉलेजों में भी कक्षायें शुरू करने की कोशिश की जा रही है। एक नवंबर से स्कूल कॉलेज खोलने का आदेश सरकार की तरफ से जारी किया गया है लेकिन पालकों, छात्र-छात्राओं की ओर से उत्साह नहीं दिखाया जा रहा है। कॉलेजों में तो प्रवेश की अंतिम तिथि तीसरी, चौथी बार बढ़ाई गई लेकिन सीटें पूरी नहीं भर पा रही हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे निजी कॉलेज भी हैं जिन्हें यूजीसी से किसी तरह का अनुदान नहीं मिलता और वे विद्यार्थियों की फीस पर ही निर्भर हैं। कोरबा, अम्बिकापुर, बिलासपुर में कई निजी कॉलेज हैं जिनमें एडमिशन 25 फीसदी भी नहीं हो पाई। खर्च नहीं निकल पाने के कारण वहां काम करने वाले स्टाफ को वेतन का संकट बना हुआ है। कक्षायें शुरू होने की घोषणा के बाद भी एडमिशन लेने की कोई हड़बड़ी छात्रों ने नहीं दिखाई। इसके चलते कई में तालाबंदी की स्थिति भी बन रही है। सामान्य दिनों में जनवरी माह तक कोर्स पूरा होने के बाद परीक्षा की तैयारियों का अवकाश शुरू हो जाता है। मौजूदा परिस्थिति यही बताती है कि छात्र-छात्राओं का एक साल यानि दो सेमेस्टर कोरोना की भेंट चढ़ रहा है।
मेरा साया साथ होगा
मरवाही में जोगी परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ पाया। जोगी की चुनाव में प्रासंगिकता बनाये रखने के लिये छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस द्वारा न्याय यात्रा निकाली जा रही थी। कोटा विधायक ने जन समस्या निवारण और कोरोना पर जागरूकता लाने के नाम पर जीपीएम प्रशासन व रिटर्निंग ऑफिसर से अनुमति मांगी थी जो नहीं मिली। अब अमित जोगी और डॉ. रेणु जोगी की मरवाही में सभायें नहीं हो सकेगी। इसके बावजूद चुनाव में जोगी की अप्रत्यक्ष मौजूदगी कायम है। चुनावी सभाओं में जोगी का प्रसंग उठाना न तो भाजपा के नेता भूल रहे न ही कांग्रेस के। भाजपा के कई बड़े आदिवासी नेता अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने का स्वागत कर चुके हैं, पर भाजपा के प्रचार में जुटे अनेक भाजपा नेता जोगी कांग्रेस और उनके समर्थकों के प्रति हमदर्दी दिखा रहे हैं। वे भाषणों में कह रहे हैं, अमित के साथ अन्याय हुआ ऐसा नहीं होना चाहिये था। यह अलग बात है कि जब तक अजीत जोगी थे उन पर सवाल उठाकर ही लगातार कई चुनावों में भाजपा ने बढ़त हासिल की। इधर कांग्रेस नेता अपने भाषणों में जोगी को नकली बता रहे हैं। इसे लेकर डॉ. रेणु जोगी ने आपत्ति की और चुनाव आयोग के पास शिकायत भी दर्ज कराई है। मतलब, अमित, डॉ. रेणु जोगी को न्याय यात्रा निकालने, जन सम्पर्क करने का मौका मिले न मिले जोगी मरवाही चुनाव के केन्द्र में बने हुए हैं।