राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पिछली सरकार से अब तक...
06-Nov-2020 5:21 PM
 छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पिछली सरकार से अब तक...

पिछली सरकार से अब तक...

कांकेर जिले के एक विधायक पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यप्रणाली से खफा हैं। विधायक के इलाके में पिछली सरकार ने 12 करोड़ खर्च कर एक सडक़ बनवाई थी। विधायक का कहना है कि सडक़ बनी ही नहीं, और अफसर-ठेकेदार और प्रभावशाली लोगों ने राशि हजम कर ली। विधायक महोदय पूरे दस्तावेज लेकर यहां-वहां घूम रहे हैं, लेकिन  इसकी जांच नहीं हो पा रही है।

वे खुलकर इस विषय पर कुछ नहीं कह पा रहे हैं क्योंकि सरकार अपनी है। विधायक एक-दो बार इस सरकार के विभागीय मंत्री से बात भी कर चुके हैं, मगर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने विधानसभा में सवाल भी लगाया था, लेकिन तकनीकी कारणों से नहीं लग पाया। वे सीएम को भी इससे अवगत करा चुके हैं, परन्तु जांच शुरू नहीं हो पाई। चर्चा है कि अज्ञात शक्तियां विधायक की मंशा पूरी नहीं होने दे रही है। विधायक ने भी हार नहीं मानी है, वे इस पर विधानसभा में दस्तावेज समेत भ्रष्टाचार को उजागर करने की योजना बना रहे हैं। देखते हैं कि विधायक महोदय की मंशा पूरी होती है, अथवा नहीं।

बर्दाश्त घटा, भाषण में किफायत

सरकार जाने के बाद अब भाजपा के कई नेता अपने ही नेताओं के लंबे-चौड़े भाषण से परहेज करने लगे हैं। वजह भी साफ है कि पार्टी नेताओं के भाषणों को अर्से से सुनते रहे हैं, और इससे कोफ्त होना स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही नजारा अजा मोर्चे के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नवीन मारकण्डेय के पदभार ग्रहण कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला। मारकण्डेय लंबा-चौड़ा भाषण देने के मूड में आए थे, लेकिन उन्हें जल्दी भाषण खत्म करने कहा गया।

कुछ इसी तरह डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को भी अपनी बात संक्षिप्त में रखने के लिए कहा गया। पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू लंबे समय से मंच से वंचित रहे हैं। उनकी भी इच्छा काफी कुछ कहने की थी, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल ने उन्हें टोक दिया, और जल्दी भाषण खत्म करने के लिए कह दिया। इसके बाद गौरीशंकर अग्रवाल को भाषण देने बुलाया जा रहा था कि बृजमोहन अग्रवाल ने फिर हस्तक्षेप किया और कहा कि सीधे प्रदेश अध्यक्ष को ही बुलाया जाए। गौरीशंकर भाषण नहीं दे सके, और फिर विष्णुदेव साय के भाषण के बाद कार्यक्रम खत्म कर दिया गया।

मरवाही में स्थानीय कांग्रेसियों की बेइज्जती

कांग्रेस ने मरवाही चुनाव प्रचार के लिये बाहर के कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में तैनात किया था। इनमें से कुछ लोगों का बर्ताव स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बेहद खराब रहा। पेन्ड्रा में कांग्रेस की समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई। एक महिला कार्यकर्ता तो बैठक में ही फफक-फफक कर रो पड़ी। उन्होंने कहा कि एक प्रदेश पदाधिकारी हमें ईमानदारी और निष्ठा का पाठ पढ़ाने लगे। हम पर आरोप लगाने लगे कि हम लापरवाही से काम कर रहे हैं। बैठक में उक्त महिला कार्यकर्ता ने जब बात रखी तो बाकी लोगों की भड़ास भी निकल पड़ी। जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने जैसे तैसे सबको शांत किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन दिन तक मरवाही में तूफानी प्रचार किया था। उनकी जनसभा जोगीसार में भी हुई। इसे जोगी परिवार का गांव कहा जाता है और कई लोग उन्हें अपना रिश्तेदार भी बताते हैं। सभा में अच्छी भीड़ उमड़ी लेकिन वहां के सरपंच को ही मंच पर नहीं बुलाया गया। इसके अलावा जनपद के कई पदाधिकारी, महिला कांग्रेस की स्थानीय कार्यकर्ता स्वागत करने के लिये तरस गये। सभा खत्म होने के बाद वे इसका दर्द लोगों से साझा करते हुए दिखे। कांग्रेस के बाहर से आये नेताओं ने मरवाही में अपने बर्ताव से कितने वोट जुटाये, कितने बिगड़े, यह नतीजा आने पर ही मालूम होगा।

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