राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : गंगा-यमुना-सरस्वती
24-Nov-2020 6:22 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : गंगा-यमुना-सरस्वती

गंगा-यमुना-सरस्वती

दिल्ली में नए नवेले सांसदों के रहने की व्यवस्था हो गई है। केन्द्र सरकार ने तीन टॉवर बनाए हैं, जिनमें सांसदों के लिए कुल 76 फ्लैट बनाए गए हैं। तीनों टॉवर का नाम गंगा-यमुना-सरस्वती रखा गया है। इसके उद्घाटन के बाद नए सांसदों को फ्लैट आबंटित करने की प्रक्रिया चल रही है। सुनते हैं कि छत्तीसगढ़ के दो सांसद सुनील सोनी और डॉ. ज्योत्सना महंत को भी फ्लैट आबंटित किया गया है।

सुनील सोनी, गेस्ट हाउस में रहते हैं। हालांकि प्रदेश के अन्य भाजपा सांसदों को पहले ही फ्लैट मिल चुका है। सोनी को गंगा टॉवर में फ्लैट आबंटित होने की सूचना आई है। डॉ. ज्योत्सना महंत को भी नए टॉवर में फ्लैट आबंटन की प्रक्रिया चल रही है। नए फ्लैट में न सिर्फ सांसद बल्कि उनके अतिथियों के लिए रहने की व्यवस्था है। दिल्ली में आवास के लिए भारी मारामारी रहती है। अब रहने-ठहरने की व्यवस्था होने के बाद सांसद बेहतर ढंग से अपना कामकाज निपटा सकेंगे।

 प्रभावशाली लोगों का अवैध काम

वीआईपी रोड के आसपास में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग हुई है।  रोड-नाली का अता-पता नहीं होने के बाद लोगों ने ऊंचे दाम पर प्लॉट खरीदे हैं। सुनते हैं कि भाजपा के एक दिग्गज नेता के पुत्र ने प्लॉटिंग की है, चूंकि नेता पुत्र की कांग्रेस में भी रिश्तेदारी है। नोटबंदी के दौरान भी नेता पुत्र ने डुमरतराई में प्लाटिंग कर काफी माल बनाया था। वहां भी काफी अनियमितता हुई थी, जो कि फाइलों में कैद होकर रह गया।  यहां भी अवैध प्लाटिंग के बाद भी, लोगों ने यह सोचकर प्लॉट खरीदा कि देर सवेर सबकुछ ठीक हो जाएगा। लोगों का सोचना गलत भी नहीं है। वैसे भी प्रभावशाली लोगों का अवैध काम भी जल्द वैध हो जाता है।

महिला की जगह नाम में भी नहीं!

हिंदुस्तान की सोच में पुरूष की अपरंपार महिला इतने गहरे पैठी हुई है कि किसी भी जगह पुरूष शब्द में महिला को शामिल मान लिया जाता है। कुछ बरस पहले छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के वक्त राजधानी रायपुर के बड़े बाग-बगीचों में बापू की कुटिया बनाई गई थी, जहां बुजुर्ग लोग जाकर बैठ सकते थे, वक्त गुजार सकते थे, टीवी देख सकते थे। इनके भीतर टीवी लगाए गए थे, और कुर्सियां रखी गई थीं। लेकिन जैसा कि इनके नाम से ही साफ था, ये बापू के लिए बनाई गई कुटिया थीं, बा के लिए नहीं। जब नाम में ही बापू लिखा गया था, तो महिलाएं वहां जाती भी कैसे? रायपुर की चौबे कॉलोनी में बनाई गई ऐसे कुटिया के साथ मेघा सेवा समिति (मातृ शक्ति वाहिनी) लिखा हुआ है। नाम में तो महिला ही महिला है, लेकिन कुटिया के नाम में बा का नाम नहीं है, महज बापू का नाम है। और वहां घूमने वाले लोगों को यह अटपटा भी नहीं लगता है कि महिला को नाम में भी जगह नहीं मिली है।

चिटफंड कम्पनियों की जमीन औने-पौने?

चिटफंड घोटाले के भीतर कहीं एक और घोटाला तो नहीं होने जा रहा? यह सवाल निवेशकों और एजेंटों की तरफ से आया है। राजनांदगांव में एक चिटफंड कम्पनी की राजसात की गई 202 एकड़ जमीन को  आठ करोड़ रुपये में बेचा गया और कई निवेशकों के फंसे पैसों की आंशिक भरपाई की गई। निवेशक कह रहे हैं कि कम्पनियों की जमीन किस रेट में बेचे जा रहे हैं इस पर कोई निगरानी ही नहीं है। राजनांदगांव की जमीन की वास्तविक कीमत कई गुना ज्यादा हो सकती है। एजेंटों की मानें तो करीब आठ, दस बड़ी चिटफंड कम्पनियों ने ही 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम डुबा दी है। राजनांदगांव की बिक्री से जो राशि मिली वह उस कम्पनी में लगाई गई रकम की सिर्फ 30 फीसदी राशि है। यदि इतनी ही कम राशि कम्पनियों की सम्पत्ति से इक_ी होती रही तो निवेशकों को आधी रकम भी नहीं चुकाई जा सकेगी, मूलधन और ब्याज मिलना तो दूर की बात है। अब वे इस बात को लेकर आशंकित हैं कि कहीं प्रॉपर्टी मामूली कीमत पर बेचने का कोई खेल तो नहीं किया जा रहा। निवेशकों के वकील का कहना है कि वे हाईकोर्ट से दरख्वास्त करेंगे कि कोर्ट की निगरानी में सम्पत्ति बेची जाये और इसमें पारदर्शिता बरती जाये, ताकि अच्छी कीमत मिले और निवेशकों का ज्यादा से ज्यादा पैसा निकाला जा सके।

शादियों की बुकिंग बचाने की चिंता

देश के कई राज्यों में कोरोना ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अचानक मामले बढ़े हैं। इससे बचाव के लिये इन राज्यों में कई जरूरी कदम उठाये गये हैं। मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना कई गुना बढ़ा दिया गया, बड़े शहरों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा दी गई, सार्वजनिक समारोहों, शादी ब्याह पर फिर से सीमा लगा दी।  त्यौहार के बाद छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के केस बढ़े हैं पर अगस्त, सितम्बर की तरह पीक पर नहीं है। कुछ ही दिन हुए शादियों के लिये मेहमानों की संख्या बढ़ाई गई। लॉकडाउन नहीं करने का निर्णय लिया गया और फिलहाल मास्क पर बहुत ज्यादा सख्ती भी नहीं बरती जा रही है। पर आने वाले कुछ दिनों में क्या होगा कहा नहीं जा सकता। शादी के बहुत से मुहूर्त आने वाले दिनों में है। लोगों ने दो-ढाई सौ मेहमानों को निमंत्रण दे रखा है। महीनों से खाली बैठे टेंट, डेकोरेटर, वाद्य यंत्रों, कैटरिंग से जुड़े लोगों के हाथ ऑर्डर आये हैं। उन्हें केवल यह डर सता रहा है कि कहीं अचानक कोरोना के केस न बढऩे लगें। इसके चलते नई पाबंदी लग जायेगी और बुकिंग हाथ से निकल जायेगी।

मास्क पहनकर राउत करेंगे नृत्य

कोरोना महामारी फैलने के डर से सामाजिक, धार्मिक समागम पर रोक लगी हुई है। ईद की नमाज, नवरात्रि का जसगीत, गरबा, पडाल और देवी दर्शन, रावण दहन और दीपावली मिलन पर ग्रहण लगा रहा। अब धीरे-धीरे कई गतिविधियों में छूट दी जा रही है जिसमें लोग बड़ी संख्या में एक साथ एकत्र हो सकते हैं। बिलासपुर में राउत नाच महोत्सव हर साल मनाया जाता है जिसमें प्रदेशभर से टोलियां आती हैं और विशाल लाल बहादुर शास्त्री मैदान में हजारों लोग एकत्र होते हैं। एकादशी के बाद वाले शनिवार को यह मड़ई लगती है। कोरोना के चलते इस बार इसकी संभावना धूमिल थी, पर अब कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का आश्वासन मिलने के बाद एक सप्ताह तारीख बढ़ाकर मंजूरी दे दी गई है। दरअसल अभी तक कई आयोजनों को इसलिये अनुमति नहीं दी गई थी कि भीड़ इतनी अधिक होगी कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कराया जा सकेगा। राउत नाच महोत्सव आयोजन समिति चिंतित थी कि कहीं 43 साल पुरानी परम्परा टूट न जाये, इसलिये उसने प्रशासन को आश्वस्त किया है कि वहां पहुंचने वाले सभी दर्शक मास्क और दूरी का ख्याल तो रखेंगे जो टोलियां नृत्य के लिये मंच पर आयेंगी उनको भी मास्क पहनना जरूरी होगा। तो हमें तैयार रहना है देखने के लिये कि मास्क पहनकर टोलियां नृत्य कैसे करेंगीं, और दोहे कैसे गाये जायेंगे?

एनसीबी यदि छत्तीसगढ़ आये तो...

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इन दिनों मुम्बई में खासकर बॉलीवुड में नशे के खिलाफ स्वच्छता अभियान चला रहा है। ताजा गिरफ्तारी कामेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष की है। कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। जो खबर आई उसके मुताबिक दंपती से बरामद नशे का सामान 68 ग्राम गांजा था। दोनों गांजा पीते हैं यह उन्होंने पूछताछ के दौरान मान लिया है, ऐसा जांच अधिकारी बता रहे हैं। इस आंकड़े पर जायें तो मुम्बई तो छत्तीसगढ़ के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती। यहां तो किलो, क्विटंल और बोरियों में गांजे की तस्करी होती है। एक शहर से दूसरे शहर, एक राज्य से दूसरे राज्य। और यह धर-पकड़ तब हो रही है जब छत्तीसगढ़ की राज्य पुलिस को घूमते-फिरते सुराग मिल जाते हैं। एनसीबी यदि छत्तीसगढ़ आ जाये तो मुम्बई की तरह मामूली मामलों में हाथ नहीं डालना पड़ेगा। उन्हें और बड़े तस्कर और खरीदार मिल सकते हैं। हां,यह पता नहीं कि एनसीबी यहां पहुंचेगी तो उनके साथ साथ न्यूज चैनल वाले पहुंचेंगे या नहीं।

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