इतिहास

इतिहास में 7 दिसंबर
06-Dec-2020 11:09 PM
इतिहास में 7 दिसंबर
  • 1782-  मैसूर के सुल्तान हैदर अली का निधन।
  • 1825- ईस्ट इंडिया कंपनी  का भाप के इंजन वाला जहाज पहली बार भारत पहुंचा। 
  • 1826- देश में पहली बार आधिकारिक तौर पर हिंदू विधवा विवाह सम्पन्न हुआ। 
  • 1981- यूरोपिय देश स्पेन नाटो का सदस्य बना। 
  • 1987- कैलिफोर्निया में साउथ वेस्ट एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त , 43 लोगों की मौत। 
  • 1988- अरमेनिया में भूकंप से 25 हजार लोगों की मौत, करीब पांच लाख बेघर हुए। 
  • 1995- दूरसंचार उपग्रह इनसेट 2 सी का प्रक्षेपण।  दक्षिण एशिया वरीयता व्यापार समझौता (साप्टा) प्रभावी।
  • 2001 - कंधार में तालिबान ने हथियार डाले, विक्रमसिंघे श्रीलंका के नये प्रधानमंत्री नियुक्त।
  • 2002 - तुर्की की आजरा अनिन मिस वल्र्ड 2002 बनीं।
  • 2004 - हामिद करजई ने अफगानिस्तान के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की।
  • 2007 - यूरोप की कोलम्बर प्रयोगशाल को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचाने वाली अटलांटिस की बहुप्रतीक्षित उड़ान तकनीकी कारणों से स्थगित।
  • 2008 - हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने चन्द्रमोहन को मुख्यमंत्री पद से बर्ख़ास्त किया। भारतीय गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने जापान टूर का खिताब जीता। 
  • 1879 - भारतीय क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ मुखर्जी का जन्म हुआ। 
  • 1941-   दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जापानी वायुसेना ने हवाई के पर्ल हार्बर स्थित अमरीकी नौसैनिक अड्डे पर अचानक हमला कर दिया और ब्रिटेन और अमरीका के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। जापानी बमवर्षक विमानों ने अमरीकी जंगी जहाज़ों, विमानों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। हमले में छह जंगी जहाज, 112 नौकाएं और 164 लड़ाकू विमान नष्ट हो गए थे और 2400 से ज़्यादा अमरीकी सैनिक मारे गए थे।
  • 2001-तालेबान शासन ने कंधार का अपना गढ़ छोड़ दिया और इस तरह अफग़़ानिस्तान में 61 दिन की लड़ाई के अंत की शुरुआत हुई। अफग़़ानिस्तान के नए अंतरिम प्रशासन के प्रमुख हामिद करज़ई और तालेबान शासन के बीच हुए समझौते के आधार पर ही कट्टरपंथी तालेबान अपने धार्मिक गढ़ कंधार को छोडऩे के लिए तैयार हुए थे।
  • 1662 -ब्लेज़ पास्कल नामक फ्रांस के गणितज्ञ, लेखक और कैल्कयुलेटर मशीन के आविष्कारक का निधन हुआ। वे जून सन 1623 में जन्में थे। उन्हें बचपन से ही गणित से विशेष से लगाव था। इसी प्रकार उनके पिता का उस समय के विद्वानों और वैज्ञानिकों से मिलना जलना था। जिससे पास्कल की क्षमताओं को उभरने का अच्छा अवसर मिला। पास्कल अपने जीवन के अंतिम दिनों में धर्म से बहुत निकट हो गये थे और इस विषय में उन्होंने पुस्तकें भी लिखीं।
  • 1889 -विश्व में वर्तमान रुप की पहली गाड़ी बनाई गयी। यह गाड़ी जर्मनी के एक वैज्ञानिक कार्ल फ्रेडरिक बेन्ज़ ने बनाई थी। इस गड़ी की गति 12 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इसमें इंधन के रुप में पेट्रोल या फिर अलकोहल का प्रयोग होता था। वर्तमान काल की बसें उस गाड़ी का संपूर्ण रुप हैं। कार्ल बेन्ज़ 1929 में संसार से चल बसे।

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