राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : अभी तो दिल्ली दूर ही है...
28-Jan-2021 5:42 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : अभी तो दिल्ली दूर ही है...

अभी तो दिल्ली दूर ही है...

बिलासा एयरपोर्ट, बिलासपुर को थ्री-सी हवाई सेवा की मंजूरी मिलने के बाद श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है। वहीं अनेक लोग सोशल मीडिया पर ध्यान दिला रहे हैं कि नागरिक आंदोलन व हाईकोर्ट के दबाव के चलते थ्री-सी लाइसेंस मिला तो है पर ज्यादा उड़ानों की संभावना नहीं है। उड्डयन मंत्रालय ने बिलासपुर-भोपाल के बीच उड़ान की घोषणा की है पर उसकी तारीख अब तक तय नहीं हुई है। बिलासपुर से भोपाल का अब आर्थिक, राजनीतिक सम्बन्ध बहुत ज्यादा रह नहीं गया है। लोग दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, मुम्बई आदि की उड़ान चाहते हैं। इसके लिये दूसरे छोटे, पूर्वोत्तर राज्यों की तरह सब्सिडी की जरूरत है। इसकी भी घोषणा नहीं हुई है। बिलासपुर के लोग महंगी हवाई यात्रा कर पायेंगे या विमानन कम्पनियां नुकसान में रहकर सेवायें देंगीं? 

बिलासपुर को 4सी कैटेगरी हवाईअड्डा का दर्जा देने की मांग की गई है, जिसकी संभावना बहुत जल्दी नहीं दिखाई दे रही है। इसके होने पर ही महानगरों के लिये आसान उड़ानें शुरू हो पायेंगीं। बिलासपुर से छोटे कई शहरों में नियमित हवाई सेवायें शुरू हो चुकी हैं। राज्य बनने के बाद एक ठोस घोषणा तो हुई है जिसका जश्न भी मनाया जा रहा है पर मौजूदा परिस्थितियां यही कह रही है दिल्ली अभी दूर है..।

ऑडिट का मौसम

वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर सरकारी विभागों में ऑडिट का काम तेज हो गया है। वैसे तो ज्यादातर दफ्तरों में मासिक ऑडिट होती है, पर मार्च के पहले बजट के सारे हिसाब-किताब दुरुस्त कर बिल वाउचर जमा करने होते हैं। साथ ही इनका परीक्षण करने ऑडिट टीम भी आती है। ऑडिट टीम की चोरी-छिपे खातिरदारी कर गड़बड़ी पर लीपा-पोती भी आम बात है पर यदि यह सेवा खुलेआम होने लगे तो?  मुंगेली के सिंचाई विभाग में ऑडिट टीम पहुंची पर पूरा दफ्तर खाली था। टीम नदारत है, बाबू और अफसर भी। मालूम हुआ कि पूरा दफ्तर ऑडिट टीम को साथ लेकर खुडिय़ा बांध घूमने चला गया है। पिकनिक के बीच किस तरह की ऑडिट रिपोर्ट तैयार हुई होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी तरह बिलासपुर में लोक निर्माण विभाग में बिना टेंडर के 20 करोड़ रुपये खर्च करने का मामला सामने आया है। मुख्यालय की नियमित ऑडिट जांच से यह गड़बड़ी पकड़ी गई। रायपुर से आये जांच के आदेश को बिलासपुर के अधिकारी फिलहाल दबाये बैठे हैं। बताया जा रहा है कि जांच की जवाबदारी उन लोगों को ही दे दी गई है जिन पर गड़बड़ी का आरोप है।

ऑफलाइन परीक्षाओं का बोझ

कई वर्षों से अलग-अलग सेमेस्टर में रुक जाने वाले ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट कक्षाओं के छात्रों को कोरोना का बड़ा फायदा मिला। उन्हें घर से ही ऑनलाइन परीक्षा देने की सुविधा मिली और वे डिग्री हासिल करने में कामयाब भी हो गये। यह सिलसिला अब तक चला आ रहा था, लेकिन बस थोड़े दिनों की बात है। नियमित स्कूल, कॉलेज खुलते ही जा रहे हैं। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी ऑफलाइन परीक्षा लेने की घोषणा कर दी है। बोर्ड परीक्षाओं का सिलेबस अधिकांश स्कूलों में 30 से 40 प्रतिशत ही पूरा हो पाया। अब छात्रों को अपनी ही क्षमता, नोट्स और सेल्फ स्टडी के आधार पर नतीजे लाकर दिखाना है।

पिछली बार ओपन स्कूल बोर्ड परीक्षाओं के छात्रों ने भी इसका फायदा उठाया और घरों में नोट्स, किताबों को देख देखकर सवाल हल किये। इस बार भी ओपन बोर्ड परीक्षाओं असाइनमेंट मिलने की उम्मीद थी, इसके चलते 10वीं, 12वीं बोर्ड में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा। कई साल से जो छात्र फेल हो रहे थे, वे भी खुश हो रहे थे कि चलो कोरोना के चलते दाग धुल जायेगा। पर इधर कोरोना के केस कम होने लगे। अब ओपन बोर्ड परीक्षा भी निर्धारित केन्द्रों में जाकर दिलाने की घोषणा कर दी गई है। ऐसे में रिजल्ट को लेकर वे चिंतित हो उठे हैं।

बच गये निजी स्कूल निरीक्षण से

कोरोना के चलते निजी स्कूल इस बार मान्यता के लिये निरीक्षण के झंझट से बच गये। इस बार शिक्षा विभाग इनकी मान्यता का सीधे नवीनीकरण करने जा रहा है। इसके लिये आवेदन लिये जायेंगे और निर्धारित फीस भी ली जायेगी। वैसे भी निरीक्षण होता भी है तो वह ज्यादातर औपचारिक ही होता है। लैब, फर्नीचर, खेल मैदान, टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ जैसे कई मापदंड पूरे होते नहीं हैं पर निरीक्षण दल की मेहरबानी से ओके रिपोर्ट मिल जाया करती है। इस बार इन दलों की खातिरदारी का खर्च निजी स्कूलों ने बचा लिया।

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