राजपथ - जनपथ
प्राइवेट हॉस्पिटल से एक तस्वीर ऐसी भी...
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों की फीस तय होना न होना मायने नहीं रखता। निजी अस्पतालों में भारी-भरकम बिल बनाने की इतनी शिकायतें आई हैं कि लोगों की सांसे बीमारी के साथ-साथ इलाज के खर्च नाम पर भी फूल जाती है। पर एक उल्टी खबर भी निकली है। बिलासपुर के एक निजी अस्पताल से 15 दिन बाद स्वस्थ होकर निकले मरीज ने अस्पताल का पूरा बिल तो चुकाया, लेकिन इसका बाद उन्होंने 50 हजार रुपए का अलग से चेक काट दिया। ये कहते हुए उसने डॉक्टर को चेक सौंपा कि मैं अपनी खुशी से इसे दे रहा हूं। आप और आपके स्टाफ ने जिस तरह से देखभाल की उससे वह प्रसन्न है। डॉक्टर ने भी उनकी भावना का सम्मान किया और चेक रख लिया, पर इसे उन्होंने जिले के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी को सौंप दिया, ताकि किसी जरूरतमंद मरीज के लिए खर्च किया जा सके। इस डॉक्टर ने वह कमाई कर ली, जो दूसरे नहीं कर पाये।
सोने पर भरोसे की मार्किंग में अभी देर
केंद्र सरकार ने नवंबर 2019 में पहली बार घोषणा की थी कि हाल मार्किंग की। लागू करने की तारीख हो 1 जनवरी 2021 थी लेकिन धीरे-धीरे टलती गई। अब तारीख फिर नजदीक आ गई थी, 1 जून। इस बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में आल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी कौंसिल ने केस लगाया। उनका कहना है कि देश में हॉल मार्किंग सेंटर की संख्या बहुत कम है। इस समय लगातार कोरोना महामारी के कारण बाजार बंद रहे और और अरबों का माल उनके पास डंप है। ऐसी स्थिति में 1 जून से बिना हाल मार्किंग सोना बेचने पर दंडित करने का प्रावधान लागू न किया जाए। मुंबई हाई कोर्ट ने इस मामले में फिलहाल स्थगन दे दिया है। अगली सुनवाई 14 जून को है। यानि तब तक हॉलमार्क लगा सोना बेचना अनिवार्य नहीं।
छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां 5000 से ज्यादा सराफा कारोबारी है जिनके पास हॉल मार्किंग लाइसेंस नहीं है। जिनके पास है उनकी संख्या कुल व्यापारियों में से 10 फ़ीसदी ही है। इन्हें बीआईएस, (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) में पंजीयन कराना है। अभी लॉकडाउन के कारण ना केवल सर्राफा बाजार बल्कि सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में 1 जून से पहले पंजीयन होना संभव दिखता नहीं।
कोरोना काल में जब ज्यादातर व्यवसाय में अनिश्चितता दिखी तो लोगों ने सोने पर ठीक-ठाक निवेश किया है जिसके चलते इसकी कीमत बढ़ी ही है। अपने प्रदेश के ग्रामीणों में ठोस सोना खरीदने का ही चलन है। सोने की गुणवत्ता को परखना उनके लिये आसान नहीं है। पढ़े लिखे लोगों का रुझान को इन्हीं शंकाओं के चलते भी ऑनलाइन निवेश पर ज्यादा बढ़ा है। अनिवार्य हॉल मार्किंग नियम जब भी लागू होगा, सोने के बाजार में बदलाव दिखेगा।
वैक्सीनेशन सेंटर, बतियाने का नया ठिकाना...
जब से 18 प्लस वालों को वैक्सीन लगाने की घोषणा की गई है सोशल मीडिया पर इसे लेकर रोज नए नए जोक्स डाले जा रहे हैं। अब इस लतीफे को सुनें-
पहली सहेली- कहां मिलें, लॉकडाउन के चलते साथ बैठकर गपशप मारने का मौका ही नहीं मिल रहा।
दूसरी सहेली- फिक्र मत कर, टीकाकरण केंद्र आजा, वहां जल्दी नंबर लगता नहीं। लगेगा कि नहीं बताते भी नहीं। वहीं हांकेंगे...।