राजपथ - जनपथ
बृहस्पति सिंह को एसपीजी मिले...?
सरगुजा पुलिस ने रामानुजगंज विधायक के काफिले पर हुए हमले को रोड रेज का मामला बताया है। उसकी जांच में हत्या की साजिश जैसी बात नहीं आई है। गृह मंत्री ने भी विधानसभा में कहा कि विधायक पर हमला नहीं हुआ। काफिले की एक कार विधायक से काफी दूरी पर चल रही थी, जिस पत्थर फेंके गये। दूसरी ओर, सीधे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाकर विधायक बृहस्पति सिंह ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया। अब कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया की मध्यस्थता से मामला सुलझ चुका है, पर आपस में पैदा हुआ मनभेद तुरंत खत्म होगा या नहीं देखना होगा। सरगुजा की लगभग तीनों जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने विधायक के आरोप को अनर्गल बताते हुए उनके पार्टी से निष्कासन की मांग भी उठा दी है।
बहरहाल, पार्टी इस मामले को किस तरह हल करेगी अलग मसला है। बात यह है कि ऐसा आरोप जिससे सनसनी फैले बृहस्पति सिंह ने पहली बार नहीं लगाये। सितम्बर 2015 में बलरामपुर के तत्कालीन कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन पर भी उन्होंने हत्या की साजिश का आरोप लगाया था। उस समय अख़बारों में विधायक का बयान छपा कि मेनन नक्सलियों के खास हैं। झीरम में कांग्रेस नेताओं की हत्या नक्सलियों ने लैपटॉप पर फोटो देखकर की, ये फोटो मेनन ने ही उपलब्ध कराये होंगे। मेनन पर जोकापाठ गांव के एक वैज्ञानिक की षडय़ंत्रपूर्वक हत्या करा देने का आरोप भी बृहस्पति सिंह ने लगाया।
अभी पिछले जनवरी माह में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें विधायक बृहस्पति सिंह आरोप लगा रहे हैं कि राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम ने उनकी हत्या की साजिश रची है और इसके लिये सात बकरों की बलि भी दी है। नेताम के ऊपर भी उन्होंने मिलता-जुलता आरोप लगाया था कि वे मेरी हत्या कर उनकी सीट से चुनाव जीतना चाहते हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
सोशल मीडिया पर बृहस्पति सिंह का मुद्दा ट्रेंड कर रहा है। कई लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वे बार-बार अपनी हत्या की साजिश का आरोप लगाते हैं, तो उन्हें एसपीजी सुरक्षा क्यों नहीं दे देनी चाहिये?
भाजपा की गुटबाजी सडक़ पर...
नेताओं के साथ दिक्कत यह है कि बीच-बीच में वे भूल जाते हैं कि अब हर जेब में मोबाइल कैमरा है। उनकी हर एक गतिविधि मोबाइल फोन पर पलक झपकते दर्ज हो सकती है। पूर्व मंत्री दयालदास बघेल और पार्टी के जिला महामंत्री विकासधर दीवान के बीच, किसान मोर्चा के आंदोलन के दौरान बेमेतरा में सडक़ पर झड़प हो गई। सामिष गालियों की बौछार हुई, आपस में एक दोनों को देखने की धमकी दी गई। दोनों नेताओं के बीच पहले भी विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान विवाद होता रहा है, पर इस तरह सडक़ पर इतना तू-तड़ाक पहली बार रिकॉर्ड हुआ। कांग्रेस में ऐसी घटनायें सहजता से रफा-दफा कर दिये जाते हैं, पर भाजपा पार्टी विथ डिफरेंस है। सरगुजा में कांग्रेस नेताओं के बीच हुई खींचतान को उसने विधानसभा और बाहर भी उठा रखा है, खुद अपनी पार्टी की इस घटना को वह कितनी संजीदगी से लेती है, कोई कार्रवाई होगी तब पता चलेगा।
शिक्षकों की भर्ती की उम्मीद...
प्रदेश में 2 अगस्त से स्कूलों को खोलने की तैयारी की जा रही है। इस पहल से एक बार फिर उन अभ्यर्थियों को उम्मीद जाग रही है जिनको शिक्षकों के पद पर नियुक्त किया जाना है। छत्तीसगढ़ सरकार में 14580 शिक्षकों की भर्ती की तमाम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बस उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करना है। अभ्यर्थी इसके लिये आंदोलन कर चुके हैं। अधिकारियों की ओर से आश्वासन मिला था कि अभी कोरोना के कारण सब बंद हैं, जब भी शालायें खुलेंगी उनको नियुक्ति पत्र दे दिया जायेगा। अब जब शालाओं को खोलने का निर्णय हुआ है ये प्रतीक्षारत बेरोजगार सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी रुका हुआ नियुक्त पत्र जारी हो जायेगा।