राजपथ - जनपथ
लेह की चोटी पर छत्तीसगढ़ पुलिस
बर्फीले पठारी लेह की चोटी पर चौकस रहते शहीद हुए पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को नमन करने आयोजित हॉट-स्प्रिंग में छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से माल्यार्पण आईपीएस जितेन्द्र शुक्ल ने किया। 3 सितंबर को भारत-चीन की सरहद में भारतीय सेना के गौरव माने जाने वाले सपूतों की याद में केंद्रीय बल और राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने साझा सलामी दी। हॉट-स्प्रिंग के लिए केंद्र सरकार की एक विशेष टीम की निगरानी में देश भर से जोशीले और काबिल अफसरों को हर साल चुना जाता है। राज्य पुलिस के लिए शुक्ल पहले आईपीएस के तौर सलामी देने चोटी पर पहुंचे। सुनते हैं कि आयोजन का मकसद यह है कि दुश्मन देशों को मुकाबले में मात देने सुरक्षा दस्तों में जोश भी बनाए रखना है। चीन की फौजी कार्रवाई का जवाब देने के लिए जोश खरोश से भरे सिपाहियों को सीमा पर तैनात रहने के लिए आयोजन से संदेश भी मिलता है। वैसे हॉट-स्प्रिंग का अर्थ गरम चश्मा होता है, जिसमें भूताप से गरम हुआ भूजल धरती से बाहर निकलता है। बर्फ से लदे पठारों में यह पाया जाता है।
अफसरों में इधर-उधर
मंत्रालय में कुछ सचिव स्तर के अफसरों को इधर से उधर किया जा सकता है। उमेश अग्रवाल के राजस्व मंडल में पोस्टिंग के बाद गृह सचिव का पद खाली है। इसी तरह कृषि सचिव डॉ. एम गीता को दिल्ली में आवासीय आयुक्त बनाया जा सकता है। डॉ. गीता ने स्वास्थ्यगत कारणों से केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन दिया था। चूंकि वहां पोस्टिंग में समय लग सकता है। इसलिए उन्हें कृषि विभाग के प्रभार से मुक्त कर दिल्ली में आवासीय आयुक्त का प्रभार दिया जा सकता है।
वर्तमान में प्रमुख सचिव (उद्योग) मनोज पिंगुआ, आवासीय आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। चर्चा है कि रजत कुमार की पोस्टिंग मंत्रालय में हो सकती है। हालांकि वो अभी जनगणना निदेशक के प्रभार से मुक्त नहीं हुए हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही उन्हें जिम्मेदारी दी जा सकती है। जिलों में फिलहाल ठीक चल रहा है। इस वजह से कलेक्टरों को बदले जाने की संभावना नहीं है। इन सबके बावजूद प्रमुख सचिव, सचिव, और विशेष सचिव स्तर के आधा दर्जन अफसरों के प्रभार बदले जा सकते हैं।
खरीदी में एफआईआर के निर्देश
अंबेडकर में कैंसर की जांच के लिए पैट मशीन की खरीदी में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त विभाग की मंजूरी के बिना ही 18 करोड़ की मशीन खरीद ली गई। प्रमुख सचिव ने डीएमई को पैट मशीन खरीदी मामले में एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
अंदर की खबर यह है कि रमन सरकार में मशीन खरीदी का फैसला ‘ऊपर’ से हुआ था। मगर फाइल पर विभाग के मुखिया के दस्तखत नहीं हैं। चर्चा यह है कि मुश्किल में फंसने का अंदेशा पहले से था। लिहाजा छोटे अधिकारी-चिकित्सकों का दस्तखत लेकर फाइल तैयार की गई, और खरीदी हो गई। ये अलग बात है कि खरीदी के एवज में ज्यादा माल ‘ऊपर’ ही पहुंचा था। अब जब एफआईआर की बात हो रही है, तो छोटे अधिकारी-चिकित्सक परेशान हैं।
नसीहत मीडिया में लीक हो गई
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने जगदलपुर के चिंतन शिविर में इस बात पर नाराजगी जताई थी कि बैठक की महत्वपूर्ण जानकारियां लीक हो जाती है। यह छत्तीसगढ़ के भाजपा में रोग हैं। उन्होंने नसीहत दी कि बातें बाहर नहीं जानी चाहिए। कुछ सीनियर नेताओं को इसलिए भी नहीं बुलाया गया था कि उनके कांग्रेस के प्रभावशाली लोगों से नजदीकी रिश्ते हैं। मगर संतोष की पार्टी नेताओं को दी गई नसीहत मीडिया में लीक हो गई।
कम्प्यूटर पर देख-समझकर
अंग्रेजी हो या हिंदी हो जब कम्प्यूटर के हवाले हिज्जे सुधारने का काम कर दिया जाए तो कम्प्यूटर बड़ी बर्बादी भी कर सकता है. अब आज ही सुबह एक व्यंग्य में ‘दुष्टों’ शब्द को कम्प्यूटर ‘दोस्तों’ टाइप करने पर आमादा हो गया था। और जब इस हादसे को मोबाइल फोन पर बोलकर हिंदी में टाइप किया जा रहा है तो तीन बार ‘दुष्टों’ बोलने पर भी वह तीनों बार ‘दोस्तों’ टाइप कर रहा है. अब इससे पता नहीं कैसे-कैसे संबंध खराब हो सकते हैं।
अभी कुछ ही दिन पहले की बात है, एक दूसरे लिखे हुए को ईमेल करते हुए जब जीमेल के सुझाए हुए करेक्शन करने की कोशिश की गई तो उसने ‘राजनैतिक’ को ‘राजनीतिक’ सुधार दिया, जाहिर है कि राजनीति में नैतिकता तो कोई बची नहीं है, इसलिए कम्प्यूटर किसी भी पार्टी के बारे में ‘राजनैतिक’ शब्द को ‘राजनीतिक’ शब्द कर देता है। लेकिन अगर ऑटो करेक्ट को ध्यान से ना देखा जाए तो वह कई शब्दों को गालियां भी बना देता है।