राजपथ - जनपथ
आसमान से गिरे, खजूर पर अटके
आमतौर पर बड़े अफसरों का तबादला होता है, तो कई बार उनके मातहत भी प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे ही एक अफसर ने विभागीय सचिव से परेशान होकर अपना तबादला पीएचई में करा लिया था। अफसर पहले उच्च शिक्षा में थे, और फ्री स्टाइल बैटिंग के आदी रहे हैं। इससे परे विभागीय सचिव एकदम नियम-पसंद थे, जो कि उन्हें नहीं भा रहा था।
अफसर को नियम-कानून के दायरे में रहकर काम करना पड़ता है, और गलती करने पर सचिव की फटकार भी सुननी पड़ती थी। अफसर ने हिसाब-किताब जमाकर पीएचई में पोस्टिंग पा ली। पीएचई को जल जीवन मिशन की वजह से काफी मलाईदार माना जाता है। कुछ दिन हुए थे। सब कुछ बढिय़ा चल रहा था कि सचिव स्तर के अफसरों का भी तबादला हो गया। पीएचई में वो आ गए, जिनसे अफसर काफी परेशान रहे हैं। यानी अफसर की हालत आसमान से गिरे, खजूर पर अटके वाली हो गई है।
नए से परेशान पुराने
भाजपा में नए-नए आए लोगों के साथ कार्यकर्ता सहज नहीं हो पा रहे हैं। कुछ का तो विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस छोडक़र हाल ही में आए वेदराम मनहरे का तो कई बड़े नेता दबे स्वर में विरोध कर रहे हैं। यही हाल, रिटायर्ड आईएएस गणेश शंकर मिश्रा का भी है। मिश्राजी दिल्ली में तामझाम के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। मगर पार्टी के नेता उनसे दूर ही रहना पसंद करते हैं।
पिछले दिनों रायपुर ग्रामीण जिले के पदाधिकारियों की बैठक थी। बैठक की उन्हें सूचना नहीं दी गई थी। फिर भी मिश्राजी बैठक में पहुंच गए, और मंच पर बैठे। बैठक में पूर्व विधायक देवजी पटेल भी पहुंचे। मिश्राजी को देखकर असहज हो गए, और थोड़ी देर बैठक में रहने के बाद चले गए।
बैठक में मौजूद कई नेता एक-दूसरे से पूछते रहे कि क्या मिश्राजी को पार्टी में कोई पद मिला है? इससे परे कुछ लोग उन्हें धरसींवा से पार्टी टिकट का मजबूत दावेदार मान रहे हैं। हालांकि मिश्राजी ने अभी तक खुले तौर पर चुनाव लडऩे की इच्छा नहीं जताई है। मगर धरसींवा से टिकट के बाकी दावेदार परेशान हो रहे हैं।
सोशल मीडिया के खतरे...
टिक टॉक पर बैन लगाया गया तो उससे मिलते-जुलते दर्जनों एप भारतीय वर्जन में आ गये। गांव-गांव में लोगों के हाथ में मोबाइल फोन हैं और इनमें वे बड़ी आसानी से वीडियो डाउनलोड कर शेयर कर रहे हैं। पर यह जुनून कितना खतरनाक हो सकता है यह बेमेतरा के एक गांव की दो स्कूली लड़कियों को अब महूसस हो रहा है। इन्होंने एक साफ-सुथरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाला, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने इसके साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने वीडियो डाउनलोड कर लिया। उसका ऑडियो बदल दिया और दोनों के बीच फर्जी अश्लील वार्तालाप डाल दिये। इसके बाद उन्होंने इस वीडियो को इलाके में वायरल कर दिया। घबराई हुई पीडि़त युवतियों ने थाने और आईटी सेल में इसकी शिकायत की है लेकिन दो हफ्ते से ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वीडियो इतने लोगों तक पहुंच चुका है कि अब उसे हर एक के मोबाइल फोन को ढूंढकर मिटाया नहीं जा सकता। यह घटना एक सबक उनके लिये है जो अति उत्साह में बिना नतीजे की परवाह किये सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं।
खाद की किल्लत बस आखिरी बार...
मंत्री और अधिकारी भले ही इस बात से इंकार करें कि किसानों को खाद की कमी नहीं है पर पूरे सीजन इसकी मारामारी रही है। खासकर यूरिया ब्लैक में बिक रहा है और सोसाइटियों में किसानों को चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। पर, सब कुछ ठीक रहा तो शायद ऐसी किल्लत अगले साल से नहीं होगी। सरकार की सहयोगी उपक्रम इफको ने यूरिया की जगह तरल खाद ईजाद कर लिया है। इसे नैनो नाम दिया गया है। एक बोरी यूरिया का काम सिर्फ 500 मिलीलीटर के लिक्विड से हो जायेगा। दावा है कि यह जमीन की उर्वरा शक्ति को नुकसान नहीं पहुंचायेगा, जो रासायनिक खादों से पहुंचता है। परिवहन का झंझट भी खत्म, इसे जेब में डाल सकते हैं। वैसे तो जून माह में ही इसका उत्पादन शुरू हो चुका है पर किसानों की मांग के अनुरूप अभी उपलब्धता नहीं है। अगले वर्ष से यह सब किसानों के लिये सुलभ हो सकता है।
बलरामपुर में फिर एक पंडो की मौत
पंडो आदिवासियों की बलरामपुर जिले में दुर्दशा की फिर एक खबर आई है। रामचंद्रपुर ब्लॉक में बीते एक माह के भीतर 6 लोगों की कुपोषण व खून की कमी की वजह से मौत हो चुकी है। अब त्रिशूली पंचायत के भनिया पंडो की मौत भी अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि उसे समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया गया। पहले उन्होंने झाड़-फूंक का सहारा लिया, फिर किसी झोला छाप डॉक्टर से इलाज कराया। जब तबियत ज्यादा बिगड़ी तो तब अंबिकापुर लेकर आये। यह हैरानी की बात है कि हाल ही में डॉक्टरों ने उस गांवों में कैंप लगाया था जहां पहले मौतें हो चुकी हैं। तब पाया गया था कि अधिकांश महिलायें कुपोषित हैं और उनमें खून की कमी है। इसके बाद फिर एक केस आ गया है। यह सब उस इलाके में हो रहा है जहां से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री आते हैं।