राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धडक़न और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : राष्ट्रपति बनने का प्रबल योग
26-Sep-2021 5:28 PM
छत्तीसगढ़ की धडक़न और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : राष्ट्रपति बनने का प्रबल योग

राष्ट्रपति बनने का प्रबल योग

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके धार्मिक, और सामाजिक कार्यों में विशेष रूचि लेती हैं। आदिवासी हितों को लेकर काफी संवेदनशील भी हैं। राजभवन में ज्योतिषियों का भी खूब आना जाना होता है। एक चर्चित ज्योतिषी ने तो भविष्यवाणी भी कर दी है कि मैडम (राज्यपाल) के राष्ट्रपति बनने का प्रबल योग है। एक अन्य ज्योतिषी ने थोड़ा संभलकर कहा कि वो ऊंचे पद पर आसीन होंगी।

मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल सालभर बाकी है, और भाजपा के अंदरखाने में राष्ट्रपति के लिए संभावित नामों पर चर्चा भी चल रही है। मीडिया में अनुसुईया उइके का नाम उछला भी है। पिछली बार जिस तरह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने रामनाथ कोविंद का नाम गोपनीय रखा था,  उसी तरह इस बार भी पार्टी राष्ट्रपति के लिए कोई नया नाम लाकर चौंका सकती है। गुजरात में इसकी झलक देखने को मिल चुकी है। फिलहाल तो ज्योतिषी मैडम को खुश करने में लगे हैं।

मौतों पर भी कुछ बोलेंगे?

दिल्ली से लौटे बाबा टी एस सिंहदेव ने मीडिया से बात करते हुए अपनी बेताबी पर ही बयान दिया। मौका मिला था तो कुछ जशपुर, बलरामपुर और सरगुजा में पंडो आदिवासियों की लगातार हो रही मौतों पर भी कुछ कह देते। अपने समर्थक सिम्स हॉस्पिटल में हंगामा करने वाले पंकज सिंह और उसके बाद कोतवाली में प्रदर्शन करने वाले विधायक शैलेश पांडे के समर्थन में भी उन्होंने कुछ-कुछ कहा। पर सिम्स चिकित्सालय की अव्यवस्था, जहां उनके समर्थक की हरकत से कांग्रेस टीम बिलासपुर में दो फाड़ हो गई है, पर सिर्फ यह कहा कि दुरुस्त होना चाहिए। चाहिये..यह तो जनता भी कहती है। आपसे ही कहते हैं। मैं एक्शन लेता हूं। चार को सस्पेंड करता हूं, दस से जवाब मांगता हूं। ऐसा हौसला क्यों नहीं? क्या यह नजरिया एक मजबूत और संभावित सीएम का होना चाहिए?

200 रुपए किलो का चावल

अगले खरीद उत्पाद पर राज्य सरकार का बयान आ गया है वह एक करोड़ मेट्रिक टन से अधिक धान खरीदने जा रही है। विपक्ष का सवाल है कि अरबों रुपए के धान संग्रहण केंद्रों में पड़े हुए हैं। इतना खरीद लेंगे तो कहां खपायेंगे?

छत्तीसगढ़ के किसानों को धान के उत्पादन में महारत हासिल है और इस पर सरकार का प्रोत्साहन भी है। मगर जायज सवाल यह है कि अरबों रुपयों के धान की बर्बादी का छत्तीसगढ़ की इकॉनामी पर क्या असर होगा। इसका तोड़ निकालने की कोशिश कोरबा में हुई है। करतला ब्लॉक के 30 गांवों के किसान परंपरागत धान को छोडक़र ब्लैक राइस की खेती कर रहे हैं। इसकी मांग पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। जानकर आश्चर्य हो सकता है कि इसकी कीमत प्रति किलो 150 से लेकर 200 रुपए किलो तक है। इसकी मांग विदेशों में भी है लेकिन किसानों को नेटवर्क का पता नहीं है। संतुष्ट हैं कि देश के भीतर खप जा रही है। अब ये किसान रेड राइस उगाने की योजना बना रहे हैं, जो ब्लैक राइस से दोगुनी कीमत पर बिक सकती है।

इस हश्र को भी ध्यान में रखें आईएएस

राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित किए जाने वाले उद्यमियों के सम्मेलन का क्या हश्र होता है यह बीजापुर जिले के भोपालपटनम में स्थापित किए जाने वाले कागज कारखाने से समझा जा सकता है। भोपालपटनम यात्रा मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी कि चिंतावागू में कंपनी सिटकॉन की ओर से बांस आधारित कागज कारखाना लगाया जाएगा। इससे अप्रत्यक्ष ही सही 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। अब इस कंपनी ने हाथ खींच लिया है। कंपनी का कहना है कि सरकार उसे कच्चा माल देने में तरह-तरह के रोड़े लगा रही है।

दरअसल बहुत सारे विभाग ऐसे हैं जिनमें आईएएस अफसर समय काट रहे हैं और इसे वे लूप लाइन समझते हैं। करने के लिए उनके पास बहुत सारा काम होता है, मगर ध्यान नहीं देते।

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