राजपथ - जनपथ
भाजपा के बाहर भी सोहन पोटाई...
पूर्व सांसद सोहन पोटाई के संगठन सर्व आदिवासी समाज को भले ही सरकार ने मान्यता नहीं दी है, लेकिन वो आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सडक़ों की लड़ाई लड़ रहे हैं। पोटाई कांकेर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे हैं। पोटाई को कभी आरएसएस का पसंदीदा माना जाता था। वे आपातकाल के दिनों में सहायक पोस्ट मास्टर की नौकरी छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए।
वे कांकेर के दिग्गज आदिवासी नेता अरविंद नेताम को हराकर पहली बार सांसद चुने गए। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद धीरे-धीरे पार्टी नेताओं से उनकी दूरियां बढ़ती चली गई। बताते हैं कि भाजपा शासन काल में नक्सलियों से सांठगांठ के आरोप लगे। इसके बाद पोटाई ने पुलिस के एक आला अफसर की शिकायत रमन सिंह, और सौदान सिंह से की थी। मगर उनकी शिकायतों को अनदेखा कर दिया गया।
सोहन पोटाई की पहले टिकट काट दी गई, और फिर बाद में विधानसभा टिकट की उनकी दावेदारी को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद पार्टी नेताओं के खिलाफ खुलकर बोलने लगे। पहले उन्हें निलंबित किया गया, और फिर उन्होंने खुद होकर पार्टी छोड़ दी। वे रमन सिंह, और सौदान सिंह कटु आलोचक हो गए। पिछले चुनाव में तो भाजपा के खिलाफ खुलकर प्रचार किया।
पोटाई का कांकेर लोकसभा में अच्छा प्रभाव है, और पिछले तीन विधानसभा चुनाव में यहां की सीटों में भाजपा पिछड़ गई है। विधानसभा चुनाव के पहले आरएसएस के एक पदाधिकारी ने उन्हें फिर से पार्टी में लाने की कोशिश की थी, लेकिन वे नहीं माने। यद्यपि लोकसभा चुनाव में भाजपा कांकेर से किसी तरह जीत गई, लेकिन पोटाई के पार्टी छोडऩे के बाद नुकसान की भरपाई नहीं हो पा रही है।
इतना जंगल, मगर किस काम का
कांकेर जिले में एक हाथी अपने दल से भटक गया। वह चारामा कस्बे की सडक़ों पर विचरण करने लगा। क्या यह दुर्भाग्यजनक नहीं है कि जिस प्रदेश में 40 प्रतिशत जंगल है, वहां पर हाथियों को आहार और रहवास के लिए शहर, गांव में दर-दर इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। उन्हीं जंगलों में जहां खदानों के लिए फाइल तेजी से ऊपर से नीचे तक घूम जाती है, एलिफेंट रिजर्व एरिया तैयार करने का काम 15-20 सालों से सिर्फ चर्चा और प्रक्रिया में है।
छुट्टियों का देश
मेक्सिको में साल भर में केवल 7 दिन छुट्टियां होती हैं। स्पेन. कनाडा और ब्रिटेन में 8 दिन। जर्मनी में 9 दिन, अमेरिका में 10 दिन, सिंगापुर में 11, रूस में 12 दिन। ऑस्ट्रिया में 13 और चिली में 14 दिन। जापान में 15 दिन और थाईलैंड में 16 दिन सरकारी छुट्टियां होती है।
लेकिन इतनी छुट्टियां हमारे देश में एक या 2 महीने में ही हो जाती है। अक्टूबर महीने को ही लीजिए। अगले महीने बैंक 21 दिन बंद रहने वाले हैं। गांधी जयंती, वाल्मीकि जयंती, नवरात्रि, दशहरा, ईद-ए-मिलाद ऐसे त्यौहार हैं जिनमें बैंक बंद रहेंगे। पांच रविवार की भी छुट्टियां हैं। दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक बंद रहेंगे । उसके बाद दीपावली आने वाली है। ये छुट्टियां केंद्र सरकार की हैं। कुछ ऐसी छुट्टियां भी जुड़ेंगीं जिनमें बैंक बंद नहीं होंगे पर सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे। राज्यों की छुट्टियां घटेगी नहीं. बल्कि इनमें 1-2 छुट्टियां और जुड़ जाएंगी।
सबक लिया अफसर या जनप्रतिनिधि ने?
माननीय विधायक महोदय 1 साल से आप को ट्वीट कर कर के निवेदन कर रही हूं। अशोक नगर की रोड को बनवा दीजिए। आज देखिए क्या दुर्घटना हो गई। यह तो ईश्वर की कृपा थी कि मेरी जान बच गई। मिनिमम स्पीड होने के बाद भी मेरी गाड़ी इतनी दूर तक उछल गई कि मेरा हाथ टूट गया। पूरा रोड कचरा है। गाड़ी चलाने लायक नहीं है। कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम रोड के गड्ढे भरवा तो दीजिए। क्या आप लोग इंतजार करते हैं कि लोग मर जायें। अपनी राजनीति में इतने मस्त हैं आप लोग कि जनता की किसी मांग को पूरा नहीं कर सकते। डेढ़ साल हो गया, इस रोड को खराब हुए। आज मेरी जान जाते-जाते बची है। फ्रैक्टर हाथ लेकर मैं दर्द से मर रही हूं। कब जागोगे? आप राजनीति में डूब गए हो।
यह तकलीफ ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया पर शेयर की है बिलासपुर के एक निजी स्कूल की शिक्षिका अल्पना शर्मा ने। कल दोपहर अशोक नगर की खराब सडक़ पर वे दुर्घटना की शिकार हुई थीं। सैकड़ों लोग उनके इस वीडियो को शेयर कर चुके हैं, पता नहीं विधायक और अधिकारी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं या नहीं।