राजपथ - जनपथ
गोबर-बिजली में और राज्य पहले से...
दक्षिण के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ‘डेक्कन हेरॉल्ड’ के यू-ट्यूब चैनल में पिछली जुलाई में एक वीडियो अपलोड हुआ था, जिसमें तिरुवल्लूर जिले के वर्धराजापुरम् नाम के गांव की स्टोरी कवर की गई थी। इस गांव में 30-40 परिवारों का व्यवसाय पशुपालन है और उनके पास इतना गोबर इक_ा हो जाता था कि उसे गांव में एक गड्ढा बनाकर फेंक दिया जाता था। इससे गौशाला की सफाई तो होती थी पर गोबर का कोई उपयोग नहीं होता था। वहां के जिला पंचायत सीईओ, आईएएस मगेश्वरी रविकुमार ने जब इस गांव का दौरा किया तो उन्होंने इस गोबर को बायो एनर्जी में बदलने की योजना बनाई। अब इस गांव के लोगों ने कार्बनलूप नाम की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना ली है। गोबर से बिजली पैदा होती है जो गांव को रोशन कर रही है। इसके अलावा इससे ऑर्गेनिक खाद बनाया जा रहा है, जिसका यहां के खेतों में इसका इस्तेमाल होता है। ‘द हिन्दू’ की एक पुरानी रिपोर्ट है कि लुधियाना की गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में सन् 2013 में इसकी लांचिंग हो चुकी थी। इसके चलते पंजाब के कई गांवों में गोबर से बिजली पैदा की जाती है। यूपी और बिहार में भी कुछ स्थानों पर यह प्रयोग किया गया है। छत्तीसगढ़ भी अब उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहां गोबर से बिजली पैदा की जा रही है। पर मुख्यमंत्री से कहलवाया गया कि ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। अफसरों ने सीएम को गलत जानकारी दी, बढ़ा-चढ़ाकर दावा करने से किसका भला होगा?
सहदेव का ‘बसपन का प्यार’ क्रिकेट
बसपन का प्यार गीत गाने से देशभर में मशहूर हुए सहदेव दिरदो क्रिकेट भी अच्छा खेलते हैं। बिलासपुर में चल रहे राज्य शालेय क्रिकेट प्रतियोगिता में बस्तर की तरफ से खेलने के लिये वह पहुंचे हुए हैं। उद्घाटन मैच में ही उसने अपनी शानदार बॉलिंग ने लोगों को चौका दिया। उसकी टीम सरगुजा हार जरूर गई पर सहदेव ने तीन विकेट लिये। सहदेव बताते हैं, गाना बसपन का प्यार तो वह गाकर भूल चुका था। संतोष मंडावी सर ने गाना सिखाया और वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया। दो साल बाद अचानक इसकी धूम मच गई तो गाने की तरफ फिर मुड़ गया है, लेकिन क्रिकेट से तो उसे बचपन से प्यार है। अभी हरीश सर उसे क्रिकेट सिखाते हैं। उसे गाना और क्रिकेट खेलना दोनों पसंद है। भविष्य में वह एक अच्छा सिंगर और क्रिकेटर दोनों ही बनना चाहता है। गांव की कच्ची सडक़ पर वह बचपन से क्रिकेट खेलता था। अब भी वह स्कूल में नियमित अभ्यास करता है। राज्य खेल स्पर्धा में करीब 1 हजार खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। खिलाडिय़ों को पता चलता है कि सहदेव भी उनके साथ रुका है, वे सेल्फी लेने की मांग करते हैं। उनके मैनेजर बता रहे हैं कि सहदेव बार-बार लोगों की जिद से परेशान होकर रोने भी लगा था।