राजपथ - जनपथ
मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त
कवर्धा में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के आरोप में जेल में बंद आरोपियों में से 18 को जमानत मिल गई। सीजेएम कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहाई के आदेश दिए हैं। पहले शासन-प्रशासन का रुख आरोपियों के खिलाफ काफी सख्त था, और किसी भी दशा में जमानत न हो पाए इसके लिए कानूनी सलाह ली जा रही थी। मगर कोर्ट में शासन-पुलिस का रुख ठंडा रहा। फिर क्या था आरोपियों को संदेह का लाभ मिल गया, और जमानत मिल गर्ई।
शासन-प्रशासन के नरम रुख पर काफी चर्चा हो रही है। बताते हैं कि कवर्धा की घटना राजनीतिक रंग ले चुकी थी, और धीरे-धीरे आरोपियों की रिहाई के लिए आंदोलन की शक्ल में भाजपा इसका विस्तार करने की तैयारी में जुटी थी। इससे फिर तनाव बढऩे का खतरा पैदा हो गया था। अब मामला न बढ़े, इसलिए आरोपियों की रिहाई में कहीं कोई रोड़ा नहीं आने दिया गया।
मुख्य आरोपी की सुरक्षा...
कवर्धा घटना के बाद सुर्खियों में आए मुख्य आरोपी दुर्गेश देवांगन की गिरफ्तारी पर काफी चर्चा हो रही है। दुर्गेश को संघ परिवार ने हाथों हाथ लिया है। चर्चा है कि दुर्गेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी तेलीबांधा इलाके के पूर्व पार्षद ने संभाली थी। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कवर्धा पुलिस दो दिन तक यहां डटी रही, और फिर माना के समीप एक मैरिज गार्डन के पास से उसे गिरफ्तार किया गया। जिस मैरिज गार्डन के पास आरोपी की गिरफ्तारी बताई गई है, वह मैरिज गार्डन भी पूर्व पार्षद का है। दुर्गेश को कवर्धा ले जाया गया, तो उसके साथ किसी तरह कड़ाई न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सांसद संतोष पाण्डेय थाने पहुंच गए थे।