राजपथ - जनपथ
108 फीट भगवा ध्वज लगाने की अर्जी
कवर्धा के लोहारा चौक पर क्या 108 फीट भगवा ध्वज आने वाले दिनों में लहराने लगेगा? एक संगठन श्री शंकराचार्य जनकल्याण न्यास ने इस चौक के पास 10 वर्गफीट जमीन की मांग प्रशासन ने की है। कलेक्टर का जैसा बयान आया है कि इसके लिये प्रक्रिया शुरू हो गई है। दावा आपत्ति ली जायेगी फिर शासन को रिपोर्ट भेज दी जायेगी। निर्णय शासन ही लेगा। दूसरी तरफ न्यास की ओर से एक चेतावनी भी है। यदि प्रशासन स्थान उपलब्ध नहीं कराता है तो भी 10 दिसंबर को शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में यहां ध्वजारोहण होगा। कवर्धा जिला प्रशासन को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर अभी-अभी थोड़ी राहत मिली है। उम्मीद ही कर सकते हैं कि आगे भी माहौल अच्छा बना रहेगा।
नगर निगमों के चुनाव की आहट
काफी संभावना है कि प्रदेश के चार नगर-निगम बिरगांव, रिसाली, चरोदा और भिलाई के चुनाव दिसंबर-जनवरी में हों। कोविड के कारण ये चुनाव टल रहे थे पर अब सभी संबंधित जिलों में इसकी तैयारी हो रही है। कहा जा रहा है कि इन नगर निगमों के परिणामों से एक आकलन लगाया जा सकेगा कि सरकार के कामकाज को लेकर लोगों में क्या राय है। विधानसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले उप-चुनावों में भाजपा की स्थिति लगातार कमजोर होती गई। पिछले कुछ समय से विपक्ष के तौर पर उसकी सक्रियता बढ़ी दिखाई दे रही है। इन चुनावों में उसे अपना प्रदर्शन सुधारने का अवसर मिल सकता है। बिरगांव ऐसी सीट है जहां जनता कांग्रेस का भी ठीक-ठाक प्रभाव है।
अब प्रदेश में महापौर पार्षदों के जरिये चुने जा रहे हैं। इस पद्धति को अपनाने के चलते पिछले चुनाव में कांग्रेस को फायदा भी हुआ था। इन चारों नगर-निगमों क्या स्थिति बनती है, देखना रोचक होगा।
बस्तर के बांस की साइकिल
वैसे तो धातु की बनी साइकिल भी अपने आप में ईको फ्रैंडली है, पर बस्तर के युवा मो. आसिफ खान ने एक अनूठा प्रयोग करते हुए बांस की साइकिल तैयार की है। इस साइकिल में चेचिस, सीट, सीट कवर, हैंडल व मडगार्ड बांस से बने हैं। अनूठी बात यह है कि इसमें बस्तर की शिल्प कला भी उकेरी गई है। अब इसका व्यावसायिक रुप से उत्पादन भी शुरू किया गया है। देशभर में बिक्री के लिये फ्लिपकार्ट के साथ करार किया जा चुका है। अमेजॉन से भी बात चल रही है। यानि इस साइकिल के लिये ऑनलाइन ऑर्डर भी लिये जायेंगे। बेंगलूरु, मुंबई आदि शहरों से पहले भी बांस की साइकिल बनाने और इस्तेमाल करने की खबरें आई हैं। मुंबई के कैप्टन शशि पाठक ने तो आसिफ का मार्गदर्शन भी किया है। विदेशों में भी बांस की साइकिलों का चलन है पर बस्तर की साइकिल की डिजाइन ज्यादा आकर्षक है और फिर शिल्पकला तो शायद पहली बार साइकिल पर उकेरी गई है।