राजपथ - जनपथ
परी का श्रृंगार
यादवों के शौर्य और पराक्रम का उत्सव राउत नाचा एकादशी के बाद से छत्तीसगढ़ में जगह-जगह शुरू हो चुके हैं। बहुरंगी वेशभूषा में हाथों में सुसज्जित लाठी और पैरों में घुंघरू बांधकर टोलियां नृत्य करते हुए दिखाई दे रही हैं। इन समूहों का अनिवार्य हिस्सा है टिमकी, मोहरी, दफड़ी, सिंगबाजा बजाते हुए वाद्यकार। और इनका अटूट हिस्सा होता है नचकहर या परी, जो स्त्री के वेश में श्रृंगार किया हुआ युवक होता है। ये सुंदरियों की तरह ही सुंदर लगते हैं। यह तस्वीर सारंगढ़ जिले के पिंटू का है जो एक यादवों की टोली में जाने के लिये तैयार हुआ है।
अब रह गया छत्तीसगढ़..
पेट्रोल-डीजल की कीमत जब आसमान छूने लगी तो केंद्र सरकार ने टैक्स में थोड़ी रियायत दी। इसलिये दाम में मामूली गिरावट हुई। केंद्र सरकार के फैसले के बाद भाजपा शासित राज्यों को भी ध्यान आया कि उन्हें भी कुछ राहत देनी चाहिये, उन्होंने भी वैट में कुछ कमी ला दी। पंजाब में कुछ महीनों के बाद चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस शासित होने के बावजूद जब वैट कम किया तो यही बात कही गई। पर अब दूसरे कांग्रेसी राज्य राजस्थान ने भी टैक्स घटा दिये। आज से वहां पेट्रोल और डीजल 4-5 रुपये कम हो गये। अब तीसरा कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ ही बचा है जहां वैट घटाने से सरकार ने मना कर दिया है। कहा गया कि केंद्र पहले टैक्स को यूपीए सरकार के स्तर पर लाये, फिर हम कम करेंगे। लोग कह रहे हैं कि अपनी सरकार केंद्र को घेर जरूर रही है पर नाइंसाफी तो जनता के साथ हो रही है। पहले भी पेट्रोल के दाम सौ से ऊपर थे, अब भी।
सीएम के समर्थन में बायकॉट
प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में जनजाति दिवस गौरव के दिन वर्चुअली 50 एकलव्य मॉडल रेसिडेंसियल स्कूल का शिलान्यास किया। इसमें छत्तीसगढ़ का एकमात्र स्कूल शामिल है- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का। क्षेत्रीय सांसद ज्योत्सना महंत ने इसे लाने के लिये बड़ा प्रयास किया था। कार्यक्रम में भूपेश बघेल सहित संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री भी वर्चुअली शामिल थे। पर जैसा कि पता है कि किसी को बोलने का मौका मिलने की उम्मीद कम थी। बघेल सहित किसी मुख्यमंत्री को बोलने का मौका नहीं मिला। इस पर जीपीएम के कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता नाराज हो गये और भूमिपूजन से पहले ही वर्चुअल सभा को छोडक़र बाहर निकल आये। वैसे कुछ कांग्रेसियों ने कलेक्टर से इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की कि प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल का नाम शिलालेख में गायब कर दिया गया।