राजपथ - जनपथ
दर्द ‘ऊपर’ तक महसूस
बिलाईगढ़ के सरकारी कार्यक्रम में मंच पर कुर्सी नहीं मिलने से बलौदाबाजार-भाटापारा की जिला पंचायत की सभापति कविता लहरे इतनी दुखी हो गई कि वो मंच पर ही फूट फूटकर रो पड़ी। मंच पर स्थानीय विधायक, और कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ के लिए कुर्सी लगाई गई थी। लेकिन कार्यक्रम में आमंत्रण के बाद भी सभापति के लिए कुर्सी नहीं लगाई गई।
कविता लहरे ने किसी पर दोषारोपण नहीं किया, लेकिन सरकारी कार्यक्रम में अपमानित करने का आरोप लगा दिया। आपसी चर्चा में कई लोग सभापति के साथ अपमानजनक व्यवहार के लिए संसदीय सचिव, और विधायक चंद्रदेव राय को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दरअसल, चंद्रदेव राय को जिले के बाकी विधायकों की तुलना में पॉवरफुल माना जाता है। प्रशासन में उनकी धमक है।
चंद्रदेव राय सीएम के पक्ष में तीन महीना पहले कांग्रेस विधायकों के दिल्ली परेड के अगुवा थे। इससे परे सभापति कविता लहरे बिलाईगढ़ इलाके से जिला पंचायत सदस्य चुनकर आई हैं। उन्हें बिलाईगढ़ से कांग्रेस टिकट का दावेदार माना जाता है। ऐसे में सभापति को कुर्सी नहीं मिली, तो चंद्रदेव राय निशाने पर आ गए। मगर इसके पीछे उनकी भूमिका है अथवा नहीं, यह तो साफ नहीं है। लेकिन सभापति का दर्द ‘ऊपर’ तक महसूस किया गया। देखना है आगे क्या होता है।
एडीजी स्तर पर बदलाव
पीएचक्यू में इस माह के आखिरी में एक बड़े बदलाव की चर्चा है। डीजी स्तर के अफसर आरके विज 31 तारीख को रिटायर हो रहे हैं। विज लोक अभियोजन संचालक के पद पर हैं। इसके अलावा बीएसएफ में प्रतिनियुक्ति पर गए 90 बैच के आईपीएस राजेश मिश्रा की भी जल्द वापसी हो रही है। इन सब वजहों से एडीजी स्तर के अफसरों के प्रभार बदले जा सकते हैं।
कवर्धा में शौर्य दिवस..
देश के इतिहास में 6 दिसंबर हिन्दूवादी संगठनों के लिये इस मायने में खास दिन है, क्योंकि इस दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया था। अब राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है और मंदिर का निर्माण द्रुत गति से चल रहा है। इस दिन को ये संगठन शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और मिलते-जुलते दूसरे संगठनों ने एक बड़ा कार्यक्रम कवर्धा में रखा है। प्रत्यक्ष रूप से इस आयोजन में भारतीय जनता पार्टी के सामने नहीं होने के बावजूद ऐसे आयोजनों का उसको चुनावी फायदा मिलता रहा है। इस महासभा में पूरे प्रदेश के लोग तो शामिल हो ही रहे हैं, देशभर से साधु संत भी पहुंचेंगे। एक बाइक रैली भी कल 4 दिसंबर को निकाली गई। प्रशासन के लिए चुनौती भरा होगा कि पूरा आयोजन बिना किसी व्यवधान के निपट जाये।
खटाई में पीएम आवास...
प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवादों में फंस गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये दी गई मंजूरी तो केंद्र ने वापस ले ही ली है। अब, प्रदेश में हजारों मकान ऐसे अधूरे पड़े हैं, क्योंकि एक बार काम शुरू होने के बाद दूसरी, तीसरी किश्त मिली ही नहीं। यह तस्वीर जगदलपुर की है।
तृणमूल कांग्रेस छत्तीसगढ़ की ओर
पश्चिम बंगाल से बाहर पैर पसारने के अभियान में जुटी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बेनर्जी ने अब छत्तीसगढ़ का रुख किया है। प्राय: सभी बीते चुनावों में कांग्रेस-भाजपा के बीच प्रदेश में सीधी टक्कर रही है हालांकि कुछ सीटों पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का असर बीते विधानसभा चुनाव में देखा जा चुका है। जाहिर है तृणमूल कांग्रेस का लक्ष्य कांग्रेस के असंतुष्टों को अपने साथ जोडऩा है, जैसा कि दूसरे राज्यों में वह कर रही है। अभी हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने खंडन किया है कि वे तृणमूल कांग्रेस के संपर्क में है। कांग्रेस नेतृत्व के लिए यह राहत भरी बात हो सकती है। मौजूदा परिस्थिति में किसी बड़े नेता ने तृणमूल की ओर जाने की बात नहीं की है। हां, कांग्रेस में चुनाव के समय टिकट नहीं मिलने पर असंतोष खूब उभरता है। तृणमूल ऐसे लोगों के लिये एक विकल्प हो सकता है।