राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : शुभचिंतक काफी कम रह गए
09-Dec-2021 6:20 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : शुभचिंतक काफी कम रह गए

शुभचिंतक काफी कम रह गए

पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू का ग्राफ भाजपा में गिरता-बढ़ता रहा है। कई लोग इस स्थिति के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराते हैं। जब वे पॉवर में होते हैं, तो सबसे पहले अपने करीबियों को ही किनारे लगाने में पीछे नहीं रहते हैं। अपने बुरे दिनों में साथ देने वालों का नुक़सान करने में वे सत्ता में बैठकर ओवरटाईम मेहनत करने लगते हैं।

यही वजह है कि पार्टी के भीतर उनके शुभचिंतक काफी कम रह गए हैं। दो दिन पहले चंद्रशेखर साहू एयरपोर्ट में उस वक्त असहज हो गए, जब उन्हें सीआईएसएफ के जवानों ने गेट पर ही रोक दिया।

साहू, प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी नितिन नबीन के स्वागत के लिए गए थे। चंद्रशेखर साहू ने उन्हें टूटी-फूटी अंग्रेजी में अपना परिचय देकर धौंस जमाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों पर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि पार्टी की तरफ से जो लिस्ट भेजी गई थी। उनमें नाम नहीं है। आखिरकार चंद्रशेखर साहू को सह प्रभारी का स्वागत किए बिना लौटना पड़ा।

सरपंच, शिक्षक और टीका

कोविड टीकाकरण को लेकर शुरू में दहशत थी लेकिन कमोबेश सभी अब यह लगवाने के लिये तैयार हो जाते हैं। पर, जिन लोगों पर लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी हो, वही पीछे हटें तो क्या किया जाये। जनपद पंचायत बलौदा की ग्राम गतवा की महिला सरपंच लाख कोशिशों के बाद भी न तो अपना टीका लगवा रही हैं और न ही उनके परिवार में किसी ने लगाया। स्वास्थ्य कर्मियों से बात नहीं तो कई अधिकारी समझाने जा चुके, पर वे किसी की नहीं सुन रही हैं। एक और पंचायत खोहा के सरपंच ने भी टीका नहीं लगवाने की जिद कर रखी थी, पर तहसीलदार के समझाने पर वे मान गये।

हाईकोर्ट में रायगढ़ जिले के एक स्कूल के प्राचार्य ने एक दिलचस्प मामला दायर कर दिया है। उन्हें संकुल प्रभारी ने टीका लगवाये बिना स्कूल पहुंचने से मना कर दिया। उन्हें छुट्टी पर रहने कह दिया। अब प्राचार्य ने केस इस बात पर लगाया है कि टीकाकरण अनिवार्य नहीं है, इच्छा पर निर्भर करता है। आदेश गलत है, मैं अपनी मर्जी से छुट्टी पर नहीं गया, अवकाश की अवधि की पूरी सैलरी दी जाये।

ऐसे वक्त में जब टीकाकरण के लिये जान जोखिम में डालकर नदी पार करने, पैदल लंबी दूरी तय करने की तस्वीरें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की आ रही हो, शिक्षक, सरपंच भी टीकाकरण के लिये लोगों को प्रेरित कर रहे हों, तब ऐसी घटनायें चिंता पैदा करती हैं।

मंत्री के इलाके में घोटाला

सरगुजा के प्रतापपुर शक्कर कारखाने में 12 करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात संयुक्त पंजीयक ने तब मान ली जब भाजपा नेता किसानों के साथ आंदोलन पर उतर गये। तौल के कांटे में गड़बड़ी, 2500 क्विंटल गन्ने की हेराफेरी, पुराने मजदूरों की जगह रिश्वत लेकर नये मजदूरों की भर्ती जैसे आरोप भाजपा ने लगाये हैं। संयुक्त पंजीयक ने भरोसा दिलाया कि घोटाला करने वालों के खिलाफ सहकारिता अधिनियम की धारा 58बी के तहत कार्रवाई की जायेगी। मगर भाजपा की मांग है कि धारा 53बी के तहत कार्रवाई हो। 58बी में रिकव्हरी का प्रावधान है जबकि 53बी में रिकव्हरी के साथ-साथ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराने का। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह सरगुजा से ही प्रतिनिधित्व करते हैं। संयोग यह भी है कि वे इसी प्रतापपुर इलाके से विधायक हैं। अब तक उनके ध्यान में इतनी गंभीर गड़बड़ी कैसे नहीं आई?

प्रदूषण के बीच क्षमता विस्तार

रायगढ़ जिले के लाखा में सुनील इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड से आसपास के 6 गावों के किसान त्रस्त हैं। बार-बार उन्होंने इसे लेकर प्रबंधन से बात की, पर्यावरण विभाग से शिकायत की। कल उन्होंने अपने खेत की बर्बाद हुई सब्जियों के साथ धरना दिया। फैक्ट्री वालों से कहा इसे आप लोग ही खा लीजिये। ग्रामीणों का आरोप है कि संयंत्र का ईएसपी प्राय: बंद कर दिया जाता है। अब 15 दिसंबर को इसकी क्षमता विस्तार के लिये एक जन-सुनवाई होने जा रही है। ग्रामीणों को पता है कि जन-सुनवाई हर बार फैक्ट्री के पक्ष में ही होती है। उन्हें चिंता है कि जब अभी इतना प्रदूषण फैल रहा है तो जब क्षमता बढ़ेती तब उनकी फसलों का क्या होगा?

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