राजपथ - जनपथ
राजधानी में बढ़ता वायु प्रदूषण
पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ ने एक रिपोर्ट पिछले दिनों प्रकाशित की थी जिसमें पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को पहले नंबर पर रखा था। रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ सन् 2018 में 17वें, 2019 में छठवें और 2020 में दूसरे पायदान पर था। सन् 2021 में यह पहले नंबर पर आ गया। पर केंद्रीय एजेंसी राजधानी रायपुर के मामले में अलग आंकड़े दे रही है। एमपीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार यहां वायु प्रदूषण का स्तर अच्छा नहीं। जनवरी के इन पांच दिनों का ही ब्यौरा बताता है कि प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। 6 जनवरी को पीएम 2.5 लेवल 413 पर था जो सीवियर की कैटेगरी में आता है। नगर निगम रायपुर और बिरगांव में प्रदूषण और बीरगांव में स्मॉग टॉवर लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस पर दोनों निगमों में 84 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। पर ये टॉवर प्रदूषण घटाने में कितनी मदद करेंगे, सवाल मौजूद है।
रेलवे की निगाह बस मुनाफे पर
रेलवे ने कोविड के नाम पर अनेक छोटे स्टेशनों में ट्रेनों का स्टापेज बंद कर दिया है। करगीरोड-कोटा में तो लोगों ने रेल रोको आंदोलन भी किया। अब बिल्हा में भी आंदोलन शुरू कर दिया गया है। कोरबा जो इन दोनों स्टेशनों के मुकाबले व्यवसाय और यात्रियों के हिसाब से ज्यादा बड़ा है, वहां भी कोविड से पहले चलाई जा रही ट्रेनों को दुबारा शुरू नहीं किया जा रहा है। कोरबा से चैंबर ऑफ कामर्स के पदाधिकारियों ने बिलासपुर में मुख्य वाणिज्य प्रबंधक से मुलाकात कर बंद ट्रेनों को फिर शुरू करने की मांग की है। भाजपा सांसद अरुण साव ने सीधे रेल मंत्री से मुलाकात कर बंद ट्रेनों और स्टापेज शुरू करने की मांग कर डाली है, पर रेलवे किसी की नहीं सुन रहा है। बताया जा रहा है कि बोर्ड का यह फैसला व्यावसायिक कारणों से है। जहां से ज्यादा यात्री नहीं चढ़ते, उतरते रेलवे ने वहां स्टापेज बंद कर दिया। कोरबा से भी इसी कारण से ट्रेनें शुरू नहीं की जा रही है। सोचिये, सरकारी उपक्रम होने के बावजूद जब रेलवे जन सुविधा के बजाय मुनाफे के नजरिये से सोच रहा है तो प्राइवेटाइजेशन होने के बाद क्या होगा?
पूर्व मंत्री के चहेते ठेकेदार को अल्टीमेटम
आबकारी मंत्री कवासी लखमा अपने बयानों के कारण आये दिन चर्चा में रहते हैं। अब फिर एक बार उनकी जबान फिसली है। नगर पंचायत भोपालपट्टनम में नव-निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के शपथ ग्रहण में पहुंचे बीजापुर जिले के प्रभारी मंत्री लखमा ने अपने संबोधन के दौरान कहा-अगले दो दिन के भीतर पूर्व मंत्री के चहेते ठेकेदार पाणिग्रही ने नगर में जलापूर्ति के काम को पूरा नहीं किया तो उसे उल्टा लटका कर टांग दूंगा। वैसे लखमा की पकड़ में इन बयानों के बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ता। बस्तर के नगरीय निकाय चुनावों के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं।