राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : असर होगा इन आंदोलनों का?
04-May-2022 5:53 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : असर होगा इन आंदोलनों का?

असर होगा इन आंदोलनों का?

हसदेव अरण्य के परसा कोल ब्लॉक की मंजूरी ने पूरे प्रदेश में पर्यावरण प्रेमियों को विचलित कर दिया है। क्या बस्तर, क्या सरगुजा, रायगढ़ हर जगह पर्यावरण प्रेमी आंदोलन कर रहे हैं। चारामा में छात्रों ने पोस्टर अभियान चला रखा है। दिलचस्प यह है कि हाईकोर्ट ने रातों-रात पेड़ कटाई को गलत मानते हुए सफाई मांगी है। पर्यावरण से जुड़ी केंद्र की एजेंसियों ने भी सरकार को जवाब दाखिल करने कहा है। सरगुजा और कोरबा के सांसदों ने इस मंजूरी के खिलाफ आवाज उठाई है। इन सब पर भारी पड़ रही है अदानी की कंपनी जिसने न केवल राजस्थान सरकार बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार को अपने हक में फैसला करने के लिए मजबूर कर दिया है।

बेखौफ गांजा तस्करी क्यों?

पिछले दिनों गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 3 करोड़ रुपये का गांजा पकड़ा गया। अभी जशपुर से 11 लाख रुपये का गांजा पुलिस ने जब्त किया। सीमावर्ती जिलों से विशेषकर ओडिशा से वाहनों में भारी मात्रा में रोजाना गांजे की तस्करी की जा रही है। सब छत्तीसगढ़ में नहीं खपाया जाता। छत्तीसगढ़ के रास्ते से इन्हें यूपी, बिहार और दिल्ली तक भेजा जाता है। पुलिस रोजाना कार्रवाई कर रही है पर यह तस्करी रुकती क्यों नहीं है? एक आला अफसर का कहना है कि 1985 की एनडीपीएस की धारा में वैसे तो सजा मामले की गंभीरता के हिसाब से 20 साल तक भी है पर ज्यादातर मामले एक साल या ज्यादा से ज्यादा 3 साल की सजा वाले ही बन पाते हैं। एकाध हफ्ते में आरोपियों को जमानत भी मिल जाती है। जमानत से पहले ही जेल में रहना एक सजा है बाकी तो फैसला आते तक गवाह मुकर जाते हैं, सबूत नष्ट हो जाते हैं। तो..पुलिस गांजा तस्करी में हाल-फिलहाल तो उलझी रहेगी और जल्दी इस पर रोक लगने की कोई उम्मीद नहीं दिखती।

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