राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : एक भीतर, एक बाहर
09-May-2022 5:58 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : एक भीतर, एक बाहर

एक भीतर, एक बाहर

बिलासपुर सांसद अरुण साव की प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप में बैकडोर एंट्री हो गई। साव ने दो दिन पहले कोर ग्रुप की बैठक में हिस्सा भी लिया। बताते हैं कि साव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। इसलिए उन्हें कोर ग्रुप  में जगह मिली है। मगर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के स्थायी आमंत्रित सदस्य अजय चंद्राकर को कोर ग्रुप में नहीं लिया गया।

चर्चा है कि अरुण साव को कोर ग्रुप में लेने के लिए सभी नेता एकमत थे। प्रदेश की अनुशंसा पर हाईकमान ने साव के नाम पर मुहर लगा दी, लेकिन मीडिया में जारी नहीं किया गया। सिर्फ कोर ग्रुप सदस्यों को सूचना दी गई। इससे परे अजय को कोर ग्रुप में लेने का कोर ग्रुप के एक सदस्य ने कड़ा विरोध किया था। इस वजह से अजय कोर ग्रुप का हिस्सा बनने से रह गए।

दोनों पार्टियों में तनातनी 

कांग्रेस में टीएस सिंहदेव, जयसिंह अग्रवाल के तेवर से हलचल मची हुई है, लेकिन भाजपा का हाल और भी बुरा है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को लेकर ट्वीट क्या किया, उन्हीं के पार्टी के कई नेता उनसे असहमत दिख रहे हैं।

प्रदेश भाजपा आईटी सेल के सदस्य रहे, और एबीवीपी के पूर्व संयोजक देवेन्द्र गुप्ता ने तो ट्विटर पर रमन सिंह को जमकर खरी खोटी सुनाई। उन्होंने रमन सिंह को टैग करते हुए ट्वीट किया कि डॉ. रमन सिंह साहब बिल्कुल सही कहा आपने, वाकई प्रदेश में सरकार नहीं, सर्कस चल रहा है। वैसे उनकी छोडि़ए, वो तो आपस में निपट लेंगे। पहले आप अपने गिरेबान में झांकिए। मेरी तरह लाखों लोग आपको इस सर्कस का हिस्सा मानते हैं। मेरी नजरों में आप उन सर्कस के सिंह, और भूपेश बघेल रिंग मास्टर हैं। और हमें पता है कि आपको रिंग मास्टर भूपेश बघेल के हंटर से डर लगता है। मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि तीन साल में 52 हजार करोड़ कर्ज लेकर घी पीती हुई भ्रष्टतम सरकार के खिलाफ जमीनी लड़ाई लडऩे में आप और आपकी फौज घबराती है। थरथर कांपती है। जनता समझ रही है साहब। आपके अधीन थके हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय और धरमलाल कौशिक, विपक्षी धर्म का पालन भी नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा को वोट देने वाले तो अब माथा पकडक़र बैठ गए हैं। वो भी सोच रहे होंगे कि किन कायरों पर भरोसा जता बैठे हैं।

सीसीएफ को मंत्री की नसीहत

हाल ही में दुर्ग सीसीएफ नियुक्त हुए बीपी सिंह को अपने व्यवहार में सुधार करने की विभागीय मंत्री से मिली नसीहत राज्य के वन अमले में चर्चा का विषय बन गई है। सीसीएफ पद पर पदोन्नत होकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृहक्षेत्र का जिम्मा सम्हालने के बाद वनमंत्री मोहम्मद अकबर से सौजन्य भेंट  के  लिए गुलदस्ता लिए सरकारी बंगले में पहुंचे, सिंह को इस बात का गुमान नहीं था कि उन्हें पहली सौजन्य भेंट में मंत्री से बर्ताव सुधारने की नसीहत मिलेगी। सुनते हैं कि दुर्ग सीसीएफ के तौर पर  पदस्थ हुए बीपी सिंह के पूर्व प्रशासनिक कार्यकाल को देख चुके अफसरों ने विभागीय मंत्री से आपसी संवाद और आचरण के तौर-तरीके को लेकर शिकायत की।

बताते हैं कि सिंह की पदस्थापना के दौरान वन मंत्री राज्य से बाहर थे। उनकी वापसी के बाद सामान्य मुलाकात के लिए सिंह पिछले दिनों मंत्री से मिले। विभागीय मंत्री से भेंट करने के दौरान परिचय सुनकर सिंह को आदत-व्यवहार को दुरूस्त करने सीख मिली। विभागीय मंत्री के शब्दों को सुनकर वे पूरी तरह से झेंप गए। यह भी चर्चा है कि दुर्ग के कुछ डीएफओ उनकी पोस्टिंग को लेकर हैरान भी हैं। व्यवहार सुधारने की नसीहत सुनकर सीसीएफ सिंह को पहली भेंट में समझ में जरूर आ गया होगा कि मंत्री को अपने अधीनस्थ अफसरों की पूरी खबर है।

पुराने महल पर भगवा झंडा..

सारंगढ़ छत्तीसगढ़ का यह पुराना महल है, जो मध्यप्रदेश के एकमात्र आदिवासी मुख्यमंत्री का निवास था। कुछ दिनों से इस परिसर में कुछ शरारती तत्वों को भीतर घुसते देखा गया। आज महल के शीर्ष पर भगवा रंग का झंडा लहराने लगा है। उनका पुराना झंडा गायब हो गया है। यह एक सदी से अधिक समय तक विधानसभा और संसद में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला सम्मानित परिवार रहा है। नरेश सिंह ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया। इस पर परिवार की कुलिशा मिश्रा इस समय अखिल भारतीय युवक कांग्रेस में सचिव पद पर सक्रिय हैं। परिवार का कहना है कि हमने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इसकी शिकायत की, पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

 

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