राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : फाइटर की भर्ती में भीड़
10-May-2022 7:40 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : फाइटर की भर्ती में भीड़

फाइटर की भर्ती में भीड़

बस्तर में स्थानीय युवाओं की बस्तर फाइटर में भर्ती की जा रही है। दो साल से धीमे-धीमे चल रही प्रक्रिया में अब तेजी आई है। भर्ती तो 300 की होनी है पर आवेदन 15 हजार आए हैं। इनमें से भी 5000 आवेदन महिलाओँ के हैं। यानि करीब एक तिहाई। कल आवेदन में शामिल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए कांकेर में कैंप लगाया गया था। पहले दिन युवतियों को बुलाया गया, जिसमें अनेक लोग दुधमुंहे बच्चों के साथ भी पहुंची। सबको पता ही होगा कि उन्हें नक्सलियों से मुकाबले के लिए तैयार किया जा रहा है।

बस्तर फाइटर्स में भर्ती के लिए जिन लोगों ने आवेदन लगाए, उनके लिए पुलिस ने दो माह का प्रशिक्षण कैंप भी लगाया था। इस डर से कि कहीं नक्सली इस भर्ती में शामिल होने की बात पर उनको या उनके परिवार को परेशान न करे, लोगों ने दूसरे जिलों में जाकर प्रशिक्षण लिया।

दूसरी तरफ नक्सली दबाव बनाते हैं कि हमें परिवार का एक सदस्य कैडर के रूप में चाहिए। बीते दिनों नारायणपुर में एक ऐसे युवक के भाई की मौत हो गई थी जो बस्तर पुलिस में तैनात है। मुठभेड़ में मारे गए युवक के बारे में भी बात में बात साफ हो गई कि उसका नक्सलियों से कोई नाता नहीं था बल्कि उसने तो बस्तर फाइटर्स के लिए आवेदन भरा था। हां, नक्सली उसे दबाव डालकर अपने साथ कभी ले गए थे, पर वह उनके चंगुल से छूटकर निकल गया था।

इन बातों का मतलब तो यही निकलता है कि बस्तर के लोग नक्सल हिंसा से मुक्त होकर शांति चाहते हैं। बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए वे सरकार की ओर ही देख रहे हैं। ऐसे में जिन 300 लोगों की भर्ती हो जाएगी और बाकी 14 हजार 700 लोग बच जाएंगे, पुलिस और प्रशासन को उनके साथ सतत् संपर्क रखना चाहिए। वे भले ही भर्ती के मापदंडों में खरा न उतर रहे हों पर बता तो दिया कि बस्तर को हिंसा से मुक्त देखने के लिए वे फ्रंट पर रहने का साहस तो रखते हैं।

छोडिय़े ट्रेन को, टैक्सी करिये

कोयला परिवहन में तेजी लाने के नाम पर ट्रेनों को बंद करने का सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब और निम्न मध्यम तबका भोग रहा है। अधिकांश पैसेंजर, मेमू ट्रेनों को बंद कर देने से रायगढ़ से लेकर गोंदिया तक छोटे-बड़े स्टेशनों में सफर करने वालों को कोई साधन नहीं मिल रहा है। सीटिंग सुविधा वाली ट्रेनों में सफर कुछ सस्ता भी है तो अधिकांश सीटें एक दिन पहले ही फुल हो जाती हैं। रायपुर से बिलासपुर या रायगढ़ से रायपुर या दुर्ग बैठकर भी जाना चाहते हैं तो आपको एक दिन पहले काउंटर पर या ऑनलाइन टिकट लेनी पड़ेगी, वरना विकल्प यही है कि सेकंड स्लीपर में ही जगह मिलेगी। इसका किराया 150 से कम नहीं हैं, जो 300 तक जा सकता है। इससे कम में सफर करने का कोई साधन नहीं। छोटे स्टेशनों के लिए जो गिनी-चुनी ट्रेनें चल रही हैं उनमें भी सफर करना जेब के लिए भारी पड़ रहा है। इस समय शादी ब्याह का सीजन चल रहा है। बसों में भी भीड़ है और डीजल के दाम बढऩे के बाद तो किराये पर भी कोई लगाम नहीं। रेलवे ने जनप्रतिनिधियों, विधायकों की मांग, कई संगठनों के विरोध, प्रदर्शन के बावजूद कोई रियायत नहीं दी है। छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे रेल मंत्री से यह सवाल किया जाए तो शायद वे कह दें कि लोग इतना कष्ट उठाते ही क्यों हैं? प्राइवेट टैक्सी किराये में लीजिए, एसी की ठंडी हवा में सफर करिये।

मांगे हुए कमरों में विश्वविद्यालय

स्वामी आत्मानंद विशिष्ट विद्यालयों की कक्षाएं प्रारंभ करने के लिए एक आम तरीका यही निकाला जा रहा है कि पहले से चल रहे हिंदी माध्यम स्कूलों के भवन का कुछ हिस्सा या पूरा-पूरा ले लिया जाए। पर यह मामला विश्वविद्यालय का है। रायगढ़ में शुरू हुए शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय का दफ्तर वहां के पोलिटेक्निक के भवन के कुछ हिस्सों को लेकर संचालित किया जा रहा है। कोविड संक्रमण के दौर में तो प्रभावित छात्रों को तो कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि उस वक्त ऑनलाइन पढ़ाई ही चल रही थी। पर अब जब कॉलेज और प्रशिक्षण संस्थानों में ऑफलाइन शुरू होने के बाद उनकी समस्या सामने आ रही है। शासकीय पोलिटेक्नीक में भवन कम पडऩे लगे तो प्राचार्य ने हफ्ते में चार दिन क्लास लगाने का आदेश निकाल दिया। इससे छात्र नाराज हैं। उनके मौजूदा सेमेस्टर का कोर्स 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। कोर्स पूरा नहीं होगा तो परीक्षा में पास कैसे होंगे?  छात्रों ने सभी 6 दिन क्लास लगाने की मांग पर प्राचार्य के सामने धरना दे दिया। अब तक कोई हल निकला नहीं है, हालांकि आश्वासन दिया गया है कि विश्वविद्यालय के दफ्तर के लिए किसी नए ठिकाने की तलाश हो रही है, जो जल्द पूरी कर ली जाएगी।

फिर से ग्राम सभा कराने में दिक्कत...?

हसदेव अरण्य में परसा कोल ब्लॉक के आबंटन और उसके बाद बड़ी तेजी से पेड़ों की कटाई का प्रदेश के कई जिलों में अलग-अलग तरीके से लोग विरोध प्रदर्शन हो रहा है। भाजपा के किसी नेता ने अब तक इस विषय पर कुछ नहीं बोला है। शायद केंद्र के फैसले और पार्टी लाइन से बाहर जाकर बोलने से उन पर अनुशासन की कार्रवाई हो जाए। कांग्रेस में इसके मुकाबले ज्यादा खुला माहौल है। कई नेता इस मसले पर शुरू से स्पष्ट राय रख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री और सरगुजा से विधायक टीएस सिंहदेव इनमें से एक हैं। अब उन्होंने प्रभावित गांवों में एक बार फिर ग्रामसभा कराने का सुझाव दिया है। वे कह रहे हैं कि यदि पिछली ग्राम सभा में सचमुच कोयला उत्खनन के पक्ष में प्रस्ताव पास किया गया था, तो फिर से वैसा ही होगा।

मालूम हो कि फतेहपुर, हरिहरपुर, साल्ही जैसे प्रभावित गांवों के लोग कह रहे हैं कि कोल ब्लॉक के लिए सहमति देने का ग्राम सभा का प्रस्ताव फर्जी है। वे दस्तावेजों को भी कूटरचित बता रहे हैं। पर, सरकार में बैठे सभी लोगों को पता है कि दुबारा ग्राम सभा रखी गई तो उसके नतीजे क्या आएंगे, इसलिये शायद ही कोई सिंहदेव के सुझाव को मानने के लिए तैयार हो।

संस्कृत की शिक्षा पर लगाम..

लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूलों में शिक्षकों के सेटअप के लिए नया आदेश जारी किया है। सन् 2008 के बाद से नया सेटअप जारी नहीं किया गया था। इससे यह फायदा होगा कि अब जो दर्ज संख्या स्कूलों में हैं, उसके हिसाब से नई रिक्तियों और पदस्थापना की गिनती हो सकेगी। इस निर्देश में यह भी कहा गया है कि सभी स्कूलों के खाली पदों और अतिशेष की सूची ऑनलाइन अपलोड हो। इससे तबादले का आवेदन करने में शिक्षकों को सहूलियत होगी। आवेदन पहले से ही ऑनलाइन करने की सुविधा थी, पर कहां कितने खाली पद हैं और कहां कितने अतिरिक्त हैं, इसकी जानकारी नहीं मिलने से दिक्कत होती थी।

पर सेटअप की इस नई व्यवस्था में संस्कृत विषय की उपेक्षा हो गई है। हाईस्कूल में अब शायद ही किसी संस्कृत व्याख्याता की भर्ती हो पाए। ऐसा इसलिये भी है कि इस विषय के छात्रों की संख्या हाईस्कूलों में काफी कम होती जा रही है। पर, वे छात्र जो मिडिल स्कूल के बाद हाईस्कूल की पढ़ाई भी संस्कृत में करना चाहते हैं, उनके लिए क्या व्यवस्था की जाएगी? बाद में संस्कृत कॉलेजों में कैसे दाखिला मिलेगा? इस पर शायद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news