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चेन्नई, 4 जुलाई | भाजपा के राज्य सचिव नागराजन ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए.के. राजन समिति पर केस किया है, जिसे लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक ने भाजपा पर निशाना साधा है। दरअसल राज्य सरकार ने मेडिकल प्रवेश पर राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए इस समिति का गठन किया था। द्रमुक के तेजतर्रार नेता और पार्टी के राज्य संगठन सचिव, आर.एस. भारती ने भाजपा नेता नागराजन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके पास समिति के गठन के खिलाफ इस तरह का मामला दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं है और कहा कि वह समिति के परिणाम की भविष्यवाणी करने और विरोध करने के लिए ज्योतिषी या भविष्यवक्ता नहीं है।
द्रमुक के वरिष्ठ नेता ने समिति के गठन के समर्थन में वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन के माध्यम से दायर एक हलफनामे में कहा कि भाजपा नेता द्वारा दायर याचिका कानून के साथ-साथ तथ्यों की पूरी तरह से अनभिज्ञता के कारण है।
आर.एस. भारती ने कहा कि भाजपा नेता सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों पर नीट के प्रभाव को समझने में विफल रहे हैं।
द्रमुक नेता ने कहा कि तमिलनाडु के छात्रों की दुर्दशा पर द्रमुक आंखें बंद नहीं कर सकती।
द्रमुक नेता ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता शिक्षा में सामाजिक न्याय की बहाली और जीवन के सभी क्षेत्रों के छात्रों के लिए समान अवसर के खिलाफ है। उन्होंने यह भी गंभीर आरोप लगाया कि भाजपा नेता राज्य में कोचिंग संस्थानों की ओर से काम कर रहे हैं। (आईएएनएस)