राष्ट्रीय
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट विस्तार में 2022 के विधानसभा चुनाव की झलक साफ तौर पर देखी जा सकती है. उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और यह चुनाव बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है इसीलिए जो मंत्रिमंडल विस्तार किया जा रहा है उसमें यूपी को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई है. उत्तर प्रदेश के 7 सांसदों को नए मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है. इनमें 6 लोकसभा के सदस्य हैं तो वहीं एक राज्यसभा के भी सदस्य शामिल हैं.
जिन सात नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल रही है उनमें आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल, लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्र टेनी, राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर, जालौन से सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा, बीजेपी की सहयोगी अपना दल की मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल, महाराजगंज से छठी बार सांसद बने पंकज चौधरी का भी नाम शामिल है. जाहिर सी बात है कि इस विस्तार में चुनाव से पहले ना केवल जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई बल्कि क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश बीजेपी ने की है.
एसपी सिंह बघेल को मुलायम सिंह यादव राजनीति में लाए थे
मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने में कामयाब होने वाले अगर प्रो. एसपी सिंह बघेल की बात करें तो वह चौथी बार लोकसभा के सदस्य 2019 में चुने गए थे, और एक बार राज्यसभा के भी सदस्य रह चुके हैं. 2017 में टूंडला सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन 2019 में बीजेपी ने उन पर भरोसा जताते हुए आगरा से लोकसभा का टिकट दिया और वह चुनाव जीतकर सांसद बने. एसपी सिंह बघेल समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी से होते हुए बीजेपी में पहुंचे थे. बीजेपी ने उन्हें पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था. एसपी सिंह बघेल को राजनीति में लाने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को जाता है.
दरअसल, एसपी सिंह बघेल यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर नियुक्त हुए थे और मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में तैनात हुए. उनके राजनीतिक कौशल को मुलायम सिंह यादव ने भांप लिया था और समाजवादी पार्टी ने उन्हें सबसे पहले 1998 में जलेसर सीट से लोकसभा का टिकट दिया. एसपी सिंह बघेल चुनाव जीते और सांसद बने. फिर 1999 और 2004 में भी यही सिलसिला जारी रहा. हालांकि फिर नाराजगी के चलते एसपी सिंह बघेल ने सपा छोड़ दी और बसपा में चले गए. बसपा ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया. नौकरी को छोड़कर एसपी सिंह बघेल कुछ समय तक आगरा कॉलेज में प्रोफेसर भी रहे थे.
अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बेटी हैं अनुप्रिया पटेल
अपना दल की मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल की बात करें तो वह अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बेटी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं. हालांकि 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह माना जा रहा था कि अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट में दोबारा जगह मिलेगी, लेकिन उस वक्त उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया और कुछ दिन पहले जब उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की उसके बाद से यह कहा जा रहा था कि जब भी केंद्र में विस्तार होगा तो उन्हें जगह जरूर मिलेगी.
बी एल वर्मा बीजेपी के बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं
वहीं अगर बात करें बी एल वर्मा की तो वो बीजेपी के बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं और संगठन के माहिर माने जाते हैं. 2017 में जब बीजेपी सत्ता में आई तो उसके बाद उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाते हुए बीएल वर्मा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया. फिर बीते साल हुए राज्य सभा के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और वह निर्विरोध राज्य सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. हाल ही में बीजेपी ने उन्हें ओबीसी मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है.