राष्ट्रीय
देश के कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में जल्द ही दो और वैक्सीन शामिल हो सकती हैं.
अमर उजाला लिखता है कि इसी सप्ताह सरकार दो नई वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे सकती है. इनमें से एक ज़ायडस कैडिला कंपनी की डीएनए आधारित वैक्सीन है जबकि दूसरी वैक्सीन कोवावैक्स है जिसका उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (SII) कर रहा है.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया के अधीन विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बुधवार को होने वाली बैठक में तीन टीकों पर चर्चा होगी. इसमें बायोलॉजिकल ई कंपनी की वैक्सीन भी शामिल है. लेकिन इनमें से दो वैक्सीन को इसी सप्ताह आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है.
समिति के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि क़रीब पांच सप्ताह पहले ज़ायडस कंपनी ने डीएनए आधारित स्वदेशी वैक्सीन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन तीसरे चरण के परीक्षण से जुड़े परिणाम पर्याप्त नहीं थे इसलिए कंपनी से अन्य दस्तावेज़ भी सौंपने को कहा गया था.
पिछले सप्ताह कंपनी से सभी दस्तावेज़ मिले थे जिनकी समीक्षा भी लगभग पूरी हो चुकी है.
वहीं एक अन्य सदस्य ने बताया कि कोवावैक्स नाम से जिस वैक्सीन को लेकर भारत में SII ने आवेदन दिया है, उस टीके के लिए अन्य देशों में भी नोवावैक्स कंपनी की ओर से अनुमति मांगी गई है.
अभी तक इसके तीनों परिणामों के आधार पर कुछ देशों में अनुमति मिल चुकी है. उन्होंने बताया कि इन दोनों वैक्सीन को सबसे पहले आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी मिल सकती है. (bbc.com/hindi)