अंतरराष्ट्रीय
काबुल एयरपोर्ट के नज़दीक़ गुरुवार को दो बम धमाकों के बाद बीती रात से डॉक्टर और नर्सें 150 घायल लोगों के इलाज में लगेहुए हैं.
तालिबान के नियंत्रण के बाद अस्पतालों में स्टाफ़ की कमी है और वहां पर मरीज़ों की भीड़ लगी हुई है.
अंतरराष्ट्रीय मेडिकल चैरिटी संस्था ‘इमर्जेंसी’, दकाबुल सर्जिकल सेंटर चलाती है. उसका कहना है कि उनके यहां दो घंटे के अंदर 60 घायल पहुंचे थे जिनमें से 16 की वहां आते ही मौत हो गई थी.
संस्था की अध्यक्ष रॉसेला मिचियो जो कि अफ़ग़ानिस्तान में नहीं हैं. उनका कहना है कि जो स्टाफ़ अपनी शिफ़्ट ख़त्म करके चले गए थे वो तुरंत मदद के लिए वहां पहुंचे.
बीबीसी के टुडे प्रोग्राम से उन्होंने कहा, “पूरी रात अस्पताल के तीन ऑपरेशन थिएटर में काम जारी रहा. अंतिम मरीज़ का ऑपरेशन सुबह 4 बजे किया गया था.”
उन्होंने बताया कि कुछ मरीज़ आईसीयू में हैं तो ‘स्थिति अभी भी कुछ गंभीर बनी हुई है.’
अस्पताल के मेडिकल कॉर्डिनेटर ने ट्विटर पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि मरीज़ ‘डरे हुए हैं, उनकी आंखें एकदम सूनी हो चुकी हैं. हमने बहुत कम ही ऐसी स्थिति देखी है.’ (bbc.com)