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उमर शरीफ़: कॉमेडियन जिनकी शोहरत हिंदुस्तान-पाकिस्तान दोनों मुल्कों में थी
03-Oct-2021 8:59 AM
उमर शरीफ़: कॉमेडियन जिनकी शोहरत हिंदुस्तान-पाकिस्तान दोनों मुल्कों में थी

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-ताहिर सरवर मीर और रियाज़ सुहैल

लंबे समय तक पाकिस्तान में कॉमेडी थिएटर की दुनिया पर राज करने वाले कलाकार उमर शरीफ़ का जर्मनी में निधन हो गया है. वह 66 वर्ष के थे और दिल की बीमारी के अलावा और भी कई बीमारियों से पीड़ित थे.

उमर शरीफ़ को इलाज के लिए 28 सितंबर को जर्मनी के रास्ते पाकिस्तान से अमेरिका ले जाया जा रहा था, उनके परिवार के अनुसार, वो अस्थाई तौर पर जर्मनी में रुके थे, उसी दौरान उनकी हालत बिगड़ गई और वो चल बसे.

उमर शरीफ़ की पत्नी की बहन, अंबरीन ने बीबीसी को बताया कि अमेरिका जाते समय रास्ते में ही उनकी हालत बिगड़ गई थी, जिस वजह से उन्हें जर्मनी में ही रोक लिया गया था. उन्होंने कहा, "पिछले चार दिनों से वहां उनका इलाज चल रहा था. उन्हें निमोनिया और बुख़ार था."

अंबरीन के मुताबिक़, उनकी बहन ज़रीन ने उन्हें बताया था कि डॉक्टर कह रहे थे कि जैसे ही उनकी हालत में सुधार होगा, वह अमेरिका के लिए रवाना हो जाएंगे. लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और शनिवार की सुबह उनका निधन हो गया.

सरकारी टीवी के मुताबिक़, उमर शरीफ़ का असली नाम मोहम्मद उमर था, और उनका जन्म 1955 में कराची में हुआ था. जब उनके पिता की मृत्यु हुई, तब उनकी उम्र चार साल थी, उस समय उनके परिवार को आर्थिक तौर पर बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

कराची में वह जिस इलाक़े में रहते थे, वहां पास में ही कव्वालों के भी घर थे. बचपन में उनकी दोस्ती इन कव्वालों के बच्चों के साथ रही और जब होश संभाला तो अपने पड़ोस के विभिन्न किरदारों सहित मशहूर फ़िल्म अभिनेताओं की बोल-चाल और अंदाज़ की मिमिक्री करने लगे.

यही वजह थी कि उमर शरीफ़ की जुमलेबाज़ी और चुटकुले पूरे इलाक़े में मशहूर हो गए थे. उमर शरीफ़ जब स्कूल के बाद गली मोहल्ले में निकलते तो उनके आसपास लड़कों की भीड़ होती और वह उन्हें हंसाने में लग जाते.

उमर शरीफ़ ने पहली बार में ही करिश्मा कर दिखाया था!
उमर शरीफ़ महज 14 साल की उम्र में बतौर अभिनेता थिएटर से जुड़ गए थे. उनके स्टेज एक्टर बनने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है.

कराची के आदम जी हॉल में होने वाले स्टेज ड्रामे के एक गुजराती एक्टर को अपने रिश्तेदार की मौत हो जाने की वजह से नाटक छोड़ कर जाना पड़ा. शो से दो घंटे पहले, उमर शरीफ़ को बुलाया गया और मेकअप रूम में काग़ज़ात का एक पुलिंदा यह कह कर हाथ में थमा दिया कि आपको एक ज्योतिष बनना है.

इस नाटक के लिए उमर शरीफ़ को तीन बार एंट्री करनी थी. कराची के बहुत से कलाकारों का कहना है कि उमर शरीफ़ ने पहली ही एंट्री पर अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया और जब वह स्टेज से गए, तो काफी देर तक तालियां बजती रहीं. शो के अंतिम दिन, 14 वर्षीय उमर शरीफ़ को नाटक में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए 5 हज़ार रुपये, एक 70 सीसी मोटरसाइकिल और पूरे साल का पेट्रोल इनाम में दिया गया.

इस क्षेत्र में उन्होंने अभिनय के अलावा, लेखक और निर्देशक के रूप में भी अपनी कला का लोहा मनवाया. उमर शरीफ़ ने 70 से ज़्यादा नाटकों की स्क्रिप्ट लिखीं, जिनके लेखक, निर्देशक और अभिनेता वो ख़ुद थे और इन नाटकों ने लोकप्रियता के रिकॉर्ड बनाये.

'बहरूपिया' वो खेल था जिसमें उमर शरीफ़ का टैलेंट खुल कर सामने आया और फिर 'बुड्ढा घर पे है' और 'बकरा किस्तों पे' ने उन्हें पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में भी ऐसी लोकप्रियता दिलाई कि उमर शरीफ़ उपमहाद्वीप के पसंदीदा हास्य कलाकार (कॉमेडियन) बन गए.

'बकरा किश्तों पे' नाटक इतना लोकप्रिय हुआ कि उमर शरीफ़ ने इसके पांच पार्ट बनाए. उमर शरीफ़ ने ही पहली बार स्टेज ड्रामों को रिकॉर्ड करने का रिवाज़ भी शुरू किया. "यस सर ईद, नो सर ईद" उमर शरीफ़ का पहला नाटक था, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी. स्टेज ड्रामों की वीडियो रिकॉर्डिंग ने उन्हें उपमहाद्वीप सहित पूरी दुनिया में उर्दू और पंजाबी बोलने वालों का पसंदीदा कॉमेडियन बना दिया था.

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उनका कहना था कि "मुनव्वर ज़रीफ़ मेरे आध्यात्मिक गुरु हैं. अपने करियर की शुरुआत में उमर शरीफ़ ने अपना नाम उमर ज़रीफ़ भी रखा था, लेकिन 70 के दशक में जब मिस्र के अभिनेता उमर शरीफ़ की फिल्म 'लॉरेंस ऑफ़ अरबिया' रिलीज़ हुई तो नौजवान मोहम्मद उमर, उमर शरीफ़ बन गए.

कुछ महीने पहले एक टीवी इंटरव्यू में मुनव्वर ज़रीफ़ के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, कि "मैंने उनके जैसा इंसान और कलाकार कभी नहीं देखा, और न ही कोई मुझे उतना अच्छा लगा. हमारे देश के कलाकार बहुत अच्छे हैं, लेकिन मैं सच कह रहा हूं, दुनिया में कोई दूसरा मुनव्वर ज़रीफ़ पैदा नहीं हुआ."

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उमर शरीफ़ ने पाकिस्तान में निजी टीवी चैनलों पर भी शो किए जो सुपरहिट रहे
उमर शरीफ़ कहते थे कि उनकी बदक़िस्मती हैं कि वो (उमर शरीफ़) जिंदगी में मुनव्वर ज़रीफ़ से नहीं मिल पाए. उमर शरीफ़ कहते थे कि एक बार वह अपने पत्रकार दोस्त परवेज़ मज़हर के साथ मुनव्वर ज़रीफ़ से मिलने कराची के एक होटल में गए थे, लेकिन मुनव्वर जी की व्यस्तता के कारण मुलाक़ात नहीं हो सकी थी.

मुनव्वर ज़रीफ़ के प्रति उमर शरीफ़ की भक्ति ऐसी थी कि एक बार कराची से लाहौर आए तो दाता गंज बख़्श की दरगाह पर हाज़िरी देने के बाद, सीधे टैगोर पार्क में स्थित मुनव्वर ज़रीफ़ के घर गए और उनके घर की दीवारों को चूमते रहे.

90 के दशक में उमर शरीफ़ कराची से लाहौर आ गए, जहां उन्होंने इचरा में शमा सिनेमा को लाहौर थिएटर में बदल दिया. उमर शरीफ़ ने इस थिएटर में कई यादगार नाटक किये.

400 से अधिक गेटअप, कैरेक्टर और एक्सेंट
स्टेज ड्रामों के साथ-साथ उमर शरीफ़ ने मिस्टर 420, मिस्टर चार्ली और चांद बाबू जैसी फ़िल्में भी प्रोड्यूस की. उन्हें मिस्टर 420 के लिए दो नेशनल और चार निगार अवार्ड भी मिले, जो पाकिस्तान में एक रिकॉर्ड है. इसके अलावा, उन्होंने जिन फिल्मों में काम किया है, उनमें हिसाब, कुंदन, बहरूपिया, पैदागीर, ख़ानदान और लाट साहब शामिल हैं.

उमर शरीफ़ ने पाकिस्तान में निजी टीवी चैनलों पर भी शो किए और ऐसे ही एक शो 'उमर शरीफ़ वर्सेज़ उमर शरीफ़' में वह 400 से ज़्यादा रूपों में नज़र आए जो कि एक रिकॉर्ड है.

इस शो के लिए उमर शरीफ़ के साथ काम करने वाले मेकअप आर्टिस्ट इमरान नवाब कहते हैं, कि मैंने और मेरे पिता नवाब अली ने उमर शरीफ़ को 400 से ज़्यादा गेटअप दिए और उन्होंने उतने ही कैरेक्टर और एक्सेंट भी अपनाये.

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'उमर शरीफ़ वर्सेज़ उमर शरीफ़' में वह 400 से ज़्यादा रूपों में नज़र आए, जो एक रिकॉर्ड है
वह वरिष्ठ कॉमेडियन ख़ालिद अब्बास डार हों या सोहेल अहमद या उनके सहकर्मी हनीफ़ राजा और शहज़ाद रज़ा, सभी उनकी टाइमिंग और हाज़िर जवाबी के प्रशंसक थे.

उमर शरीफ़ की यही टाइमिंग और हाज़िर जवाबी थी, जिसने उन्हें उपमहाद्वीप के हास्य कलाकारों में सबसे ऊपर रखा. भारत और पाकिस्तान के मशहूर कलाकार मानते हैं कि "आधा लॉफ़्टर तो उमर शरीफ़ का लहज़ा था"

उन कलाकारों का कहना है कि उमर शरीफ़ का ऑब्ज़र्वेशन कमाल का था और स्टेज पर खड़े होते तो बात से बात ऐसे निकालते जैसे आसमान से बारिश हो रही हो.

उमर शरीफ़ ने बिग बी को इतना हंसाया कि उनकी आंखों में आंसू आ गए
उमर शरीफ़ शायद एकमात्र पाकिस्तानी कॉमेडियन हैं जिनके प्रशंसक पूरी दुनिया में हैं. अमिताभ बच्चन हों, शाहरुख़ ख़ान हों या बॉलीवुड के बड़े-बड़े नाम, सभी उनके प्रशंसक थे. एक बार जब उमर शरीफ़ मुंबई गए तो अभिनेत्री फ़राह और तब्बू घर से खाना बना कर रोज़ाना उस होटल में लेकर जाती थीं जहां उमर शरीफ़ ठहरे हुए थे.

फ़राह ने बताया था कि एक बार जब वह डिप्रेशन का शिकार हुईं तो उनके ससुर ने उन्हें उमर शरीफ़ के नाटक देते हुए कहा था कि इन्हें देखो. फ़राह के मुताबिक़ उमर शरीफ़ के नाटक देख कर वो इतना हंसती थी कि उनका डिप्रेशन दूर हो गया.

मुझे भी एक बार उमर शरीफ़ के साथ दुबई में होने वाले ज़ी सनी अवार्ड्स में भाग लेने का मौक़ा मिला. ये वही कार्यक्रम था जिसमें बॉलीवुड के बड़े-बड़े नामों ने उमर शरीफ़ का जादू देखा था.

कार्यक्रम में जब उमर शरीफ़ मंच पर आए तो उन्होंने अमिताभ बच्चन को संबोधित करते हुए कहा, कि ''आज पहली बार मैंने अमिताभ बच्चन को ज़िंदा देखा है यानी लाइव(आमने-सामने) देखा है." उमर शरीफ़ ने बातचीत शुरू की तो अमिताभ बच्चन गंभीरता से सुनने लगे, लेकिन कुछ ही पलों के बाद हंसते-हंसते अमिताभ बच्चन की आंखों में आंसू आ गए.

इस कार्यक्रम में यह सच भी सामने आ गया कि भारतीय हास्य कलाकार न केवल उमर शरीफ़ से प्रभावित हैं, बल्कि उन्हें अपना गुरु भी मानते हैं. बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन जावेद जाफ़री का कहना है कि वह बचपन से ही उमर शरीफ़ के फैन थे और उन्हें, उनके (उमर शरीफ़ के) नाटकों का हर वाक्य और एक्ट याद है. जॉनी लीवर का कहना है कि पाकिस्तान इस लिए ख़ुशक़िस्मत है कि वहां मोइन अख़्तर और उमर शरीफ़ जैसे कॉमेडी स्टार्स पैदा हुए.

बेटी का सदमा
उमर शरीफ़ ने तीन शादियां की थीं. समा टीवी पर निदा यासिर के शो में उन्होंने कहा था कि उनकी पहली पत्नी उनकी पड़ोसन थीं, घर में उनका आना-जाना था और वो उनकी मां की देखभाल करती थी, इसलिए उन्होंने उनसे शादी कर ली. उमर शरीफ़ की दूसरी शादी ड्रामा आर्टिस्ट शकीला क़ुरैशी से हुई थी, लेकिन यह ज़्यादा समय तक नहीं चली, इसके बाद उनकी तीसरी शादी स्टेज एक्ट्रेस ज़रीन ग़ज़ल से हुई.

उनकी तीसरी पत्नी ज़रीन ही उनके साथ इलाज के लिए विदेश गई थीं, जबकि दोनों के बीच प्रॉपर्टी को लेकर सिंध हाई कोर्ट में एक केस चल रहा था. जहां उमर शरीफ़ ने अपील की थी, कि उनकी याददाश्त कमज़ोर है और उनकी पत्नी ने उनसे गिफ़्ट डीड पर दस्तख़त करा लिए थे और वह 11 करोड़ की क़ीमत का एक फ्लैट बेचना चाहती थी, लेकिन उस फै़सले से उनका कोई संबध नहीं है.

उमर शरीफ़ के जीवन में एक बड़ा सदमा उनकी जवान बेटी हीरा शरीफ़ की मौत थी, जिनकी अवैध ऑर्गन ट्रांसप्लांट के दौरान मौत हो गई थी. उनके बेटे ने एफ़आईए को एक शिकायत की थी कि लाहौर के एक डॉक्टर ने उनसे 34 लाख रुपये लिए थे और उसके बाद कश्मीर शिफ़्ट किया गया, जहां ऑपरेशन के बाद हीरा की हालत बिगड़ गई और उनकी मृत्यु हो गई. जब वो अपनी बेटी का जिक्र करते थे तो उदास हो जाते थे.

कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ने उमर शरीफ़ के फ़ैन्स को उदास कर दिया था. उस तस्वीर में वह व्हीलचेयर पर बैठे थे और उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी.

इस तस्वीर के सामने आने के बाद, सिंध सरकार और संघीय सरकार ने उनका इलाज कराने की घोषणा की और इसके लिए सिंध सरकार ने 4 करोड़ रुपये भी जारी किए, जिसके बाद उन्हें कराची से एक विशेष एयर एम्बुलेंस से अमेरिका ले जाया जा रहा था, जहां उनके दोस्तों ने उनका इलाज कराने का आश्वासन दिया था. (bbc.com)

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