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अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जांच कर रही है.
एनसीबी ने शनिवार (2 अक्टूबर) आधी रात को मुंबई में एक क्रूज पर छापा मारा था.
एनसीबी मुंबई के निदेशक समीर वानखेड़े ने जानकारी दी है कि इस मामले में आर्यन खान की जांच की जा रही है.
एनसीबी ने मामले में आर्यन खान समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के नाम आर्यन खान, अरबाज़ मर्चेंट, मूनमून धमेचा, नुपुर सारिका, इस्मित सिंह, मोहक जसवाल, विक्रांत चोकर और गोमित चोपड़ा हैं.
वानखेड़े ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों से इस बारे में पूछताछ की जा रही है.
एनसीबी प्रमुख एसएन प्रधान ने बताया कि मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी.
प्रधान ने कहा, "हम इस मामले में निष्पक्ष रूप से काम कर रहे हैं. ग़ौरतलब कि इस मामले में बॉलीवुड और कुछ अमीर लोग भी शामिल हैं. उनमें कोई भी होगा तब भी हम अपना काम कानून के दायरे में रहकर काम करेंगे."
वास्तव में क्या हुआ?
मुंबई के ड्रग कंट्रोल स्क्वॉड ने शनिवार आधी रात को बड़ा ऑपरेशन शुरू किया.
महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र के बीच में एक क्रूज शिप पर कथित तौर पर ड्रग पार्टी चल रही थी. वहां रेड पड़ी है और एनसीबी ने 10 लोगों को हिरासत में लिया है.
पुलिस को सूचना मिली थी कि पार्टी मुंबई से गोवा जा रही एक क्रूज शिप पर चल रही थी.
इसलिए एनसीबी के अधिकारी यात्री बन गए और एक क्रूज पर चले गए. एनसीबी ने कहा कि क्रूज के समुद्र के बीच में जाने के बाद पार्टी शुरू हुई.
एनसीबी की टीम ने ड्रग्स लेना शुरू करने के बाद इन सभी को गिरफ्तार कर लिया. इसमें एक अभिनेता का बेटा भी शामिल था. शनिवार को रवाना हुए इस क्रूज को सोमवार को मुंबई लौटना था.
पुलिस ने जिस क्रूज शिप को अपने कब्जे में लिया है, उसकी सर्विस कुछ दिन पहले ही शुरू हुई थी.
साथ ही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस पार्टी के लिए क्रूज शिप का टिकट क़रीब 80,000 रुपये का था.
इस बीच इस मामले में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं.
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रवक्ता अतुल लोंधे ने भी मुंबई के समुद्र में क्रूज शिप पर पार्टी के दौरान एनसीबी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "गुजरात में मिले नशीले पदार्थों का क्या हुआ?"
अतुल लोंधे ने पूछा है कि ये छोटी-छोटी कार्रवाई बड़ी घटना को छिपाने के लिए नहीं है (bbc.com)