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तालिबान के आत्मघाती हमलावरों के महिमामंडन से पीड़ित अफगान आहत
02-Nov-2021 9:17 AM
तालिबान के आत्मघाती हमलावरों के महिमामंडन से पीड़ित अफगान आहत

नई दिल्ली, 1 नवंबर| तालिबान के आत्मघाती हमलावरों और उनके 'बलिदानों' को 'सम्मान' देने के लिए हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम की अफगान नागरिकों ने भारी आलोचना की है। डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। आत्मघाती हमले में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों ने डीडब्ल्यू को बताया कि वे हत्यारों के महिमामंडन से घृणा महसूस कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 अक्टूबर को तालिबान के अंतरिम आंतरिक (गृह) मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने उन आत्मघाती हमलावरों के 'बलिदान' की सराहना की थी, जिन्होंने देश पर 20 साल के अमेरिकी कब्जे के दौरान अफगानिस्तान में अनगिनत हिंसक हमले किए।

काबुल के एक होटल में एक समारोह में मंत्री ने आत्मघाती हमलावरों के परिजनों को नकद और जमीन देकर पुरस्कृत किया।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सईद खोस्ती ने एक ट्वीट में कहा कि तालिबान आत्मघाती हमलावरों की मदद के बिना सत्ता में वापस नहीं आ सकता था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान द्वारा आत्मघाती हमलावरों का महिमामंडन करने से कई अफगान नाराज हो गए हैं, खासकर वह लोग नाराज हैं, जिन्होंने आत्मघाती हमलों में अपने प्रियजनों को खो दिया है।

19 वर्षीय शरीफा ने तालिबान द्वारा अपने आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को 'सम्मान' देने की खबर जैसे ही सुनी, वो फूट-फूट कर रोने लगीं, क्योंकि काबुल में 2018 के आत्मघाती हमले में उन्होंने अपने पिता को खो दिया था।

शरीफा ने कहा, "यह घाव में नमक रगड़ने जैसा है।"

शरीफा ने फोन पर डीडब्ल्यू को बताया, "जब मैंने सुना कि हमारी मदद करने के बजाय, वे (तालिबान) उन लोगों की प्रशंसा कर रहे हैं, जिन्होंने जानबूझकर खुद को और दूसरों को मार डाला, तो मेरा दिल टूट गया।"

2018 में एक तालिबान आत्मघाती हमलावर ने काबुल में गृह मंत्रालय को निशाना बनाया था, जिसमें 95 लोग मारे गए थे और कम से कम 185 घायल हो गए थे। मृतकों में शरीफा के पिता भी शामिल थे।

रिपोर्ट के अनुसार, शरीफा ने आगे गया, "हमारे पिता की मृत्यु के बाद हमारा जीवन बर्बाद हो गया। मेरी मां और भाई मानसिक रूप से अस्थिर हो गए।"

आत्मघाती हमलावरों को सम्मानित करने के काबुल समारोह ने न केवल पीड़ितों के परिवारों को नाराज किया है, बल्कि अफगानिस्तान के सोशल मीडिया पर भी इसकी व्यापक आलोचना हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक पूर्व खोजी पत्रकार सैयद तारिक मजीदी ने ट्विटर पर एक व्यंग्यात्मक संदेश पोस्ट करते हुए कहा, "निकट भविष्य में, काबुल में आत्मघाती हमलावरों के लिए एक नए आवासीय शहर का दौरा किया जा सकता है।" (आईएएनएस)

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