अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान की वो लड़की जिसे भारत में मिली नई ज़िंदगी
13-Jul-2022 9:41 AM
पाकिस्तान की वो लड़की जिसे भारत में मिली नई ज़िंदगी

इमेज स्रोत,@AFSHEEN GUL

-रियाज़ सुहैल

"जब ये पैदा हुई थी, उस समय ठीक थी. लेकिन जब ये आठ या दस महीने की हुई, तो हमें उसकी गर्दन में झुकाव महसूस हुआ. इससे पहले ये अपनी बहन के हाथों से गिर गई थी, हमें लगा कि शायद यह उसी की वजह से हो. हम इसे एक स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने दवा के साथ उसके गले के लिए एक बेल्ट दी. हम ग़रीब लोग हैं आगे इलाज नहीं करा सके."

ये कहना था पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थार रेगिस्तान में रहने वाली 13 वर्षीय अफ़शीन की मां जमीला बीबी का, जिनकी बेटी का सिर बचपन से ही 90 डिग्री बाईं ओर झुका हुआ था.

लेकिन अब अफ़शीन एक सामान्य जीवन जी रही हैं और यह तब संभव हुआ जब भारत के अपोलो अस्पताल में एक भारतीय डॉक्टर अफ़शीन के जीवन में एक 'फरिश्ता' बनकर आए.

और उन्होंने उसके झुके हुए सिर का सफल ऑपरेशन कर के उसे एक नया जीवन दिया.

अफ़शीन पिछले 12 साल से इसी हालत में थीं, जिसकी वजह से उनका चलना, खाना और बात करना मुश्किल हो गया था.

अफ़शीन की मां जमीला बीबी कहती हैं, "वो बचपन से ही ज़मीन पर लेटी रहती थी. वहीं खाना-पीना होता था."

अफ़शीन के पिता एक आटा चक्की में काम करते थे लेकिन कैंसर से पीड़ित होने के बाद अब वह बेरोज़गार हैं.

उन्होंने बताया कि बचपन में उन्होंने लड़की को एक कुम्हार को दिखाया जिसने उसकी गर्दन को झटका दिया, जिससे परेशानी और बढ़ गई, क्योंकि पहले वह अपनी गर्दन हिला सकती थी लेकिन इसके बाद उसकी गर्दन एक तरफ झुक गई.

मेडिकल कैंप और सोशल मीडिया अभियान
मट्ठी शहर की रहने वाली 13 वर्षीय अफ़शीन 2017 में उस समय मीडिया में आई जब उन्हें स्थानीय स्तर पर आयोजित मेडिकल कैंप में जांच और इलाज के लिए लाया गया था, जहां डॉक्टर दिलीप कुमार ने उनकी जांच की, इसके बाद से उनकी बीमारी और परेशानी की ख़बरें मीडिया में आने लगीं.

अभिनेता अहसान ख़ान ने फ़ेसबुक पर अफ़शीन की एक फ़ोटो शेयर की जिसमें उन्होंने इस लड़की के दर्द और बीमारी के बारे में बताया और लिखा, "अफ़शीन को हमारी मदद की ज़रूरत है. इसके अलावा उसके पिता को भी कैंसर है."

पाकिस्तान के निजी टीवी चैनल एआरवाई के कार्यक्रम 'द मॉर्निंग शो' की होस्ट सनम बलूच ने भी अफ़शीन और उनकी मां जमीला बीबी को आमंत्रित किया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर अफ़शीन की तकलीफ़ और बीमारी पर बहुत बातें होने लगीं.

सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर जब अफ़शीन की तस्वीरें वायरल हुईं तो पीटीआई से पीपीपी में शामिल होने वाली नेशनल असेंबली की सदस्या नाज़ बलोच ने ट्विटर पर संदेश लिखा कि "सिंध सरकार की तरफ़ से अफ़शीन का पूरा इलाज कराया जाएगा". इसके बाद उन्हें आग़ा ख़ान अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की.

नाज़ बलूच ने अस्पताल में बीबीसी को बताया था कि पीपीपी की नेता फ़रहाल तालपुर ने संज्ञान लिया है और अब वह ख़ुद अफ़शीन के पूरे इलाज की निगरानी कर रही हैं.

अफ़शीन कुछ समय आग़ा ख़ान अस्पताल में रहीं, इसके बाद उनके माता-पिता उन्हें अपने साथ ले गए. अफ़शीन के भाई याक़ूब कंभर ने बीबीसी को बताया कि "आग़ा ख़ान अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान उनकी जान बचने की संभावना 50 प्रतिशत है."

अफ़शीन के माता-पिता ने इसके बारे में सोचने के लिए डॉक्टरों से समय मांगा और उसके बाद बहन की शादी में व्यस्त हो गए और अफ़शीन का इलाज पूरा नहीं हो सका.

उनके भाई का कहना है कि बहन की शादी के बाद उन्होंने परिवार को समझाया. फिर पीपीपी के नेताओं और सिंध सरकार से संपर्क किया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब न मिलने पर वो निराश हो गए.

'भारतीय डॉक्टर फ़रिश्ता साबित हुए'
ब्रितानी अख़बार की एक रिपोर्टर अलेक्ज़ेंड्रिया थॉमस ने 2019 में अफ़शीन कंभर के स्वास्थ्य और उनके परिवार की वित्तीय स्थिति पर स्टोरी की जिसके बाद अफ़शीन एक बार फिर चर्चा में आ गईं.

याक़ूब कंभर के मुताबिक़, ऑस्ट्रेलिया के किसी व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वो यहां आ जाएं उनका इलाज कराया जाएगा और कराची में दारुल सुकून संस्था से संपर्क करने की सलाह दी.

"हम दारुल सुकून गए. उन्होंने कहा कि पासपोर्ट बनवा लो. उसके बाद वीज़ा की प्रक्रिया शुरू हुई. इसी दौरान दुनिया में कोविड की महामारी फैल गई और हमारा काम वहीं रुक गया."

याक़ूब के मुताबिक, "पिछले साल, अलेक्जेंड्रिया थॉमस ने भारत की राजधानी दिल्ली के अपोलो अस्पताल में डॉक्टर गोपालन कृष्णन से संपर्क किया और हमें बताया कि वह आपसे बात करेंगे. फिर उन्होंने स्काइप पर हमसे बात की और कहा कि आप भारत आएं, यहां मुफ़्त इलाज होगा."

याक़ूब कंभर के अनुसार, "उन्होंने भी कहा कि ऑपरेशन के दौरान उनका दिल धड़कना बंद हो सकता है, फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं और इसके अलावा उन्होंने देखने के लिए कुछ यूट्यूब वीडियो भी भेजे."

"हमने मेडिकल आधार पर वीज़ा के लिए आवेदन किया और वीज़ा मिलते ही हम दिल्ली के लिए रवाना हो गए. हमारी पाकिस्तान की सरकार या किसी अन्य संगठन ने कोई मदद नहीं की थी. विदेशों से लोग हमारी मदद कर रहे थे जिसके ज़रिये से हम पिछले साल नवंबर में भारत पहुंचे."

भारत में ऑपरेशन और सहायता के लिए अपील
फंड इकट्ठा करने वाली वेबसाइट 'गो फ़ंड फ़ॉर मी' पर याक़ूब कंभर ने मदद की अपील की. पहले चरण में उन्हें 29 हज़ार डॉलर मिले. भारत में इलाज और ख़र्च के लिए उन्होंने दोबारा अपील की.

अफ़शीन की एक तरफ़ झुकी हुई गर्दन की एक बड़ी सर्जरी से पहले उनके दो ऑपरेशन किए गए. इसके बाद एक बड़ा ऑपरेशन किया गया.

याक़ूब कंभर का कहना है कि इस दौरान उनका कई डॉक्टरों से संपर्क हुआ, लेकिन उन्होंने डॉक्टर कृष्णन जैसा उत्कृष्ट और रहम दिल डॉक्टर नहीं देखा. उनकी कोशिशों से ये ऑपरेशन सफल रहा.

ऑपरेशन की सफलता के बाद डॉक्टर कृष्णन ने मीडिया को बताया था कि उनसे मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि अगर इलाज नहीं किया जाता, तो वह ज़्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकती थी. उनके अनुसार "शायद दुनिया में ये अपनी तरह का पहला मामला है."

दिमाग़ी तकलीफ़ के कारण अफ़शीन ने छह साल की उम्र में चलना और बोलना सीखा, लेकिन उसकी गर्दन एक साल की उम्र में ही झुकने लगी थी.

सबसे पहले दिसंबर की शुरुआत में उन्हें हेलो-ग्रैविटी ट्रैक्शन लगाना पड़ा, ताकि कुछ समय के लिए उनकी गर्दन सीधी हो जाए.

डॉक्टर कृष्णन की टीम में डॉक्टर मनोज शर्मा, डॉक्टर जयललिता, डॉक्टर चेतन मेहरा और डॉक्टर भानु पंत शामिल थे, इस टीम ने 28 फरवरी को छह घंटे के ऑपरेशन के दौरान अफ़शीन की गर्दन को उसकी रीढ़ की हड्डी से जोड़ दिया. इसके बाद गर्दन को सीधा रखने के लिए एक रॉड और पेंच का इस्तेमाल करके गर्दन को सर्वाइकल रीढ़ की हड्डी से जोड़ा गया.

याक़ूब कंभर ने ट्विटर पर अफ़शीन की मुस्कुराते हुए एक तस्वीर पोस्ट की जिसके साथ लिखा, "इस मुस्कान का क्रेडिट डॉक्टर गोपालन कृष्णन को जाता है, जिन्होंने सर्जरी करके गर्दन को सीधा किया है."

"आप बहुत अच्छे इंसान हैं. पूरा इलाज मुफ्त है. इसी लिए तो हमने आपको कहा कि आप हमारे लिए फरिश्ता बनकर आये हैं. डॉक्टर कृष्णन हर रविवार को स्काइप पर अफ़शीन की जांच करते हैं."

याक़ूब ने रुकावटों और मुश्किलों के बावजूद हार नहीं मानी लगातार कोशिश करते रहे और आख़िरकार पाकिस्तान के एक पिछड़े इलाक़े का एक युवक जो खाली हाथ था, अपनी बहन का ऑपरेशन कराने में कामयाब हो गया, याक़ूब के अनुसार अब वह मुस्कुराती है और और बात करती है. (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news