ताजा खबर
भारत के चीफ़ जस्टिस पद से न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्लाह ने उन पर टिप्पणी की है.
उमर अब्दुल्लाह ने आरोप लगाया है कि जस्टिस एनवी रमन्ना ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया.
केंद्र सरकार ने पाँच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया था.
उमर अब्दुल्लाह ने कुछ महीने पुरानी एक ख़बर ट्वीट की. ये ख़बर जस्टिस एनवी रमन्ना की उस टिप्पणी के बारे में थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.
एनवी रमन्ना का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 को पूरा हो गया.
उमर अब्दुल्लाह ने लिखा, "और फिर वह पीठ गठित किए बिना ही सेवानिवृत्त हो गए. उन्होंने बहुत आसानी से इन मामलों को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया."
उन्होंने लिखा, "कुछ लोगों को हैरानी होती है कि इन संस्थाओं पर भरोसा कम क्यों हो गया? शायद गंभीर मामलों से निपटने के लिए तरीक़े से इसका कुछ वास्ता है." (bbc.com/hindi)