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उमेश कोल्हे मर्डर केस: अभियुक्त अहमद की सूचना देने वाले को दो लाख रुपये देगी NIA
13-Sep-2022 12:33 PM
उमेश कोल्हे मर्डर केस: अभियुक्त अहमद की सूचना देने वाले को दो लाख रुपये देगी NIA

BBC

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे मर्डर केस के अभियुक्त शाहीम अहमद फिरोज़ अहमद के बारे में कोई भी जानकारी देने वालों को दो लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है.

22 साल के अभियुक्त अहमद का घर महाराष्ट्र के अमरावती में है और हत्या के मामले में दो महीने पहले केस दर्ज होने के बाद से वो फरार है.

एजेंसी के अधिकारियों ने पीटीआई को बताया, ‘‘एनआईए ने अहमद की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को दो लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है.’’

जांच एजेंसी इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है.

क्या है पूरा मामला

अमरावती में 21 जून को कोल्हे की हत्या कर दी गई थी. उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था.

उमेश कोल्हे की अमरावती तहसील कार्यालय के पास एक मेडिकल शॉप है.

21 जून की रात वो अपनी दुकान बंद कर के घर चले गए थे. 51 वर्षीय उमेश कोल्हे एक गाड़ी में थे जबकि दूसरी गाड़ी में उनका बेटा संकेत और पत्नी वैष्णवी थी.

रात करीब साढ़े दस बजे चार-पांच हमलावरों ने उन्हें पकड़ लिया, चाकू से उमेश का गला काट दिया और फरार हो गए.

उमेश के बेटे संकेत ने उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

हमले के वक्त उमेश कोल्हे की जेब में 35 हजार रुपये नकद थे. लेकिन हमलावरों ने उसे छुआ तक नहीं. इसलिए हत्या पैसे लूटने के लिए नहीं की गई थी, शुरुआती जांच में यह स्पष्ट था.

वॉट्सऐप की वायरल पोस्ट

दवा की दुकान चलाने वाले उमेश कोल्हे 'ब्लैक फ्रीडम' नाम के एक व्हॉट्सऐप ग्रुप के सक्रिय सदस्य थे.

इस ग्रुप में हिन्दू समर्थक पोस्ट शेयर किए जाते थे. कुछ दिन पहले उमेश कोल्हे ने भी नूपुर शर्मा के विवादित बयान के समर्थन में यहां एक पोस्ट किया था.

अमरावती पुलिस को संदेह है कि वही पोस्ट समूह के बाहर वायरल हो गया होगा. उमेश कोल्हे पर इसलिए हमला किया गया था क्योंकि उन्होंने 'गलती से' इसे एक मुस्लिम समूह को भेज दिया था.

एनआईए ने दो जुलाई को गृह मंत्रालय के निर्देशों पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 153-ए (अलग-अलग समुदायों के बीच विद्वेष फैलाना) और यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था. (bbc.com/hindi)

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