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ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट के फ़ैसले से महबूबा मुफ़्ती नाख़ुश, क्या बोलीं?
13-Sep-2022 12:35 PM
ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट के फ़ैसले से महबूबा मुफ़्ती नाख़ुश, क्या बोलीं?

नई दिल्ली, 13 सितंबर। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की ज़िला अदालत के फ़ैसले पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने नाराज़गी जाहिर की है.

उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फ़ैसले से देश में सांप्रदायिक माहौल बनेगा.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में लिखा, ‘‘उपासना स्थल क़ानून के बावजूद ज्ञानवापी पर कोर्ट का फ़ैसला न सिर्फ़ लोगों को उकसाएगा बल्कि सांप्रदायिक माहौल भी बनाएगा. विडंबना ये हैं कि ये सब बीजेपी के एजेंडा में फ़िट बैठता है. यह दुखद स्थिति है कि अदालतें खुद अपने फ़ैसलों पर अमल नहीं करतीं.
क्या है विवाद?

ज्ञानवापी मस्जिद के इतिहास को लेकर विवाद है. कइयों का मानना है कि पहले से यहाँ मौजूद विश्वनाथ मंदिर को तोड़वाकर मस्जिद बनाई गई थी. कई इतिहासकारों का कहना है कि ऐतिहासिक दस्तावेज़ों में मंदिर तोड़ने का ज़िक्र नहीं है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवी देवताओं की पूजा की मांग को लेकर की गई पांच महिलाओं की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.

मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.

वाराणसी की एक निचली अदालत में दाख़िल अर्ज़ी में याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि ये देवी-देवता प्लॉट नंबर 9130 में मौजूद हैं जो विवादित नहीं है. अर्ज़ी में कहा गया कि सर्वे कराके पूरे मामले को सुलझाया जाए.

लगभग आठ माह बाद आठ अप्रैल, 2022 को अदालत ने सर्वेक्षण करने और उसकी वीडियोग्राफ़ी के आदेश दे दिए.

मस्जिद इंतज़ामिया (प्रबंधन समिति) ने कई तकनीकी पहलुओं के आधार पर इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसे अदालत ने नामंज़ूर कर दिया.

सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के वज़ूख़ाने में एक ऐसी आकृति मिली है, जिसके शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद मस्जिद को सील कर दिया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में नमाज़ जारी रखने जाने का आदेश सुनाया, लेकिन वज़ूख़ाना अब भी सील है. (bbc.com/hindi)

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