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आयातित कोयला का उपयोग, एनटीपीसी की बिजली हुई महंगी, पॉवर कंपनी पर भी डेढ़ सौ करोड़ का बोझ
13-Sep-2022 4:30 PM
आयातित कोयला का उपयोग, एनटीपीसी की बिजली हुई महंगी, पॉवर कंपनी पर भी डेढ़ सौ करोड़ का बोझ

इस माह 160 करोड़ अधिक देने होंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 सितंबर।
एनटीपीसी के आयातित कोयले के प्रयोग के कारण विद्युत की खरीदी में डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की वृद्धि हुई है। इससे आने वाले दिनों में वेरिएबल कॉस्ट के तहत घरेलू बिजली भी महंगी हो सकती है। इसके लिए विद्युत कंपनी को नियामक आयोग से अनुमति लेनी होगी।

छत्तीसगढ़ पावर वितरण कंपनी के एमडी मनोज खरे ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ को एनटीपीसी के पॉवर प्लांट से मिलने वाली बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी हुई है। आमतौर पर हर महीने चार सौ से साढ़े चार सौ करोड़ रुपये बिल आता था, लेकिन इस बार 610 करोड़ रुपये बिल आया है। यह राशि बिजली की खपत पर निर्भर करता है।

उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की बिजली दरों में वृद्धि की एक प्रमुख वजह आयातित कोयले का उपयोग करना भी है। इसके अलावा अन्य कारणों से भी एनटीपीसी की बिजली महंगी हुई है।
एक आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि ताप विद्युत केन्द्रों को पर्याप्त मात्रा में घरेलू कोयला उपलब्ध नहीं होने के कारण, विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिकतम 15 प्रतिशत की मात्रा तक विदेश से आयात कोयले का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, और अपेक्षा की गई है कि कुल जरूरत का 9 प्रतिशत कोयला आयात किया जाए।

बताया गया है कि माह जून 2022 से एनटीपीसी द्वारा कुछ पावर प्लान्टों में 10 से 15 प्रतिशत तक आयातित कोयला का उपयोग किया जा रहा है। आयातित कोयले की दर घरेलू कोयले की दर के मुकाबले 4 से 6 गुना अधिक है। इस कारण आयातित कोयले से उत्पादित विद्युत की दर भी 4 से 6 गुणा अधिक होती है।

एनटीपीसी द्वारा कोरबा में स्थित ताप विद्युत संयंत्रों की अपेक्षा नॉन पिटहेड संयंत्र जैसे मौदा, खरगोन, गाडरवारा, सोलापुर इत्यादि में आयातित कोयले के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है।
माह जनवरी से मार्च तक एनटीपीसी संयंत्रों से क्रय जा रही विद्युत की केवल उर्जा प्रभार की औसत दर 1.97 रूपये प्रति यूनिट थी जो जून से अगस्त के मध्य औसत 2.78 रूपये प्रति यूनिट हो गयी है। इस प्रकार 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

बताया गया है कि दर में वृद्धि के फलस्वरूप एनटीपीसी को प्रति माह लगभग 120 करोड़ रूपये न्यूनतम अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। इसके फलस्वरूप उपभोक्ताओं पर लगभग 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से व्हीसीएस चार्जेस अधिरोपित हो रहे है।

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