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@SANAMWAZIR
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन फ़िलहाल जेल में ही रहेंगे.
हाल ही में कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मंज़ूर हुई थी, और उनकी रिहाई होने वाली थी लेकिन समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ जेल विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें अभी भी जेल में ही रहना होगा.
डीजी जेल पीआरओ संतोष वर्मा ने पीटीआई को बताया, "कप्पन जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनसे जुड़ा एक मामला अभी भी लंबित है और प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच कर रहा है."
बीबीसी संवाददाता अनंत झणाणे ने सिद्दीक कप्पन के वकील मोहम्मद धनीश से बात की.
धनीश का कहना है कि कप्पन के ख़िलाफ पीएमएलए से जुड़े इस मामले में उन्होंने पहले ही बेल के लिए अर्ज़ी डाल दी थी. इसकी सुनवाई 19 सितंबर को होनी तय थी लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत के बाद उन्होंने सुनवाई की तारीख़ पहले करने की अपील की गई.
आज ही इस मामले में सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी.
सोमवार को लखनऊ की कोर्ट ने कप्पन की रिहाई का आदेश जारी किया था. कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस समय गिरफ़्तार किया था, जब वो हाथरस में एक दलित लड़की के कथित बलात्कार और हत्या को कवर करने के लिए जा रहे थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस का आरोप है कि सिद्दीक़ कप्पन को पाँच अक्तूबर, 2020 को पॉपुलर फ़्रंट ऑफ इंडिया (पीएफ़आई) के तीन सदस्यों के साथ गिरफ़्तार किया गया था, जो उनके साथ यात्रा कर रहे थे.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अनुरोध मिश्रा ने कप्पन की रिहाई का आदेश देते हुए उन्हें एक-एक लाख रुपये की ज़मानत और इतनी ही राशि का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया था.
कपन्न पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), ग़ैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. (bbc.com/hindi)