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भ्रष्टाचार को लेकर अपने कृषि मंत्री के बयान पर घिरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
14-Sep-2022 8:26 AM
भ्रष्टाचार को लेकर अपने कृषि मंत्री के बयान पर घिरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना, 14 सितंबर । बिहार की नीतीश कुमार सरकार को मंगलवार को राज्य के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा अपने विभाग में ‘खुलेआम भ्रष्टाचार’ की बात स्वीकार करने पर असहज स्थिति का सामना करना पडा ।

कैमूर जिले में दो दिन पहले एक जनसभा में सिंह द्वारा की गयी टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित होने के बाद भाजपा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि उनका (सिंह का) बयान ‘‘आंख खोलने वाला’’ है और मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार पर श्वेत पत्र के साथ सामने आना चाहिए।

सिंह ने कहा, ‘‘मैंने जो कहा है, मैं उस पर कायम हूं और मैं कोई संशोधन नहीं करना चाहता हूं। मुझे लोगों द्वारा चुना गया है, जिनके प्रति मेरी जिम्मेदारी है।’’

कथित वीडियो में 46 वर्षीय राजद नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हमें नहीं लगता कि बिहार राज्य बीज निगम के बीजों का किसान अपने खेतों में उपयोग करता है। 150-200 करोड़ रूपये इधर ही खा जाता है बीज निगम वाला। हमारे विभाग में कोई ऐसा अंग नहीं है जो चोरी नहीं करता है। इस तरह हम चोरों के सरदार हुए...।”

बिहार में सात दलों वाले सत्तारूढ़ महागठबंधन के लोग सिंह की उक्त टिप्पणी को लेकर राजद नेता से नाराज दिखे पर वे उनके खिलाफ सार्वजनिक तौर पर कुछ कहने के अनिच्छुक थे। सिंह के पिता जगदानंद सिंह पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के भरोसेमंद सहयोगी हैं।

एक महीने पहले सिंह के मंत्री बनने के बाद से उन्हें हटाने की मांग कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनकी इस टिप्पणी का फायदा उठाने की कोशिश में है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कृषि विभाग में भ्रष्टाचार पर मंत्री सुधाकर सिंह का खुद को चोरों का सरदार बताने वाला बयान सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बेटे सुधाकर सिंह ने कैबिनेट की बैठक में उनकी बात नहीं सुने जाने पर अपनी नाराजगी में भी मुख्यमंत्री को निशाना बनाया लेकिन नीतीश कुमार की हिम्मत नहीं कि उन्हें पद से हटा दें।

राज्य भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ‘‘कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा अपने विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के बारे में स्वीकृति बिहार सरकार के लिए एक आंख खोलने वाली बात है।’’

उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर दावा करते हैं कि बिहार में जनता का राज्य है लेकिन हकीकत में बिहार में लालफीताशाही है।

उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को लेकर श्वेत पत्र जारी करने के लिए अविलंब एक उच्च स्तरीय स्वतंत्र समिति का गठन करें।(भाषा)

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