राष्ट्रीय

बेसहारा गोवंश की सेवा में समर्पित पप्पू किदवई का जीवन
18-Sep-2022 12:54 PM
बेसहारा गोवंश की सेवा में समर्पित पप्पू किदवई का जीवन

बहराइच, 18 सितंबर | गौरक्षा के नाम पर भले ही लिचिंग की तमाम घटनाएं सामने आई हों, लेकिन यूपी के बहराइच जिले के रहने वाले पप्पू किदवई का बेसहारा गोवंश की सेवा का काम पिछले 37 सालों से पूरी तन्मयता से जारी है। उन्होंने निराश्रित गोवंश की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। तराई क्षेत्र के आसपास जानवरों को तकलीफ होने पर पप्पू किदवई न सिर्फ उनके इलाज का इंतजाम करते हैं, बल्कि विरासत में मिले औषधियां बनाने के हुनर से उन्हें दवाएं भी देते हैं। इलाके के लोगों को उम्मीद रहती है कि किदवई है तो बेसहारा पशुओं को कोई खतरा नहीं है। गोवंश के इलाज के लिए न तो वे किसी से कोई सहायता लेते हैं और न ही कोई संगठन उनको मदद करता है। वे दिन-रात बेजुबान मवेशियों की सेवा में डटे रहते हैं।

 

धर्म व समाज के बंदिशों की परवाह किए बगैर पप्पू किदवई पांच वक्त की नमाज के साथ गोवंश की सेवा में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि 1985 से गौसेवा में जुटे है। गाय, भैंस, कुत्ता, बिल्ली या कोई भी जानवर हो, जो घायल हो या कोई बीमारी हो तो उसका इलाज करते हैं। इसके अलावा अगर कोई भी बुलाता है तो उसके जानवरों का नि:शुल्क इलाज करते हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी खेती से होने वाली आमदनी से दवाएं बनाते हैं और पशुओं की सेवा करते हैं। बेटाडीन, आयोडेस्क, सुमैग जैसे मलहम घर पर तैयार कर लेते हैं। उनको यह हुनर उनके पिता से मिला है। उनके पिता ए.एच. किदवई पशु चिकित्सा विभाग में कार्यरत होने के साथ-साथ पशुओं के इलाज के कई अचूक नुस्खे और गुर जानते थे। उन्होंने बताया कि पशुओं के इलाज में कई डॉक्टर भी उनका परामर्श लेते हैं।

स्वतंत्रता सेनानी, सादगी और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रफी अहमद किदवई के परिवार से नजदीकी तालुक रखने के कारण सेवा और जरूरतमंदों के प्रति संवेदना पप्पू किदवई को विरासत में मिली है। पप्पू किदवई ने बताया कि वे अब तक तकरीबन पांच हजार जानवरों का इलाज कर चुके हैं। इसके अलावा, जिन पशुओं के कीड़े पड़ जाते हैं या कोई टूट-फूट होती है तो न सिर्फ उसकी सेवा करते है, बल्कि वह जब तक ठीक नहीं हो जाता, तब तक उसकी पूरी देखरेख करते हैं। इतना ही नहीं, वह अन्य लोगों को भी गौवंश पालने से जुड़े लाभों के बारे में बताते हैं और उन्हें जागरूक करने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि जानवरों में कई प्रकार की बीमारी होती है जिसके बारे में लोगो को जागरूक करना होता है।

पप्पू किदवई ने बताया कि उन्हें बीएल चौबे से भी बहुत कुछ ज्ञान मिला है। बताया कि श्रावस्ती पशु कल्याण केंद्र से जुड़े रहे हैं। उन्होंने बताया कि छोटे से बड़े इलाज कर लेते हैं। अगर कोई गरीब आता है उसको दवा की जरूरत होती है तो उसे अपने पास से नि:शुल्क दवा देते हैं। अभी तक इलाज में अपने घर से कई लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। पप्पू किदवई ने बताया कि उन्हें बेसहारा पशुओं के इलाज की प्रेरणा एक घोड़े के इलाज से मिली थी।

पप्पू किदवई ने बताया कि घायल और बीमार बेसहारा गोवंश को पकड़ने में पुलिसवाले और अन्य लोग मदद करते है। उन्होंने यह भी कहा कि इस काम में उन्हें पशुचिकित्सा अधिकारी बलवंत सिंह और एसके रावत से बहुत मदद मिली है। लायंस क्लब की ओर से बहुत जगह नि:शुल्क दवा वितरण का काम भी किया गया है। पप्पू किदवई ने अपील की कि सरकार गौशाला बनवाने के साथ-साथ उनके लिए चारे की भी व्यवस्था करे, गांवों में खाली पड़ी जमीनों को इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका कहना था कि लोग चारे के अभाव में ही जानवरों को सड़कों पर खुला छोड़ते हैं।

गाजीपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) एसके रावत ने बताया कि जब वह बहराइच में पोस्टेड थे, तब वह पप्पू किदवई से मिले थे, किदवई जानवरों से लगाव रखते हैं, वे कई वर्षों से जानवरों की सेवा भी कर रहे हैं। उन्हें जानवरों के इलाज की जानकारी भी है और डॉक्टरों से परामर्श भी ले लेते हैं। बहराइच के रहने वाले धर्मेंद्र बताते हैं कि सड़कों पर एक्सीडेंट से चोटिल हुए पशुओं की सेवा पप्पू किदवई काफी सालों से कर रहे हैं। (आईएएनएस)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news