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जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के बयान पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- "आतंकवाद के पीड़ितों के साथ घोर अन्याय"
08-Oct-2022 7:10 PM
जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के बयान पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया, कहा-

जर्मनी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की साझा प्रेस वार्ता के दौरान जम्मू-कश्मीर पर दिए गए हालिया बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय ने दो टूक दी अपनी तीखी प्रतिक्रिया में इसे "आतंकवाद पीड़ितों के साथ घोर अन्याय" बताया है.

विदेश मंत्रालय के आधिकारी प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "विश्व समुदाय के सभी गंभीर और ईमानदार सदस्यों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, ख़ास कर सीमा पार से हो रहे आतंकवाद का विरोध करें."

"केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. ये अब तक चल रहा है. कुछ विदेशी लोग यहां इससे पीड़ित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और फाटा भी ये मान रहे हैं कि भारत में हुए 26/11 के हमले में पाकिस्तान में आधारित आतंकवादी शामिल थे."

"जब कोई देश ऐसे ख़तरों को नहीं पहचानते हैं, चाहे वो उनके निजी स्वार्थ की वजह से हो या उनकी उदासीनता की वजह से हो, वो शांति के कार्यों को कमज़ोर करते हैं. ऐसे देश आतंकवाद के शिकार लोगों के साथ घोर अन्याय भी करते हैं."

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने जर्मनी की अपनी समकक्ष अन्नालेना बायरबॉक के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान भारत प्रशासित कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दा उठाया था.

पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर भारत का रुख

हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा और कई दूसरे मंचों पर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर बयान दिए हैं.

वॉशिंगटन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि "आतंकवाद से न तो पाकिस्तान को फ़ायदा पहुंचा है और न ही यह अमेरिका के हित में है."

हाल ही में गुजरात के वडोदरा में एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान को "इंटरनेशनल टेररिस्ट्स का एक्सपर्ट" बताया था.

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में ये भी कहा था कि "संयुक्त राष्ट्र में आतंकियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों का और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं."

विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि "भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित राष्ट्र है और यहां आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले देशों और चरमपंथियों को बचाने वालों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग भी की थी. (bbc.com/hindi)

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