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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी राजनीतिकार प्रशांत किशोर के उस दावे का जवाब दिया है कि उन्हें जनता दल यूनाइटेड के नेता की ओर से पद का ऑफ़र दिया गया था.
नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर के उस दावे को पूरी तरह से खारिज किया है.
नीतीश कुमार ने कहा, "नहीं, नहीं... ये गलत बात है. वो ऐसे ही बोलते रहते हैं, सुन लीजिए. कुछ नहीं है. उनको जो मर्जी, बोलते रहें. हम लोगों को उनसे कोई लेना-देना नहीं है. और इस बात को अच्छी तरह जान ही न गए हैं भाई. हम तो दिल्ली में भी और पटना में भी कह दिए हैं और इस बारे में हम रोज़-रोज़ क्या बोलें. वो मेरे साथ रहता था, मेरे घर में रहता था. हम क्या बोलें. अब जिसको जहां जाना है, जाए."
नीतीश कुमार ने उस घटना का भी जिक्र किया कि प्रशांत किशोर ने उन्हें जनता दल यूनाइटेड का कांग्रेस में विलय कर लेने की सलाह दी थी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "एक बार हमको बीच में आकर वो कह रहा था कि हमको अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर लेना चाहिए. ये बहुत पहले... चार साल पहले की बात है. हम भला अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज करेंगे. इन लोगों का कोई ठिकाना नहीं है. अपना जहां गया है... बीजेपी में, उसी के हिसाब से काम कर रहा है."
पिछले दिनों प्रशांत किशोर के साथ हुई मुलाकात पर नीतीश कुमार ने कहा, "हम नहीं बुलाए थे, अपने आया था मिलने के लिए. ये लोग को जो करना है करे, इन लोगों को राजनीति से क्या मतलब है. हमको उससे कोई लेना-देना नहीं है. अच्छा है कि उन लोगों (बीजेपी) के साथ है, मदद कर रहा है. बढ़िया है कि उसको वहां भी जगह मिल जाए... केंद्र से भी..."
नीतीश कुमार ने एक बार फिर ये आरोप दोहराया कि प्रशांत किशोर बीजेपी के साथ मिल कर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "उसी का (बीजेपी का) काम कर रहा है वो... हम लोगों का विरोध, इनका (तेजस्वी यादव) का, सबका विरोध काहे के लिए कर रहा है." (bbc.com/hindi)