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केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई काबू में नहीं आ रही है. सितंबर की रीटेल महंगाई दर में पिछले साल के मुक़ाबले 7.41 फ़ीसदी का उछाल रहा.
राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन ने बुधवार को ये आंकड़े जारी करते हुए बताया कि महंगाई में जारी इस उछाल की बड़ी वजह खाने-पीने की चीज़ों का महंगा होना है.
साथ ही यह भी बताया गया कि ऊर्जा (तेल-गैस, बिजली, कोयला) कीमतों में भी आई तेज़ी ने महंगाई दर में इज़ाफा किया है.
सितंबर में खाद्य महंगाई दर 8.6 फ़ीसदी के स्तर पर पहुँच चुकी है, जबकि अगस्त में ये 7.6 फ़ीसदी पर थी.
अगस्त में रीटेल महंगाई दर 7 फ़ीसदी के स्तर पर थी. अप्रैल के बाद महंगाई दर अपने उच्चतम स्तर पर है.
महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कई कदम उठाने का दावा किया है जिसमें खाद्य पदार्थों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आयात की व्यवस्था भी की गई है.
साथ ही रिज़र्व बैंक ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है. रिज़र्व बैंक ने महंगाई को 6 फ़ीसदी से कम पर लाने का लक्ष्य रखा है. (bbc.com/hindi)