राष्ट्रीय
असम, 28 नवंबर । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने श्रद्धा, आफ़ताब के मामले को लव जिहाद क़रार देते हुए इसके लिए क़ानून बनाने की ज़रूरत बताई.
उन्होंने कहा, "श्रद्धा ने आफ़ताब के ख़िलाफ़ अपनी पहली एफ़आईआर महाराष्ट्र में दर्ज कराने की कोशिश की थी."
"महाराष्ट्र में तब किसकी सरकार थी? तब शिवसेना, कांग्रेस की सरकार थी. पुलिस ने डरा, धमका कर श्रद्धा की एफ़आईआर दर्ज नहीं होने दी."
"किसी भी प्रदेश में अगर ये शिकायत की जाए कि मारने की धमकी दी गई है, तो ये क्रिमिनल केस है. अगर क्रिमिनल केस फ़ाइल होता है तो ये स्टेट का प्रॉपर्टी हो जाता है. यहां तक कि पीड़ित को भी इसे वापल लेने का अधिकार नहीं होता."
हिमंत बिस्वा सरमा ने इसके लिए कांग्रेस पार्टी को भी कठघरे में लिया.
हिमंत बिस्वा सरमा बोले, "कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से ही एक वर्ग को भारत में आज़ादी मिल चुकी है कि आप जो भी करना चाहो करो, आपको क़ानून स्पर्श नहीं करेगा. ये कांग्रेस की परंपरा थी, उसकी संस्कृति थी. उसकी वजह से ही आज देश को आफ़ताब, श्रद्धा जैसी बातें दिखने लगी हैं."
"देश को कांग्रेस ने एक इकोसिस्टम दिया जहां पर लव जिहाद जैसी बात एकदम आसान हो चुकी थी. और ये आफ़ताब जैसे लोग इसी भ्रम में थे कि अभी भी कांग्रेस का इकोसिस्सटम ही है, और इसको हम आगे ले जा सकते हैं."
"देश को लव जिहाद के ख़िलाफ़ क़ानून की ज़रूरत है और ये नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही बन सकता है." (bbc.com/hindi)