राष्ट्रीय
नेपाल, 24 दिसंबर । नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की ओर से रिहाई के आदेश के बाद फ़्रांस के सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज जेल से बाहर आ गए हैं. इस बीच 'इंडियन एक्सप्रेस' ने एक इंटरव्यू प्रकाशित किया है. इंटरव्यू 2016 में लिया गया था.
इस इंटरव्यू में उन्होंने 2003 में नेपाल के एक कैसीनो से अपनी गिरफ्तारी के बारे में बात की और उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर के साथ अपनी मुलाकातों का ज़िक्र किया.
शोभराज ने कहा कि साल 2000 से 2003 के बीच उन्होंने पाकिस्तान की कई यात्राएं कीं और मसूद से मुलाकात की थी.
चार्ल्स शोभराज ने बताया, "देखिये, आप इसके बारे में पहले से ही जानती हैं... इंडियन एयरलाइंस अपहरण की घटना (1999 में) के बाद जब मसूद अज़हर की रिहाई हुई तो 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने उस समय भारत सरकार से मेरी भूमिका का ज़िक्र किया था."
शोभराज ने उस इंटरव्यू में बताया था, ''जसवंत सिंह (उस वक्त विदेश मंत्री) मेरे सीधे संपर्क में थे. सबसे पहले उन्होंने पेरिस में मुझसे मिलने के लिए एक दूत भेजा. इस मुलाकात और जसवंत सिंह से बातचीत के बाद मैंने मसूद की पार्टी हरकत उल अंसार के लोगों से संपर्क किया."
इंटरव्यू में शोभराज आगे कहते हैं, ''बेशक, उन्होंने यात्रियों को छोड़ने से इनकार कर दिया, लेकिन मैं उनसे ये वादा करवाने में सफल रहा कि 11 दिनों तक वे यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. लेकिन इसके बाद वे उनकी हत्या कर देंगे."
उन्होंने कहा, ''मैंने जसवंत सिंह को फोन किया और कहा मेरी राय में 11 दिनों तक तो यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. इसलिए भारत के पास बातचीत के लिए 11 दिन हैं. दरअसल प्लेन कंधार में था और भारत सरकार के पास यात्रियों को बचाने के लिए मसूद अजहर की रिहाई के अलावा कोई चारा नहीं था."
उन्होंने आगे बताया, ''जसवंत सिंह को रिपोर्ट करने के कुछ दिनों बाद उन लोगों ने मुझे फोन किया और कहा कि वे मसूद के साथ बैठे हैं. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं मसूद से बात करूं और उनसे कहूं के वे अपने लोगों को पैसेंजर्स को छोड़ने के लिए कहें. मैंने सीधा मना कर दिया."
''मैंने कहा कि मसूद नहीं मानेगा. इसके साथ ही मुझे ये भी लगता है कि 11 दिनों के बाद वे यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे.'
शोभराज ने कहा, ''ये लोगों को पता नहीं है कि उस कॉल के बाद मेरी जसवंत सिंह से लंबी बातचीत हुई. मैंने उन्हें दूसरा उपाय सुझाया. इसके मुताबिक भारत सरकार आधिकारिक तौर पर पर ये वादा करे और संसद से सहमति ले कि मसूद को छह महीने में रिहा कर दिया जाए. मैं इस शर्त पर हरकत उल अंसार से बातचीत की पूरी कोशिश करूंगा. जसवंत सिंह ने कहा कि वो कैबिनेट से इस बारे में मशविरा करेंगे. लेकिन आखिर में उन्होंने मसूद को छोड़ने का विकल्प चुना. आप इस बात की पुष्टि के लिए जसवंत सिंह से पूछ सकते हैं.''
"मुझे अभी भी ये लगता है कि अगर सरकार ने उसे छह महीने मे रिहा करने वाला विकल्प मान लिया होता तो शायद मैंने हरकत उल अंसार को इसे मानने के लिए राज़ी कर लिया होता."
शोभराज ने उस इंटरव्यू में कहा था कि 2000 से 2003 के बीच वो कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुके थे. इस दौरान उनकी मुलाकात मसूद से हो चुकी थी.
शोभराज ने ये इंटरव्यू 15 अगस्त 2016 को ई-मेल के जरिये दिया था. इंटरव्यू इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार ऋतु सरीन ने लिया था. उस वक्त तक शोभराज को लगने लगा था कि उनकी रिहाई होने ही वाली है.
हालांकि उन्होंने ये शर्त रखी थी कि ये इंटरव्यू उनके काठमांडू जेल से रिहा होन के बाद प्रकाशित किया जाए. लेकिन इसके बाद भी उनकी रिहाई टलती ही रही. 2017 में उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी और उसके बाद कोविड का दौर आ गया. (bbc.com/hindi)