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‘द लीजेंड ऑफ मौला’ भारत में रिलीज़ होती तो अच्छा होता: फवाद खान
02-Jan-2023 8:52 PM
‘द लीजेंड ऑफ मौला’ भारत में रिलीज़ होती तो अच्छा होता: फवाद खान

नयी दिल्ली, 2 जनवरी। पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान ने अपनी फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट’ को लेकर कहा कि यदि यह भारत में रिलीज़ होती तो दोस्ती का हाथ बढ़ाने का यह एक अच्छा तरीका होता- ठीक वैसे ही जैसे ईद और दिवाली पर एक दूसरे को मिठाइयां भेजी जाती हैं।

इस पाकिस्तानी फिल्म को 30 दिसंबर को भारत में रिलीज़ किए जाने की योजना थी लेकिन इसे टाल दिया गया।

बिलाल लाशारी द्वारा निर्देशित फिल्म में फवाद खान के अलावा माहिरा खान भी हैं। “द लीजेंड ऑफ मौला जट” 1979 में आई ‘मौला जट’ से प्रेरित है। इस फिल्म को पिछले साल 13 अक्टूबर को पाकिस्तान में रिलीज़ किया गया था और यह दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली अबतक की पहली पाकिस्तानी फिल्म है। इसने एक करोड़ डॉलर की कमाई की है।

सीएनएन के साथ साक्षात्कार में फवाद से पूछा गया था कि वह फिल्म को भारत में रिलीज़ किए जाने को लेकर क्या सोचते हैं?

साक्षात्कार में 41 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि अगर फिल्म “ रिलीज़ की जाती तो यह ज़ाहिर तौर पर अच्छा होता। अगर ऐसा होता तो यह दोस्ती का हाथ बढ़ाने का अच्छा तरीका होता। ठीक वैसे ही जैसे हम अच्छे वक्त में और ईद तथा दिवाली पर एक-दूसरे को मिठाइयां और शुभकामनाएं भेजते हैं।”

इस साक्षात्कार का वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर साझा किया है।

अभिनेता ने कहा, “ फिल्म और संगीत एक तरह का आदान-प्रदान है, जो दोनों देशों के बीच कूटनीति के लिए बहुत अच्छा होगा। चीज़ें अब भी थोड़ी तनावग्रस्त हैं। इसलिए देखते हैं, क्या होता है। मैंने सुना है कि फिल्म रिलीज़ की जा सकती है और मैंने यह भी सुना है कि फिल्म रिलीज़ नहीं की जा सकती। लिहाज़ा देखते हैं कि क्या होता है।”

आईएनओएक्स के एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था कि फिल्म को भारत में रिलीज़ किए जाने की योजना को टाल दिया गया है।

मल्टीप्लेक्स श्रृंखला के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा था, “ हमें वितरकों ने बताया कि फिल्म की रिलीज़ को टाल दिया गया है। हमें यह दो तीन दिन पहले बताया गया था। हमसे कोई और तारीख साझा नहीं की गई है।”

मनोरंजन जगत से जुड़े एक शख्स ने पहले कहा था कि समाज के कुछ तबकों के विरोध के कारण फिल्म की रिलीज़ को टाला गया है।

उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, “ ज़ी स्टूडियोज़’ ने ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट’ के अधिकार खरीदे थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि फिल्म अच्छा करेगी। मगर कुछ वर्गों के विरोध के कारण फिल्म को रिलीज़ नहीं करने का फैसला लिया गया है।”

उस समय, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की सिनेमा शाखा के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने ट्वीट किया था कि पार्टी की चेतावनी के बाद फिल्म की रिलीज़ रोक दी गई है।

पिछले महीने मल्टीप्लेक्स श्रृंखला पीवीआर सिनेमा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर फिल्म को रिलीज़ किए जाने की तारीख साझा की थी लेकिन बाद में वह पोस्ट हटा लिया गया।

साल 2011 में पाकिस्तानी फिल्म ‘बोल’ भारत के सिनेमाघरों में रिलीज़ की गई थी।

पाकिस्तानी फिल्में भारत में आयोजित महोत्सवों में प्रदर्शित की जाती रही हैं।  (भाषा)

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