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लखनऊ: अखिलेश यादव ने ठुकराई यूपी पुलिस की चाय, कहा-ज़हर दे दोगे तब...?
08-Jan-2023 4:01 PM
लखनऊ: अखिलेश यादव ने ठुकराई यूपी पुलिस की चाय, कहा-ज़हर दे दोगे तब...?

-अनंत झणाणे

लखनऊ, 8 जनवरी ।  लखनऊ में रविवार सुबह समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव यूपी पुलिस के मुख्यालय पहुँच गए और वहां पर अपनी पार्टी के मीडिया सेल के सदस्य मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी का विरोध जताया.

वो पुलिस के आला अधिकारियों से मिलने पहुंचे और वहां की कैंटीन में इंतज़ार करने लगे.

जब वहां मौजूद अधिकारियों ने चाय की पेशकश की तो अखिलेश यादव ने उसे ठुकराते हुए कहा, "चाय बाहर से ले आना. हम यहाँ नहीं पिएंगे चाय. यहाँ की चाय नहीं पिएंगे, बहार की पिएंगे. हम नहीं पी सकते हैं, ज़हर दे दोगे तब? हमें भरोसा नहीं है. सच में भरोसा नहीं है. हम बहार से मंगवा लेंगे चाय, आप अपनी पीजिये, हम अपनी पिएंगे."

अखिलेश यादव का यह बयान वायरल हो रहा है.

पुलिस मुख्यालय से रवाना होने के बाद अखिलेश यादव मनीष जगन अग्रवाल से मिलने लखनऊ जेल भी पहुंचे.

मनीष जगन अग्रवाल से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा, "भाजपा की सरकार में न्याय की उम्मीद मत करिए. पुलिस प्रशासन उसके साथ है, जो अन्याय कर रहा है, झूठ बोल रहा है. जो सच बोलेगा वो सजा पाएगा."

"भाजपा जानबूझकर गलत भाषा इस्तेमाल करवाती है, गलत भाषा लिखवाती है है सोशल मीडिया पर जिससे दुसरे लोग भी उन्हें जवाब दें. भाजपा को अपने लोगों को भाषा सही इस्तेमाल करें, और उनका दूसरों के प्रति अगर गलत भाषा का इस्तेमाल होगा, तो दूसरे ने भी गलत भाषा का इस्तेमाल किया है."

"पुलिस प्रशासन से लेकर सब भाजपा के कार्यकर्ता बन कर काम कर रहे हैं. उन्हें नियम, कानून न्याय से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है. पुलिस मुख्यालय खाली पढ़ा हुआ था. कोई सुनने वाला है तो उम्मीद करो की उत्तर प्रदेश में किसकी सुनवाई हो रही होगी. पुलिस मुख्यालय पर कोई भी दिखाई नहीं दिया. जो जिम्मेदार अधिकारी थे एक भी नहीं था."

कौन है मनीष जगन अग्रवाल?

मनीष जगन अग्रवाल समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी के मीडिया सेल में काम करते है.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि मनीष जगन अग्रवाल के ख़िलाफ़ लखनऊ के हज़रतगंज थाने में दो मामले दर्ज हैं जिसमे उनके ख़िलाफ़ आईटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं.

पुलिस के मुताबिक़ एक मामले में उनके खिलाफ चार्ज शीट भी दायर हो चुकी है.

मनीष अग्रवाल के ख़िलाफ़ मुख्य आरोप आईपीसी की धारा 153(अ) के तहत दर्ज है जिसमे उन पर "धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवासस्थान, भाषा इत्यादि के आधार के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करने" का आरोप है.

क्या है पुलिस का कहना?

उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मीडिया सेल के खिलाफ दो और अभियोग पंजीकृत हैं. जिसकी विस्तृत विवेचना इलेक्ट्रॉनिक फुटप्रिंट तथा सर्विस प्रोवाइडर से सभी सूचना एकत्रित करने के बाद से उसकी गिरफ्तारी की गई है."

पुलिस ने कहा कि उन्होंने विधिक और नियमानुसार कार्रवाई की है. उनके मुताबिक़ मनीष जगन अग्रवाल द्वारा समय समय पर मर्यादाओं की सीमाओं को लांघते हुए भी ट्वीट किए गए हैं.

एडीजी लॉ एंड आर्डर ने कहा कि, "यहाँ तक कि पत्रकार बंधुओं के खिलाफ अशोभनीय, अभद्र और जातिगत विद्वेष से भी ट्वीट किए गए हैं."

लखनऊ पुलिस द्वारा मनीष अग्रवाल को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा.

अखिलेश यादव के "चाय में ज़हर" वाले बयान के बारे में एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, "जो अधिकारी यहाँ मौजूद थे सबके सामने उन्होंने चाय पी." (bbc.com/hindi)

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